अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विकास का एक नया नाम “सौभाग्य” योजना
- 26 Sep 2017
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चर्चा में क्यों ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर 2018 तक देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 4 करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिये 16,320 करोड़ रुपए की एक नई योजना प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना 'सौभाग्य' (Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana ‘Saubhagya) का शुभारंभ किया गया।
योजना के मुख्य बिंदु
- इस योजना के तहत सरकार द्वारा दिसंबर 2018 तक (मार्च 2019 तक इस उद्देश्य को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है) सभी परिवारों को बिजली उपलब्ध कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।
- 1 मई, 2018 की निर्धारित समय सीमा से पहले दिसंबर 2017 तक सभी गाँवों का विद्युतीकरण किया जाएगा।
- इस योजना की प्रमुख विशेषता यह है कि इस योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे।
योजना के लाभ क्या - क्या हैं?
- देश के सभी घरों तक बिजली की पहुँच सुनिश्चित की जाएगी।
- यह केरोसिन का प्रतिस्थापन (Substitution) होगा।
- हर समय बिजली उपलब्ध होने से शैक्षिक एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
- सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
- रोज़गार के अवसरों में वृद्धि होगी।
- साथ ही सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि इससे न केवल लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि इससे विशेष रूप से महिलाओं को दैनिक कार्यों में बहुत सुविधा प्राप्त होगी।
ओ.एन.जी.सी. द्वारा स्टार्ट अप फंड का प्रयोग किया जाएगा
- प्रधानमंत्री ने ओ.एन.जी.सी. से अपने स्टार्ट अप फंड से 100 करोड़ रुपए का उपयोग करते हुए यूज़र फ्रेंडली इलेक्ट्रिक कुकिंग उपकरणों (User Friendly Electric Cooking Appliances) को विकसित करने के लिये कहा गया है। इसका उद्देश्य ईंधन की खपत को कम करने में सहायता प्रदान करना है।
‘सौभाग्य’ योजना का कुल बजट
- ‘सौभाग्य’ योजना का कुल परिव्यय 16,320 करोड़ रुपए है, जबकि इसके लिये सकल बजट सहायता राशि (Gross Budgetary Support - GBS) 12,320 करोड़ रुपए है।
- ग्रामीण परिवारों के लिये कुल 14,025 करोड़ रुपए का बजट लक्षित किया गया है, जिसमें जी.बी.एस. 10,587.50 करोड़ रुपए है।
- शहरी परिवारों के लिये व्यय राशि 2,295 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, जिसमें जी.बी.एस. राशि 1,732.50 करोड़ रुपए है।
- केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिये बड़े पैमाने पर धन उपलब्ध कराया जाएगा।
लाभार्थियों की पहचान कैसे की जाएगी?
- सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना (Socio Economic and Caste Census - SECC) 2011 के आँकड़ों के आधार पर मुफ्त बिजली कनेक्शनों के लिये लाभार्थियों की पहचान की जाएगी।
- इस योजना के तहत यह भी स्पष्ट किया गया है कि एस.ई.सी.सी. आँकड़ों के तहत शामिल नहीं किये गए गैर-विद्युतीकृत घरों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
- इस योजना के तहत गैर-विद्युतीकृत घरों को 500 रुपए के भुगतान पर बिजली कनेक्शन प्रदान किये जाएंगे। इस राशि को डिस्कॉम द्वारा बिजली बिल के माध्यम से 10 किस्तों में वसूल किया जाएगा।
- लाभार्थियों की पहचान बिजली कनेक्शन के लिये प्रस्तुत उनके आवेदन में लगी तस्वीर और पहचान प्रमाण के माध्यम से की जाएगी।
दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित गैर-विद्युतीकृत घरों हेतु प्रावधान
- इसके अतिरिक्त देश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित गैर-विद्युतीकृत घरों के लिये बैटरी बैंक के साथ-साथ 200 से 300 डब्ल्यू.पी. क्षमता वाले सौर ऊर्जा पैकों को स्थापित किया जाएगा। एक पैक में पाँच एल.ई.डी. लाइट्स, एक डी.सी. फैन, एक डी.सी. पावर प्लग शामिल है।
नोडल निकाय
- ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों/सार्वजनिक संस्थानों को पंचायती राज संस्थानों और शहरी स्थानीय निकायों के साथ परामर्श द्वारा पूर्ण दस्तावेज़ के साथ आवेदन पत्र जमा करने, बिल वितरित करने और राजस्व एकत्र करने के लिये अधिकृत किया जा सकता है।
- पूरे देश में इस योजना के संचालन के लिये ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (Rural Electrification Corporation Limited- REC) नोडल निकाय रूप में कार्य करेगी।
गर्व पोर्टल से प्राप्त जानकारी के अनुसार
- विदित हो कि वर्ष 2015 में, प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में 1000 दिनों में शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गाँवों को बिजली देने की घोषणा की गई थी। हालाँकि, सरकार द्वारा इस वर्ष दिसंबर तक देश के सभी गाँवों तक बिजली पहुँचने की उम्मीद व्यक्त की गई है।
- गर्व पोर्टल के मुताबिक, 18,452 गाँवों में से अभी तक कुल 14,483 गाँवों का विद्युतीकरण किया गया है। 2981 गाँवों में विद्युतीकरण कार्य प्रगति पर है, जबकि 988 गाँव निर्जन (Uninhabited) हैं।
- इस पोर्टल में यह भी इंगित किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 17.92 करोड़ परिवारों में से 13.87 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन प्राप्त हो चुके हैं। हालाँकि, 4.05 करोड़ परिवारों को अभी तक बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं।