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डेली न्यूज़


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

फॉस्फोरस बम

  • 15 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

फॉस्फोरस बम,डोनबास क्षेत्र, रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी), ऑस्ट्रेलिया समूह।

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, रूस-यूक्रेन युद्ध।


चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूक्रेन की पुलिस द्वारा रूसी सेना पर आरोप लगाया गया है कि उसने पूर्वी यूक्रेन के लुगांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्रों, जिन्हें सामूहिक रूप से डोनबास (Donbas) के रूप में जाना जाता है, में फॉस्फोरस बम (रासायनिक हथियार) से हमले किये हैं।

  • अंतर्राष्ट्रीय कानून अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में सफेद/ह्वाइट फास्फोरस के बम के उपयोग को प्रतिबंधित करता है लेकिन खुले स्थानों पर सैनिकों को कवर/सुरक्षा प्रदान करने के लिये इनके इस्तेमाल की अनुमति देता है।

प्रमुख बिंदु

फॉस्फोरस बम:

  • एलोट्रोप्स/अपररूप: सफेद फॉस्फोरस एक ऐसा युद्धक हथियार है जिसमें रासायनिक तत्त्व फॉस्फोरस के किसी अपररूप ( Allotropes) का उपयोग किया जाता है।
  • पायरोफोरिक: सफेद फाॅस्फोरस एक स्वतः ज्वलनशील/पायरोफोरिक (Pyrophoric) तत्त्व है (यह हवा के संपर्क में आने पर प्रज्वलित होता है), यह अत्यधिक ज्वलनशील है जो कपड़ा, ईंधन, गोला-बारूद और अन्य ज्वलनशील पदार्थों को प्रज्वलित कर सकता है।
    • इसके अलावा इसका उपयोग ट्रेसर गोला बारूद (Tracer Ammunition) में रोशनी युक्त धुआँ उत्पन्न करने और ज्वलनशील तत्त्वों के रूप में भी किया जाता है।
  • रासायनिक प्रतिक्रिया: अपनी आक्रामक क्षमताओं के अलावा सफेद फाॅस्फोरस एक अत्यधिक तीव्र धुआंँ-उत्पादक एजेंट (Smoke-Producing Agent) है, जो हवा के साथ प्रतिक्रिया करके तत्काल विषाक्त फॉस्फोरस पेंटोक्साइड वाष्प (Phosphorus Pentoxide Vapour) के आवरण का निर्माण करता है।
  • प्रभाव: फॉस्फोरस से निर्मित पेंटोक्साइड वाष्प के आवरण के टुकड़ों की वजह से गंभीर चोटों के अलावा सफेद फाॅस्फोरस युद्ध सामग्री मुख्य तौर पर दो तरीकों से नुकसान पहुंँचाने का कारण बन सकती है: जलने और वाष्प में साँस लेने से।

रासायनिक हथियार:

  • रासायनिक हथियार एक ऐसा रसायन होता है जिसका उपयोग इसके ज़हरीले गुणों के माध्यम से जान-बूझकर मौत या नुकसान पहुँचाने के लिये किया जाता है।
  • विशेष रूप से ज़हरीले रसायनों से हथियार बनाने के लिये डिज़ाइन की गई युद्ध सामग्री, उपकरण और अन्य हथियार भी रासायनिक हथियारों की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं।

रासायनिक हथियारों के उपयोग के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय कानून:

  • रासायनिक हथियार कन्वेंशन (Chemical Weapons Convention- CWC) रासायनिक हथियारों पर प्रतिबंध लगाने और निर्धारित समय के भीतर उनके विनाश हेतु एक बहुपक्षीय संधि है।
  • CWC के लिये वार्ता की शुरुआत वर्ष 1980 में निरस्त्रीकरण को लेकर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में शुरू हुई।
  • इस कन्वेंशन का मसौदा सितंबर 1992 में तैयार किया गया था और जनवरी 1993 में इसे हस्ताक्षर के लिये प्रस्तुत किया गया था। यह अप्रैल 1997 से प्रभावी हुआ।
  • यह पुराने और प्रयोग किये जा चुके रासायनिक हथियारों को नष्ट करना अनिवार्य बनाता है।
  • सभी सदस्य देशों को उनके पास मौजूद दंगा नियंत्रण एजेंट (यानी 'आँसू गैस' आदि) के विषय में भी घोषणा करनी चाहिये।
  • भारत ने जनवरी 1993 में संधि पर हस्ताक्षर किये। रासायनिक हथियार कन्वेंशन अधिनियम, 2000 CWC को लागू करने हेतु पारित किया गया था।
  • यह कन्वेंशन प्रतिबंधित करता है:
    • रासायनिक हथियारों का विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, भंडारण या प्रतिधारण।
    • रासायनिक हथियारों का स्थानांतरण।
    • रासायनिक हथियारों का उपयोग करना।
    • CWC द्वारा निषिद्ध गतिविधियों में शामिल होने के लिये अन्य पक्षों की सहायता करना।
    • दंगा नियंत्रण उपकरणों का उपयोग 'युद्ध सामग्री' के रूप में करना।
  • CWC के अलावा ‘ऑस्ट्रेलिया समूह’ रासायनिक या जैविक हथियारों के प्रसार को भी रोकता है।

‘ऑस्ट्रेलिया समूह’ क्या है?

  • ऑस्ट्रेलिया समूह (AG) देशों का एक अनौपचारिक मंच है, जो किसी भी ऐसी सामग्री के निर्यात को नियंत्रित कर यह सुनिश्चित करता है कि इसका उपयोग रासायनिक या जैविक हथियारों के विकास में न किया जाए।
  • वर्ष 1985 में ऑस्ट्रेलिया समूह (AG) का गठन ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) के दौरान इराक द्वारा रासायनिक हथियारों के उपयोग से प्रेरित था।
  • राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण उपाय ऑस्ट्रेलिया समूह के सदस्यों को रासायनिक हथियार कन्वेंशन और जैविक एवं विषाक्त हथियार कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने में सहायता करते हैं।
  • इसमें यूरोपीय संघ सहित 43 सदस्य हैं। सदस्य सर्वसम्मति के आधार पर काम करते हैं। इसकी वार्षिक बैठक पेरिस (फ्राँस) में आयोजित की जाती है।
  • भारत 19 जनवरी, 2018 को ऑस्ट्रेलिया समूह में (43वें प्रतिभागी के रूप में) शामिल हुआ था।
  • ‘ऑस्ट्रेलिया समूह’ ने सर्वसम्मति से भारत को सदस्य के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया।

विगत वर्षों के प्रश्न

प्र. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2020)

          अंतर्राष्ट्रीय समझौता/सेट-अप              विषय

  1. अल्मा-अता की घोषणा           : लोगों की स्वास्थ्य देखभाल
  2. हेग कन्वेंशन                         : जैविक और रासायनिक हथियार
  3. तालानोआ संवाद                  : वैश्विक जलवायु परिवर्तन
  4. अंडर-2 गठबंधन                  : बाल अधिकार

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: c

स्रोत: द हिंदू

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