मेगा फूड पार्क | 11 Feb 2019
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के पहले मेगा फूड पार्क, क्रेमिका मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड का उद्घाटन किया। यह मेगा फूड पार्क 107.34 करोड़ रुपए की लागत से 52.40 एकड़ भूमि में स्थापित किया गया है। इस मेगा फूड पार्क में सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर, थोक-पैकेजिंग, फ्रोजन स्टोरेज, डीप फ्रीज, ड्राई वेयरहाउस, क्यूसी लेबोरेटरी के साथ अन्य खाद्य प्रसंस्करण सुविधाए उपलब्ध होंगी।
क्या होता है मेगा फ़ूड पार्क?
- मेगा फूड पार्क ‘क्लस्टर’ (cluster) दृष्टिकोण पर आधारित होता है। इसमें पार्कों में सुस्थापित आपूर्ति श्रृंखला के साथ आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना के लिये कृषि/बागवानी क्षेत्र में अत्याधुनिक सहायक अवसंरचना जैसे - संग्रहण केंद्र , केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र , प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र , शीतगृह श्रृंखला (Chain of cold Storage) उपलब्ध होती हैं।
- केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र में सामान्य सुविधाएं और सक्षम बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है। प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र और संग्रह केंद्र के रूप में प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण की सुविधा खेत के पास उपलब्ध कराई जाती है।
- मेगा फूड पार्क परियोजना का कार्यान्वयन एक विशेष प्रयोजन उपाय (Special Purpose Vehicle - SPV) द्वारा किया जाता है।
उद्देश्य
- मेगा फूड पार्क का उद्देश्य ‘खेत से बाज़ार तक’ खाद्य श्रृंखला कायम करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण हेतु आधुनिक अवसंरचना सुविधाओं का निर्माण करना है।
- यह किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ताओं तथा खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाज़ार से जोड़ने के लिये एक तंत्र उपलब्ध कराता है।
- इस के तहत मूल्यसंवर्धन (Value Addition), बर्बादी को न्यूनतमबी करने, किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित करना की कोशिश की जाती है।
मेगा फूड पार्क योजना के तहत भारत सरकार प्रति मेगा फूड पार्क परियोजना में 50 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है।
मेगा फूड पार्क, अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करता है।
स्रोत : पी आई बी, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय