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शासन व्यवस्था

मानव रहित विमान प्रणाली नियम, 2020

  • 08 Jun 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ड्रोन, नागर विमानन महानिदेशालय

मेन्स के लिये:

मानव रहित विमान प्रणाली नियम, 2020 से संबंधित तथ्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने मसौदा ‘मानव रहित विमान प्रणाली नियम, 2020’ [Unmanned Aircraft System (UAS) Rules, 2020] को अधिसूचित किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा मानव रहित विमान के उत्पादन, आयात, व्यापार, स्वामित्त्व और संचालन को विनियमित करने हेतु नियम अधिसूचित किया गया है।
  • नागर विमानन मंत्रालय ने 30 दिनों के भीतर मसौदा ‘मानव रहित विमान प्रणाली नियम, 2020’ पर सार्वजनिक टिप्पणियाँ आमंत्रित की हैं जिसके बाद अंतिम नियम जारी किये जाएंगे।

मसौदा नियम:

  • नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation- DGCA) द्वारा अधिकृत किसी संस्था या व्यक्ति को ही किसी अधिकृत विनिर्माता से उपकरणों के खरीद की अनुमति होगी। 
  • मसौदा नियम के तहत केवल नैनो ड्रोन को ही भारत में संचालित करने की अनुमति है। 
  • मसौदा नियम के अनुसार, केवल योग्य पायलट द्वारा ही भारी ड्रोन को संचालित करने की अनुमति होगी। 
  • वैध बीमा पॉलिसी होने की स्थिति में ही  मानव रहित विमान प्रणाली से कार्य लिया जाएगा। 
  • ड्रोन का पेलोड नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप ही होना चाहिये। 
  • किसी भी व्यक्ति को आपातकालीन स्थिति के अलावा ड्रोन से किसी भी वस्तु को लैंड किये बिना डिलीवरी की अनुमति नहीं होगी। 
  • ड्रोन से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक वस्तुएँ, इत्यादि को ले जाने की अनुमति नहीं है। 
  • स्वामित्त्व:
    • ड्रोन के मालिक और ड्रोन को संचालित कर रहे व्यक्ति की आयु कम-से-कम 18 वर्ष होनी चाहिये। 
    • ड्रोन से संबंधित किसी भी तरह की कंपनी भारत में स्थापित होनी चाहिये एवं अध्यक्ष और कम-से-कम दो तिहाई निदेशक भारतीय नागरिक होने चाहिये। 

ड्रोन (Drone):

  • ड्रोन एक प्रकार का फ्लाइंग रोबोट (Flying Robot) होता है, जिसे मनुष्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसकी खोज मनुष्यों ने अपने दैनिक कार्यों के संपादन के लिये की थी, परंतु वर्तमान में इसका प्रयोग खुफिया जानकारी प्राप्त करने हेतु भी काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।
  • ड्रोन को मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) भी कहा जाता है।
  • ड्रोन के प्रकार:
    • नैनो ड्रोन- वे ड्रोन जिनका वजन 250 ग्राम तक होता है।
    • सूक्ष्म ड्रोन- वे ड्रोन जिनका वजन 250 ग्राम से अधिक लेकिन 2 किलो ग्राम से कम होता है।
    • लघु ड्रोन- वे ड्रोन जिनका वजन 2 किलोग्राम से अधिक लेकिन 25 किलोग्राम से कम होता है।
    • मध्यम ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वजन 25 किलोग्राम से अधिक लेकिन 150 किलोग्राम से कम होता है।
    • विशाल ड्रोन: वे ड्रोन जिनका वजन 150 किलो ग्राम से अधिक होता है।

ड्रोन के इस्तेमाल के लाभ:

  • ड्रोन, आधुनिक युग की तकनीक का एक नया आयाम है जिसे आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है
  • ड्रोन उन स्थानों पर भी आसानी से पहुँच सकता है, जहाँ जाना इंसानों के लिये अपेक्षाकृत मुश्किल होता है या पूर्णतः असंभव होता है, अतः ड्रोन की यह विशेषता उसे आपदा प्रबंधन में प्रयोग करने के लिये भी एक अच्छा विकल्प बनाती है।
  • ड्रोन के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि समय की भी काफी बचत होती है, क्योंकि इसे सामान्यतः ट्रैफिक अवरोध का सामना नहीं करना पड़ता, साथ ही इसके प्रयोग से कंपनियों की श्रम लागत भी काफी कम हो जाती है।

ड्रोन के इस्तेमाल से नुकसान:

  • ड्रोन एक मशीन है और अन्य मशीनों की तरह इस पर भी यही खतरा बना रहता है कि इसे आसानी से हैक (Hack) किया जा सकता है। हैकर आसानी से इसकी नियंत्रण प्रणाली (Control System) पर हमला कर ड्रोन को नुकसान पहुँचा सकता है एवं गोपनीय जानकारियाँ प्राप्त कर सकता है।
  • यदि ड्रोन जैसी तकनीक असामाजिक या आपराधिक तत्त्वों के पास पहुँच जाती है तो वह काफी खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि ड्रोन के सहारे न सिर्फ जासूसी की जा सकती है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर इसके सहारे हमला भी किया जा सकता है।
  • इसके अतिरिक्त ड्रोन के उड़ान भरते समय पक्षियों से टकराने का भी खतरा रहता है।

स्रोत: लाइव मिंट

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