अब खुफिया अधिनियम के अंतर्गत आएगा ‘एनटीआरओ’ | 18 May 2017
संदर्भ
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) को अब खुफिया ब्यूरो(Intelligence Bureau –IB) तथा राष्ट्रीय अनुसंधान और विश्लेषण विंग(Research and Analysis Wing -RAW) के समान ही नियमों का पालन करना होगा| विदित हो कि इससे पूर्व यह संगठन अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय( PMO) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को सौंपता था|
प्रमुख बिंदु
- गृह मंत्रालय ने 15 मई को एक अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन को खुफिया संगठन(अधिकारों की रोकथाम) अधिनियम,1985 के अंतर्गत सूचीबद्ध किया गया है| ध्यातव्य है कि यह संगठन कई दशकों से यह मांग कर रहा था|
- यह अधिनियम अधिसूचित एजेंसी के कर्मचारियों को संघ/संगठन बनाने से रोकता है, कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा प्रेस से किसी भी प्रकार का संपर्क करने पर प्रतिबंध लगाता है| इसके अतिरिक्त, यह अधिनियम खुफिया संगठन के प्रमुख की अनुमति के बिना किसी भी पुस्तक अथवा दस्तावेज़ को प्रकाशित करने पर भी प्रतिबंध लगाता है|
- इससे पूर्व खुफिया ब्यूरो तथा अनुसंधान और विश्लेषण विंग दोनों ने किसी भी अन्य संगठन को इस अधिनियम के अंतर्गत निगरानी एजेंसी के रूप में सूचीबद्ध करने का विरोध किया था|
- वर्ष 2012 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान गृह मंत्रालय ने एनटीआरओ को फोन की निगरानी की शक्तियाँ देने से इनकार कर दिया था जिसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि इस संगठन को खुफिया अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित नहीं किया गया है|
- एनटीआरओ का गठन वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के पश्चात् एक समर्पित तकनीकी खुफिया एजेंसी के रूप में किया गया था|
- इस अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित होने के पश्चात संगठन को संचार व्यवस्था की निगरानी करने और उसमें बाधा उत्पन्न करने का कानूनी अधिकार प्राप्त हो गया है|
- राष्ट्रीय जाँच एजेंसी(NIA), राजस्व खुफिया निदेशालय (Directorate of Revenue Intelligence -DRI), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau -NCB) जैसी कई सुरक्षा एजेंसियाँ उन अन्य एजेंसियों में सम्मिलित हैं जो गृह मंत्रालय से उन्हें खुफिया संगठन अधिनियम में शामिल करने का अनुरोध कर रही हैं|
- इस संशोधन से संगठन की शक्तियों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी परन्तु अन्य खुफिया एजेंसियों के समान ही इस पर आचरण संबंधी कुछ नियम लागू होंगे|
- एनटीआरओ कई लोगों की नियुक्ति निजी क्षेत्र से करता है तथा अधिनियम के अंतर्गत सूचीबद्ध होने से उन लोगों पर भी वही सुरक्षा तथा प्रतिबन्ध लागू होंगे जो अन्य खुफिया एजेंसियों पर लागू होते हैं|
- ‘आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम’ (Official Secrets Act) पहले से ही एनटीआरओ के कर्मचारियों पर लागू होता है| अतः इस संगठन के कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोका जाता है जबकि यह संगठन केवल बाहरी घुसपैठ ही करता है|
- एनटीआरओ के एक अधिकारी का कहना है कि वे देश के लिये कार्य कर रहे हैं परन्तु कोई भी उन्हें मान्यता प्रदान नहीं कर रहा है| यह अधिसूचना उनके कार्य को सम्मान और पवित्रता दिलाएगी|