शासन व्यवस्था
पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों को एकीकृत करने के लिये पायलट प्रोजेक्ट
- 27 Dec 2018
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चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय के एक पैनल ने तेलंगाना के वारंगल ज़िले में आपराधिक न्याय वितरण प्रणाली के दो महत्त्वपूर्ण स्तंभों- अदालतों और पुलिस स्टेशनों को एकीकृत करने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- शीर्ष अदालत की ई-कमेटी की एक पहल, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (Inter-operable Criminal Justice System- ICJS) सभी आपराधिक अदालतों और पुलिस स्टेशनों के बीच डेटा के लाइव आदान-प्रदान को संभव बनाने का प्रयास करती है।
- जस्टिस एम.बी. लोकुर, सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी के प्रमुख हैं और ICJS के अध्यक्ष भी हैं।
- यह परियोजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ संरेखित है और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देगी।
- यह प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Reports-FIR) और चार्जशीट दायर करने जैसी कागज़ी कार्रवाई और दस्तावेज़ी सबूतों के काम को पूरा करने में लगने वाले समय को बचाने में मदद करेगी।
- जाँच अधिकारियों के लिये अदालती कार्रवाई की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी।
- इसके अगले चरण में ICJS डेटा साझाकरण को अन्य राज्यों में विस्तारित करना और इसे जेलों, फोरेंसिक केंद्रों, अभियोजन प्रणालियों तथा किशोर गृहों तक विस्तारित करना शामिल हैं।
- ई-न्यायालय परियोजना का उद्देश्य देश भर में ज़िला और अधीनस्थ अदालतों का कंप्यूटरीकरण है।
- यह कार्यान्वयन के अंतिम चरण में पहुँच गया है। इसमें 16,755 ज़िला अदालतों को शामिल किया गया है। परियोजना के तहत ई-सम्मन, वकीलों और वादियों को SMS अलर्ट तथा ई-फाइलिंग जैसी कई इलेक्ट्रॉनिक सेवाएँ शुरू की गई हैं।
- नेशनल न्यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid) 100 मिलियन से अधिक मामलों की एक गतिशील रिपॉज़िटरी की मेज़बानी करता है।
राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid-NJDG)
- राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड ई-न्यायालय एकीकृत मिशन मोड परियोजना का अंग है। ई-न्यायालय राष्ट्रीय पोर्टल (ecourts.gov.in) की शुरुआत अगस्त 2013 में की गई थी।
- तब से अब तक 2852 से अधिक ज़िला और तालुका कोर्ट कॉम्प्लेक्स ने NJDG पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
- NJDG मामलों की पहचान करने, प्रबंधन एवं लंबित होने की अवधि को कम करने के लिये निगरानी के साधन के रूप में कार्य करता है।
- NJDG ने विशेष रूप से भारत को वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है।