प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना | 13 Aug 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने किसानों के लिये पेंशन योजना अर्थात् प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना [Pradhan Mantri Kisan Maan-Dhan Yojana (PM-KMY)] के तहत लाभार्थियों का पंजीकरण शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह योजना स्वैच्छिक और योगदान आधारित है।
- पति और पत्नी इस योजना का लाभ अलग-अलग भी उठा सकते हैं।
- यह योजना केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
पात्रता
- 18 से 40 आयु वर्ग के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
निश्चित पेंशन राशि
- 60 साल की आयु के पश्चात् किसानों को प्रति माह 3000 रुपए पेंशन देने का प्रावधान है।
अभिदाता/योगदानकर्त्ता का अंशदान
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये किसानों को 55 रुपए से 200 रुपए प्रति माह का योगदान देना होगा। उनके द्वारा किये जाने वाले योगदान की धनराशि का निर्धारण योजना से जुड़ने के समय उनकी आयु के आधार पर किया जाएगा
- किसान द्वारा जितनी राशि का योगदान किया जाएगा केंद्र सरकार भी उसके बराबर धनराशि का योगदान करेगी।
- पीएम-किसान (PM-KISAN) योजना के तहत मिलने वाली धनराशि का किसान सीधे पेंशन योजना की योगदान राशि के रूप में भुगतान कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि लघु और सीमांत किसानों (Small and Marginal Farmers- SMF) की आय में वृद्धि करने के लिये, सरकार ने हाल ही में केंद्रीय क्षेत्र की एक नई योजना ‘प्रधानमंत्री किसान निधि’ [Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi (PM-KISAN)] की शुरुआत की है।
पारिवारिक पेंशन: योगदानकर्त्ता की मृत्यु होने पर उसका/उसकी पति/पत्नी शेष योगदान देकर योजना को जारी रख सकते हैं और पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- यदि पति/पत्नी योजना को जारी नहीं रखना चाहते हैं तो ब्याज सहित कुल योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
- यदि पति या पत्नी नहीं है तो नामित व्यक्ति को ब्याज सहित योगदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
- यदि अवकाश प्राप्ति की तारीख के पश्चात् लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन धनराशि का 50 प्रतिशत परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
पेंशन कोष का प्रबंधक
- भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India-LIC) को पेंशन कोष का फंड प्रबंधक नियुक्त किया गया है। निगम पेंशन भुगतान के लिये जवाबदेह होगा।
योजना से बाहर निकलना तथा वापसी
- यदि लाभार्थी कम-से-कम 5 साल तक नियमित योगदान देते हैं और इसके बाद योजना को छोड़ना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) बैंक की बचत खाता ब्याज दर के आधार पर ब्याज सहित धनराशि का भुगतान करेगी।
- यदि नियमित भुगतान में विलंब होता है या अल्प समय के लिये भुगतान रूक जाता है तो किसान ब्याज के साथ संपूर्ण पिछले बकाए का भुगतान कर सकते हैं।
साझा सेवा केंद्र
- इस योजना का पंजीकरण साझा सेवा केंद्रों के ज़रिये किया जा रहा है। पंजीयन नि:शुल्क है। सरकार साझा सेवा केंद्रों को प्रति पंजीयन 30 रुपए का भुगतान करेगी।
शिकायत निवारण प्रणाली
- इस योजना के तहत शिकायतों के निवारण हेतु एक शिकायत निवारण व्यवस्था भी बनाई जाएगी जिसमें भारतीय जीवन बीमा निगम, बैंक और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।