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जैव विविधता और पर्यावरण

सांभर झील के पास अस्थायी पक्षी आश्रयों का निर्माण

  • 07 Oct 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये

सांभर झील की भौगोलिक अवस्थिति

मेन्स के लिये

सांभर झील के संरक्षण से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार इस वर्ष सर्दियों के मौसम से पहले प्रसिद्ध सांभर झील के पास प्रवासी पक्षियों के लिये अस्थायी आश्रयों का निर्माण करेगी।

प्रमुख बिंदु:

  • इस वर्ष मध्य एशिया के ठंडे उत्तरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों के देश की सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील में पहुँचने की उम्मीद है।
  • वर्ष 2019 में झील में बॉटुलिज़्म के संक्रमण के कारण 20,000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई थी।
  • राजस्थान उच्च न्यायालय ने पक्षियों की सामूहिक मृत्यु पर संज्ञान लेते हुए नमक के प्रभाव का अध्ययन करने और झील में नमक के अवैध खनन की पहचान करने के लिये सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।

बॉटुलिज़्म (Botulism)

  • बॉटुलिज़्म संक्रमण पोल्ट्री फार्म्स में होने वाली मौतों के सबसे आम कारणों में से एक है। यह संक्रमण क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम (Clostridium Botulinum) बैक्टीरिया द्वारा फैलता है।
  • इस संक्रमण के कारण पक्षी आमतौर पर खड़े होने, ज़मीन पर चलने में असमर्थ हो जाते हैं और यह बीमारी पक्षियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है।
  • बॉटुलिज़्म का कोई विशिष्ट इलाज उपलब्ध नहीं है, इससे संक्रमित अधिकांश पक्षियों की मौत हो जाती है।

राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम:

  • राज्य सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने झील के पास अस्थायी नर्सरी बनाने के लिये 1.80 करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं।
  • उच्च न्यायालय की एक डिवीजनल बेंच ने कहा कि यदि पक्षियों की सुरक्षा हेतु बुनियादी ढाँचा बनाने के लिये अधिक धन की आवश्यकता पड़ती है, तो राज्य सरकार केंद्र से सहायता मांग सकती है।

अन्य प्रयास:

  • मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विशेषज्ञ समिति को मामले की जाँच और वैज्ञानिक अध्ययन करने तथा चार सप्ताह के भीतर न्यायालय को एक सीलबंद लिफाफे में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने को कहा।
  • समिति से संबंधित सभी खर्च राज्य सरकार का वन विभाग वहन करेगा और पैनल में नामांकित विशेषज्ञों को मानदेय भी देगा।
  • इस पैनल के सदस्यों में वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया (Wetlands International South Asia) के उपाध्यक्ष अजीत पटनायक, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (Bombay Natural History Society) के सहायक निदेशक पी. सत्यासेल्वम (P. Sathiyaselvam) और राजस्थान के पूर्व मुख्य वन्यजीव संरक्षक आर.एन. मेहरोत्रा शामिल हैं।

सांभर झील:

  • सांभर झील राजस्थान राज्य में जयपुर के समीप स्थित है। यह देश में खारे पानी की सबसे बड़ी झील है और नमक का बड़ा स्रोत है।
  • ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, सांभर झील का निर्माण 551 ईस्वी में चौहान वंश के राजा वासुदेव द्वारा की गई।
  • इस पर सिंधियों, मराठों और मुगलों का अधिकार रहा तथा वर्ष 1709 में राजपूतों ने इसे पुनः अपने अधिकार में ले लिया।
  • सांभर झील एक विश्वविख्यात रामसर साइट है। यहाँ नवंबर से फरवरी तक उत्तरी एशिया और साइबेरिया से हज़ारों की संख्या में फ्लेमिंगो एवं अन्य प्रवासी पक्षी आते हैं।
  • यहाँ के अन्य दर्शनीय स्थलों में शाकंभरी माता मंदिर, शर्मिष्ठा सरोवर, भैराना, दादू द्वारा मंदिर और देवयानी कुंड शामिल हैं।

स्रोत- द हिंदू

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