भारतीय अर्थव्यवस्था
मिनिमम एश्योर्ड रिटर्न स्कीम: पीएफआरडीए
- 02 Mar 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:मिनिमम एश्योर्ड रिटर्न स्कीम, पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी, नेशनल पेंशन सिस्टम। मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, वेतनभोगी व्यक्तियों के लिये न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न योजना का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने एक गारंटीड रिटर्न स्कीम ‘मिनिमम एश्योर्ड रिटर्न स्कीम (MARS) प्रस्तावित की है, जो बचतकर्त्ताओं और वेतनभोगी वर्ग के लोगों को उनके निवेश का विकल्प प्रदान करेगी।
- पेंशन नियामक की यह पहली योजना होगी जो निवेशकों को गारंटीकृत रिटर्न प्रदान करेगी।
- प्रबंधन के तहत भारत की पेंशन संबंधी संपत्ति पहले ही 7 लाख करोड़ रुपए का आँकड़ा पार कर चुकी है और इसके वित्त वर्ष 2021-22 के मार्च के अंत तक 7.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचने की उम्मीद है।
- PFRDA ने वर्ष 2030 तक 30 लाख करोड़ रुपए के एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) का लक्ष्य रखा है।
MARS के तहत PFRDA का प्रस्ताव:
- परिचय:
- यह एक अलग योजना है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत ग्राहकों को गारंटीकृत न्यूनतम दर की वापसी की पेशकश कर सकती है, खासकर उन्हें जो जोखिम उठाने से बचते हैं।
- एनपीएस वर्तमान में मौजूदा बाज़ार स्थितियों के आधार पर वार्षिक रिटर्न देता है।
- वास्तविक रिटर्न बाज़ार की स्थितियों पर निर्भर करेगा। किसी भी कमी को प्रायोजक द्वारा पूरा करने के साथ ही अधिशेष ग्राहकों के खाते में जमा किया जाएगा।
- यह एक अलग योजना है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत ग्राहकों को गारंटीकृत न्यूनतम दर की वापसी की पेशकश कर सकती है, खासकर उन्हें जो जोखिम उठाने से बचते हैं।
- पेश किये जाने वाले विकल्प:
- फिक्स गारंटी ऑप्शन: निश्चित गारंटी ऑप्शन के तहत संचय चरण के साथ गारंटीकृत रिटर्न तय किया जाता है।
- फ्लोटिंग गारंटी ऑप्शन: फ्लोटिंग गारंटी ऑप्शन के तहत रिटर्न की गारंटीड दर बचत चरण के साथ तय नहीं होती है।
- फ्लोटिंग गारंटी सेवानिवृत्ति तक 1 वर्ष की ब्याज दर के विकास पर निर्भर करती है।
- लॉक-इन पीरियड:
- लॉक-इन पीरियड प्रत्येक योगदान पर लागू हो सकता है और उस अवधि के आधार पर लागू किया जाएगा जब से वह योगदान दिया गया है। यह लचीलेपन के लिये कई लॉक-इन पीरियड विकल्पों (या कंपित गारंटी अवधि) पर भी विचार कर सकता है।
- निकासी का सीधे लॉक-इन पीरियड से जुड़े होने की संभावना है। सब्सक्राइबर के पास लॉक-इन पीरियड के बाद वापसी या निवेशित रहने का विकल्प हो सकता है। हालाँकि लॉक-इन पीरियड के बाद निवेश पर कोई गारंटी लागू नहीं होगी।
- योगदान की सीमा:
- अंशदान पर न्यूनतम और अधिकतम मौद्रिक सीमा निर्धारित की जा सकती है। निवेशकों को आकर्षक न्यूनतम गारंटीड रिटर्न होगा।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली:
- परिचय:
- केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2004 से (सशस्त्र बलों को छोड़कर) NPS की शुरुआत की गई।
- वर्ष 2018 में इसे सुव्यवस्थित करने तथा और अधिक आकर्षक बनाने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ पहुँचाने हेतु योजना में बदलाव को मंज़ूरी दी।
- एनपीएस को देश में पीएफआरडीए द्वारा कार्यान्वित और विनियमित किया जा रहा है।
- पीएफआरडीए द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट (National Pension System Trust) एनपीएस के तहत आने वाली सभी संपत्तियों का पंजीकृत मालिक है।
- केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2004 से (सशस्त्र बलों को छोड़कर) NPS की शुरुआत की गई।
- संरचना: एनपीएस की संरचना द्विस्तरीय है:
- टियर- 1 खाता:
- यह गैर-निकासी योग्य स्थायी सेवानिवृत्ति खाता है, जिसमें संग्रहीत राशि को ग्राहक के विकल्प के अनुसार निवेश किया जाता है।
- टियर- 2 खाता:
- यह एक स्वैच्छिक निकासी योग्य खाता है जिसकी अनुमति केवल तभी दी जाती है जब ग्राहक के नाम पर एक सक्रिय टियर-I खाता हो।
- अभिदाता इच्छानुसार इस खाते से अपनी बचत राशि को निकालने के लिये स्वतंत्र है।
- टियर- 1 खाता:
- लाभार्थी:
- एनपीएस मई 2009 से भारत के सभी नागरिकों के लिये उपलब्ध है।
- 18-65 वर्ष के आयु वर्ग में भारत का कोई भी नागरिक (निवासी और अनिवासी दोनों) एनपीएस में शामिल हो सकता है।
- हालाँकि OCI (भारत के प्रवासी नागरिक) और PIO (भारतीय मूल के व्यक्ति) कार्डधारक तथा हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NPS खाते खोलने के लिये पात्र नहीं हैं।
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण:
- परिचय:
- यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के व्यवस्थित विकास को विनियमित करने, बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने हेतु संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित वैधानिक प्राधिकरण है।
- यह वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग के अधीन काम करता है।
- कार्य:
- यह विभिन्न मध्यवर्ती एजेंसियों जैसे- पेंशन फंड मैनेजर, सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRA) आदि की नियुक्ति का कार्य करता है।
- यह NPS के तहत पेंशन उद्योग को विकसित करने, बढ़ावा देने और नियंत्रित करने का कार्य भी करता है तथा APY का प्रशासन भी करता है।