नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


शासन व्यवस्था

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

  • 25 Nov 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

PMGKAY, PMGKP, सार्वजनिक वितरण प्रणाली,राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम

मेन्स के लिये:

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना : महत्त्व एवं चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY-Phase V) को 4 महीने की अवधि यानी दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक बढ़ाने के लिये मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में गरीब और संवेदनशील वर्ग की सहायता करने के लिये ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ (PMGKP) के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी।
      • वित्त मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है।
    • प्रारंभ में इस योजना की शुरुआत तीन माह (अप्रैल, मई और जून 2020) की अवधि के लिये की गई थी, जिसमें कुल 80 करोड़ राशन कार्डधारक शामिल थे। बाद में इसे नवंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया था।
      • इस योजना के चरण- I और चरण- II क्रमशः अप्रैल से जून, 2020 और जुलाई से नवंबर, 2020 तक संचालित थे।
      • योजना का तीसरा चरण मई से जून 2021 तक संचालित था।
      • योजना का चौथा चरण वर्तमान में जुलाई-नवंबर 2021 के लिये संचालित है।
    • इस योजना के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से पहले से ही प्रदान किये गए 5 किलोग्राम अनुदानित खाद्यान्न के अलावा प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूँ या चावल) मुफ्त में उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
    • PMGKAY के इस नए संस्करण में इसके महत्त्वपूर्ण घटकों में से एक का अभाव है जो कि वर्ष 2020 के PMGKAY में उपस्थित था: NFSA के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार के लिये प्रतिमाह 1 किलोग्राम मुफ्त दाल।
  • व्यय:
    • पीएमजीकेएवाई चरण I- V में सरकार लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी।
    • PMGKAY-V में 53344.52 करोड़ रुपए की अनुमानित अतिरिक्त खाद्य सब्सिडी होगी।
  • अब तक आवंटन:
    • PMGKAY (चरण 1 से 4) के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को कुल मिलाकर लगभग 600 लाख मीट्रिक टन (LMT) खाद्यान्न का आवंटन किया गया, जो लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपए की खाद्यान्न सब्सिडी के बराबर है। 
    • PMGKAY 4 के तहत वितरण का कार्य वर्तमान में चल रहा है और अब तक राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, 93.8% खाद्यान्न आवंटित किया गया है।
  • महत्त्व:
    • यह दैनिक श्रमिकों और अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमियों की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, जिन्होंने कोविड-19 प्रेरित लॉकडाउन के मद्देनज़र अपनी नौकरी खो दी।
  • चुनौती:
    • एक प्रमुख मुद्दा यह है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थी अंतिम जनगणना (2011) पर आधारित हैं, हालाँकि तब से खाद्य-असुरक्षित लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो अब इस योजना के तहत शामिल नहीं हैं।

स्रोत: पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow