सुपरबग का प्रसार | 25 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिकी शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए एक शोध के अनुसार, पादप-आधारित खाद्य पदार्थों के माध्यम से मनुष्य के शरीर में एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोधी बैक्टीरिया (Anti-microbial resistant bacteria) या सुपरबग्स (superbugs) का संचार हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि शोधकर्त्ताओं ने चूहों पर प्रयोग किया और इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिये लेट्यूस-माउस मॉडल (Lettuce–Mouse Model) नामक एक विधि का इस्तेमाल करके सुपरबग ई-कोलाई (E-coli) पर अध्ययन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमण (Antibiotic-Resistant Infections) सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक क्षेत्र के लिये वैश्विक रूप से एक बड़ा खतरा है।
- अतः इस प्रकार के संक्रमणों को रोकने के लिये बैक्टीरिया के संचरण की प्रक्रिया को समझना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार, पादप-आधारित खाद्य पदार्थ एंटीबायोटिक प्रतिरोध को आँतों के माइक्रोबायोम तक पहुँचाने के लिये माध्यम के रूप में काम करते हैं।
- हालाँकि पादपों/पौधों से मनुष्यों में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी सुपरबग्स के प्रसार का प्रभाव दूषित सब्जियों को खाने के तुरंत बाद होने वाली डायरिया जैसी बीमारियों के प्रभाव से भिन्न है।
- सुपरबग आँतों में महीनों या वर्षों तक छिपे रह सकते हैं और शरीर से बाहर निकलते समय संक्रमण कर सकते हैं।
सुपरबग (Superbugs)
- सुपरबग एक ऐसा सूक्ष्मजीव है, जिस पर एंटीमाइक्रोबियल ड्रग्स का प्रभाव नहीं पड़ता। एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध विकसित करने वाले सूक्ष्मजीवों को ‘सुपरबग’ के नाम से जाना जाता है।
- एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग बहुतायत मात्रा में किये जाने के कारण बैक्टीरिया में इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो गई है जिससे उन पर दवाओं का असर न के बराबर हो रहा है।
- यही प्रभाव अन्य सूक्ष्मजीवियों (Micro-Organism) के संदर्भ में भी देखा जा रहा है, यानी एंटीफंगल (Antifungal), एंटीवायरल (Antiviral) और एंटीमलेरियल (Antimalarial) दवाओं का असर भी कम होने लगा है।
- अतः एंटीबायोटिक प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) ही नहीं बल्कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance) भी आज समस्त विश्व के लिये एक बड़ा खतरा बना हुआ है, क्योंकि इसके कारण सामान्य बीमारियों के चलते भी मौत हो सकती है।