राष्ट्रीय महत्व के स्मारक | 01 Jan 2019
संदर्भ
हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की घोषणा की है।
घोषित स्मारक
- राजस्थान के अलवर ज़िले में प्राचीन नीमराना की बावड़ी।
- ओडिशा के बोलनगीर ज़िले के रानीपुर झारियाल में मंदिरों का समूह।
- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में विष्णु मंदिर।
- नागपुर, महाराष्ट्र में उच्च न्यायालय भवन।
- आगरा में दो मुगलकालीन स्मारक - आगा खान और हाथी खान की हवेली।
उच्च न्यायालय भवन
- नागपुर उच्च न्यायालय भवन को इसकी सुंदर संरचना के कारण पत्थर में कविता (Poem in Stone) कहा जाता है।
- हाईकोर्ट के बाहरी भाग की सबसे विशिष्ट विशेषता गुंबद, भव्य प्रवेश द्वार, दोनों टावर और राजसी सीढ़ी है।
- इसे वास्तुकार एच.ए.एन. मेड (H.A.N. Medd) द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इसके स्तंभों में यूनानी प्रभाव की प्रमुखता को देखा जा सकता है।
नीमराना की बावड़ी
- नीमराना स्टेपवेल का निर्माण 18वीं शताब्दी में ठाकुर जनक सिंह द्वारा किया गया था।
- इसे स्थानीय भाषा में रानी की बावली के नाम से भी जाना जाता है।
- इस स्टेपवेल के निर्माण का प्राथमिक कारण उस दौरान क्षेत्र में आये अकाल के दौरान रोजगार का सृजन करना था।
- यह राजस्थान के अलवर ज़िले में स्थित है।
रानीपुर-झारियाल- ओडिशा में मंदिरों का समूह
- ओडिशा के बोलनगीर ज़िले में रानीपुर झारियाल के पास मंदिरों के एक समूह को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित किया गया है।
- रानीपुर झारियाल को शास्त्रों में "सोम तीर्थ" के रूप में जाना जाता है।
- यह शैव धर्म, बौद्ध धर्म, वैष्णववाद और तंत्रवाद के धार्मिक विश्वासों का एक संयोजन है।
- यह स्थल चौसठ (64) योगिनी मंदिरों या बिना छतों वाले मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है- जिन्हें हाईपेथ्रल मंदिरों के रूप में जाना जाता है।