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रेल मंत्रालय : उपलब्धियाँ एवं पहल

  • 14 Jun 2018
  • 10 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार द्वारा चार साल की उपलब्धियों के क्रम में रेल मंत्रालय द्वारा पिछले चार साल के दौरान प्राप्त उपलब्धियों एवं महत्त्वपूर्ण पहलों के बारे में जानकारी दी गई है।

सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

  • सुरक्षा अब सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है और इसके परिणामस्वरूप ट्रेन दुर्घटनाओं का आँकड़ा वर्ष 2013-14 के 118 से घटकर वर्ष 2017-18 में 73 हो गया है। इस तरह ट्रेन दुर्घटनाएँ घटकर 62 प्रतिशत के स्‍तर पर आ गईं। 
  • राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (RRSK) फंड को 5 वर्षों में सुरक्षा खर्च के लिये 1 लाख करोड़ रुपए के आवंटित किये गए हैं। 
  • असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग की समस्‍या से युद्ध स्‍तर पर निपटने के लिये पिछले चार वर्षों में 5,479 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त किया गया है। 
  • बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपायों के तहत भर्ती के माध्यम से 1.1 लाख सुरक्षा कर्मचारियों के पद भी भरे जा रहे हैं।

पूंजीगत व्यय में वृद्धि

  • ‘नए भारत’ के लिये बुनियादी ढाँचे की नींव रखकर पूंजीगत व्यय में व्‍यापक वृद्धि की गई है। 
  • पिछले 4 वर्षों में औसत वार्षिक पूंजीगत व्यय दरअसल वर्ष 2009-14 के दौरान हुए औसत व्‍यय की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। 

पूरे भारत को जोड़ने का कार्य

  • रेलवे अत्‍यंत तेज़ गति से पूरे भारत को जोड़ रही है। 
  • नई लाइनों को चालू करने की औसत गति में 59 प्रतिशत की वृद्धि  दर्ज की गई है जो 4.1 किमी (2009-14) से बढ़कर 6.53 किमी प्रतिदिन (2014-18) के स्‍तर पर पहुँच गई है।

दैनिक आवाजाही को बढ़ावा

  • उन्नयन और बेहतर बुनियादी ढाँचे के लिये बंगलूरू उपनगरीय प्रणाली (2018-19 के बजट में 17,000 करोड़ रुपए) और मुंबई उपनगरीय प्रणाली (2018-19 के बजट में 54,777 करोड़ रुपए) हेतु व्‍यापक निवेश निर्धारित करने से भारत के शहरी क्षेत्रों में नियमित दैनिक यात्रि‍यों की आवाजाही को काफी बढ़ावा मिला है। 
  • मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एचएसआर) गति, सुरक्षा और सेवा के माध्यम से भारत के परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। 

रोज़गार तथा आर्थिक विकास

  • HSR परियोजना से ‘मेक इन इंडिया’ संबंधी लाभों के अलावा रेलवे लातूर, (मराठवाड़ा) महाराष्ट्र; न्‍यू बोंगाईगाँव, असम; लुमडिंग, असम; झांसी, (बुंदेलखंड) उत्तर प्रदेश और सोनीपत, हरियाणा में अनेक आगामी परियोजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसरों का सृजन और आर्थिक विकास कार्य कर रही है। 

रेलवे का विद्युतीकरण

  • रेलवे ने विद्युतीकरण में छह गुना वृद्धि के साथ टिकाऊ रेल परिवहन की ओर अग्रसर होना शुरू कर दिया है। इसके तहत विद्युतीकरण को वर्ष 2013-14 के दौरान 610 आरकेएम से बढ़ाकर वर्ष 2017-18 के दौरान 4,087 आरकेएम कर दिया गया है।

माल ढुलाई में वृद्धि

  • रेलवे ने वर्ष 2017-18 में 1,162 MT और वर्ष 2016-17 में 1,107 MT की सर्वाधिक माल ढुलाई के साथ देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। 
  • माल ढुलाई आमदनी भी पिछले साल की तुलना में अनुमानित 12 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2017-18 में लगभग 1.17 लाख करोड़ रुपए के स्‍तर पर पहुँच गई है। 
  • वर्ष 2019-20 तक विभिन्‍न चरणों में समर्पित माल गलियारों (डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर) के चालू हो जाने से भी भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा।

