राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 | 20 Feb 2019
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology-MeitY) द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 (National Policy on Electronics-NPE 2019) को अपनी स्वीकृति दे दी है।
- इस नीति में चिप सेटों सहित महत्त्वपूर्ण घटकों को देश में विकसित करने की क्षमता को प्रोत्साहित कर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने हेतु उद्योग के लिये अनुकूल माहौल बना कर भारत को ‘इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (Electronics System Design and Manufacturing-ESDM)' के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
NPE 2019 की विशेषताएँ
- वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी ESDM सेक्टर के लिये अनुकूल माहौल बनाया जाएगा। ESDM की समूची मूल्य श्रृंखला (Value Chain) में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों (components) के विनिर्माण के लिये प्रोत्साहन एवं सहायता दी जाएगी।
- ऐसी मेगा परियोजनाएँ जो अत्यंत हाई-टेक हैं और जिनमें भारी-भरकम निवेश की ज़रूरत होती हैं, को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष पैकेज दिया जाएगा, इनमें सेमी कंडक्टर (Semiconductor) सुविधाएँ, डिस्प्ले फैब्रिकेशन (Display Fabrication) इत्यादि शामिल हैं।
- नई यूनिटों को बढ़ावा देने और वर्तमान यूनिटों के विस्तार के लिये उपयुक्त योजनाएँ तैयार कर उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- इलेक्ट्रॉनिक्स के सभी उप-क्षेत्रों में उद्योग की अगुवाई में अनुसंधान एवं विकास (Industry-led R&D) और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। इनमें बुनियादी या ज़मीनी स्तर के नवाचार और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र जैसे कि 5G, IoT/सेंसर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI), मशीन लर्निंग, वर्चुअल रियल्टी (Virtual Reality-VR), ड्रोन, रोबोटिक्स, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग ( Additive Manufacturing), फोटोनिक्स (Photonics), नैनो आधारित उपकरण (Nano-based devices) इत्यादि प्रारंभिक चरण वाले स्टार्ट-अप्स भी शामिल हैं।
- कुशल श्रमबल की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि के लिये प्रोत्साहन और सहायता दी जाएगी। इसमें कामगारों के कौशल को फिर से सुनिश्चित करना भी शामिल है।
- फैबलेस चिप डिज़ाइन उद्योग (Fabless Chip Design Industry), मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और मोबिलिटी एवं रणनीतिक इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिये पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
- ESDM क्षेत्र में IPs के विकास एवं अधिग्रहण को बढ़ावा देने के लिये सॉवरेन पेटेंट फंड (Sovereign Patent Fund-SPF) बनाया जाएगा।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिये विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक्स मूल्य श्रृंखला से जुड़ी पहलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
लक्ष्य
- वर्ष 2025 तक 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 26,00,000 करोड़ रुपए) का कारोबार हासिल करने हेतु आर्थिक विकास के लिये ESDM की समूची मूल्य श्रृंखला में घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इसमें वर्ष 2025 तक 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 13,00,000 करोड़ रुपए) मूल्य के एक बिलियन (100 करोड़) मोबाइल हैंडसेटों के उत्पादन का लक्ष्य शामिल है।
- इसमें निर्यात के लिये 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 7,00,000 करोड़ रुपए) मूल्य के 600 मिलियन (60 करोड़) मोबाइल हैंडसेटों का उत्पादन करना भी शामिल है।
प्रमुख प्रभाव
- NPE 2019 को कार्यान्वित करने पर इसमें परिकल्पित रोडमैप के अनुसार संबंधित मंत्रालयों/विभागों के परामर्श से देश में ESDM सेक्टर के विकास के लिये अनेक योजनाओं, पहलों, परियोजनाओं इत्यादि को मूर्त रूप देने का मार्ग प्रशस्त होगा।
- इससे भारत में निवेश एवं प्रौद्योगिकी का प्रवाह सुनिश्चित होगा, जिससे देश में ही निर्मित इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के ज़्यादा मूल्यवर्द्धन और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर के क्षेत्र में अधिक उत्पादन के साथ-साथ उनके निर्यात का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इसके अलावा, बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे।
पृष्ठभूमि
- राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 (NPE-2012) के तत्त्वावधान में विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से एक प्रतिस्पर्द्धी भारतीय ESDM वैल्यू चेन से जुड़ी नींव सफलतापूर्वक मज़बूत हो गई है।
- NPE 2019 में इस नींव को और मज़बूत करने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि देश में ESDM उद्योग के विकास की गति तेज़ की जा सके। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019 (NPE-2019) ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 (NPE-2012) का स्थान लिया है।
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स्रोत : पी.आई.बी.