जैव विविधता और पर्यावरण
राष्ट्रीय जीन बैंक
- 17 Aug 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय जीन बैंक, राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मेन्स के लिये:नवीनीकृत-अत्याधुनिक राष्ट्रीय जीन बैंक का कृषि क्षेत्र में महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR) में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े नवीनीकृत-अत्याधुनिक राष्ट्रीय जीन बैंक का उद्घाटन किया।
- जीन बैंक एक प्रकार का बायो रिपोज़िटरी है जो आनुवंशिक सामग्री को संरक्षित करता है (बीज पौधों, ऊतक संवर्द्धन आदि का संग्रह)।
- एक जीन आनुवंशिकता की बुनियादी भौतिक और कार्यात्मक इकाई है। जीन डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) से बने होते हैं।
राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR)
- यह भारत में पादप आनुवंशिक संसाधनों के प्रबंधन के लिये एक नोडल संगठन है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के नियंत्रण में कार्य करता है।
- यह अपने राष्ट्रीय जीन बैंक (NGB) में दीर्घकालिक संरक्षण (-20 डिग्री सेल्सियस पर) के लिये बीज जर्मप्लाज़्म का संरक्षण कर रहा है।
- यह स्वदेशी और विदेशी पौधों के आनुवंशिक संसाधनों के अन्वेषण और संग्रह की योजना, आयोजन, संचालन और समन्वय करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके 10 क्षेत्रीय स्टेशन हैं।
प्रमुख बिंदु
- नेशनल जीन बैंक की स्थापना वर्ष 1996 में पादप आनुवंशिक संसाधनों (पीजीआर) के बीजों को भावी पीढ़ियों के लिये संरक्षित करने हेतु की गई थी और इसमें बीजों के रूप में लगभग एक मिलियन जर्मप्लाज़्म को संरक्षित करने की क्षमता है।
- जर्मप्लाज़्म जीवित ऊतक है जिससे नए पौधे उगाए जा सकते हैं।
- NBPGR देश में दिल्ली मुख्यालय और 10 क्षेत्रीय स्टेशनों के माध्यम से इन-सीटू और एक्स-सीटू जर्मप्लाज़्म संरक्षण की आवश्यकता को पूरा कर रहा है।
- इन-सीटू और एक्स सीटू संरक्षण क्रमशः अपने प्राकृतिक आवास के भीतर या बाहर प्रजातियों की विविधता के रखरखाव पर केंद्रित है।
महत्त्व:
- वर्तमान में यह 4.52 लाख परिग्रहणों की रक्षा कर रहा है, जिनमें से 2.7 लाख भारतीय जनन द्रव्य हैं और शेष अन्य देशों से आयात किये गए हैं।
- परिग्रहण एक एकल, एकत्रित किस्म या जंगली पौधे की किस्म, भूमि या एक पौधे की किस्म है जिसका उत्पादन चयनात्मक प्रजनन द्वारा किया गया है, जिसे आमतौर पर एक कल्टीवेटर के रूप में जाना जाता है।
कार्य-प्रणाली:
- लंबी अवधि तथा मध्यम अवधि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ‘राष्ट्रीय जीन बैंक’ में मुख्यतः चार प्रकार की सुविधाएँ शामिल हैं- बीज जीन बैंक (-18 डिग्री सेल्सियस), क्रायो जीन बैंक (-170 डिग्री सेल्सियस से -196 डिग्री सेल्सियस), इन विट्रो जीन बैंक (25 डिग्री सेल्सियस) और फील्ड जीन बैंक।
- यह विभिन्न फसल समूहों जैसे- अनाज, बाजरा, औषधीय और सुगंधित पौधों तथा नशीले पदार्थों आदि का भंडारण करता है।
अन्य सुविधाएँ
- नॉर्वे में ‘स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट’ में दुनिया का सबसे बड़ा बीज संग्रह मौजूद है।
- भारत का ‘सीड वॉल्ट’ हिमालय में ‘चांग ला’ (लद्दाख) में स्थित है।
- ‘राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो’ (NBAGR- करनाल, हरियाणा) में स्थापित ‘राष्ट्रीय पशु जीन बैंक’ का उद्देश्य स्वदेशी पशुधन जैव विविधता का संरक्षण करना है।
- NBAGR भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) संस्थानों में से एक है।
पादप आनुवंशिक संसाधन
- वे खाद्य सुरक्षा के जैविक आधार हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति की आजीविका का समर्थन करते हैं।
- इन्हें पौधों की आनुवंशिक सामग्री के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिये एक संसाधन के रूप में मूल्यवान है।
- इनमें पौधों की वे सभी सामग्रियाँ शामिल हैं, जिनसे पौधे उगाए जा सकते हैं, जैसे कि बीज, फल, पराग और अन्य अंग एवं ऊतक।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये तकरीबन 10,000 वर्ष पूर्व शुरू होने वाली कृषि पद्धति के विकास की नींव रहे हैं।