स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा

  • डिज़ाइन में स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देते हुए रेलवे एस्केलेटर, लिफ्ट, नि:शुल्क वाई-फाई इत्‍यादि सहित आधुनिक सुविधाएँ स्‍थापित करके स्टेशनों का रूप-रंग पूरी तरह बदलने समेत यात्री सुविधाओं को बेहतरीन कर रही है। 
  • मार्च 2019 तक 68 रेलवे स्टेशनों में सुधार लाया जाना निर्धारित है। सरकार ने तेज़स, अंत्योदय एवं हमसफर रेलगाडि़यों का परिचालन शुरू करने समेत रेलगाडि़यों एवं रेल डिब्बों में काफी सुधार किया है। 
  • यात्रियों की यात्रा एवं आराम संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए त्योहारी मांग पूरी करने के लिये 1.37 लाख रेल सेवाओं के साथ पिछले चार वर्षों के दौरान 407 नई रेल सेवाएँ आरंभ की गई हैं। 

खान-पान 

  • खान-पान (केटरिंग) भी रेलवे का एक फोकस क्षेत्र रहा है जिसमें 300 से भी अधिक रेलगाडि़यों में खाने-पीने की सभी वस्तुओं पर एमआरपी की प्रिंटिंग अनिवार्य कर दी गई है और इसके साथ ही गुणवत्ता एवं स्वच्छता में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिये बेस किचनों में भोजन बनाने पर करीबी नजर रखने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) का उपयोग किया जा रहा है।

बुनियादी ढाँचा तथा सुरक्षा कार्यों को प्राथमिकता

  • बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा कार्यों को प्राथमिकता देने के कारण अल्पावधि में समय के पालन पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन लंबी अवधि में इससे त्‍वरित और सुरक्षित ट्रेन आवाजाही सुनिश्चित होगी। 
  • रनिंग समय को कम करके और नियोजित रखरखाव ब्लॉकों की अनुमति देकर ट्रेनों की समय-सारणी बेहतर कर दी गई है। 
  • ट्रेनों में किसी भी देरी के बारे में यात्रियों को सूचित करने के लिये 1,373 ट्रेनों पर एसएमएस सेवाएँ आरंभ की गई हैं।

महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती को समर्पित

  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिये भारतीय रेल भी अपनी ओर से इसमें अहम योगदान दे रही है।  
  • साफ-सफाई, तीसरे या अन्‍य पक्ष द्वारा स्वतंत्र सर्वेक्षणों सहित स्वच्‍छता, एकीकृत मशीनीकृत साफ-सफाई की शुरुआत , बॉयो-टॉयलेट, गंदगी साफ करने के लिये ऑटोमैटिक रेल-माउंटेड मशीन  इत्‍यादि पर प्रमुखता के साथ फोकस रहा है।

डिजिटल पहलें

  • भारतीय रेलवे ने डिजिटल पहलों और पारदर्शिता एवं जवाबदेही पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है।   
  • ई-रिवर्स नीलामी नीति शुरू की जा रही है जिससे लगभग 20,000 करोड़ रुपए बचाने में मदद मिल सकती है। 
  • अनुसंधान डिज़ाइन एवं मानक संगठन में सरल अनुमोदन प्रक्रियाओं की बदौलत संबंधित प्रक्रिया में लगने वाली समय-सीमा 30 माह से घटाकर 6 माह कर दी गई है।

कर्मचारी सशक्तीकरण तथा कौशल निर्माण

  • 13 लाख से भी अधिक सदस्‍यों वाले रेल परिवार को सशक्त बनाने और उनका कौशल बढ़ाने के महत्व को ध्‍यान में रखते हुए निचले स्‍तर पर अधिकारों को सौंपने या हस्‍तांतरण करने सहित विभिन्न कदम उठाए गए हैं। 
  • वडोदरा में भारत का पहला राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय अगस्त 2018 में खुलने के लिये तैयार है। 
  • कर्मचारी सशक्तीकरण से लेकर कौशल बढ़ाने के नए अवसरों पर ध्‍यान केंद्रित करते हुए रेलवे अपने कार्यबल में एक नई ऊर्जा भर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेलवे जीवन रेखा बन जाए और जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ताकत दे सके और 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा कर सके।
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