मैच-फिक्सिंग : आपराधिक कृत्य | 16 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
श्रीलंका की भौगोलिक अवस्थिति
मेन्स के लिये:
मैच फिक्सिंग से संबंधित खेल विधेयक के प्रावधान
चर्चा में क्यों ?
दक्षिण एशियाई देशों में श्रीलंका पहला ऐसा देश है जिसने मैच-फिक्सिंग से संबंधित कृत्यों को आपराधिक घोषित कर किया है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (International Cricket Council-ICC) की भ्रष्टाचार-रोधी इकाई (Anti-Corruption Unit-ACU) द्वारा जाँच के बाद सख्त दंड का प्रावधान किया है।
प्रमुख बिंदु
- मैच-फिक्सिंग इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया सहित क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों में भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
- श्रीलंका की संसद ने खेल विधेयक से संबंधित सभी तीन वाचनों को पारित कर दिया है। जो खेल में व्याप्त भ्रष्टाचार से निपटने के लिये 10 वर्ष तक का कारावास तथा 100 मिलियन श्रीलंकाई रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान करता है।
- नए कानून के अनुसार अधिक धन के लालच में यदि खेल से संबंधित कोई भी व्यक्ति जो सीधे ‘फिक्सिंग’ में शामिल है, ‘आतंरिक जानकारी’ साझा करता है, मैच फ़िक्सर के निर्देशों के अनुसार ‘पिच तैयार’ करता है और जो ‘जानबूझकर नियमों का दुरुपयोग करता हैं’ तो उसे दंडित किया जाएगा।
- नए कानून में तीन व्यापक श्रेणियों के तहत अपराध और दंड को सूचीबद्ध किया गया है-
- अपराध की पहली श्रेणी- इसमें फिक्सिंग, स्पॉट-फिक्सिंग, खेल से संबंधित आंतरिक जानकारी साझा करना ( प्रमाणिक मीडिया साक्षात्कार और वचनबद्धताओं के अलावा ), उपहार, भुगतान, लाभ जैसे कृत्यों के साथ-साथ ऐसे खिलाड़ी जो सट्टेबाज़ी में शामिल हैं, पैसे अथवा किसी अन्य लाभ के लिये नियमों का दुरुपयोग करते हैं, क्यूरेटर जो सट्टेबाज़ो के अनुसार पिच तैयार करते हैं या पैसे या अन्य किसी लाभ के लिये जानकारी प्रदान करते हैं आदि शामिल हैं । इस श्रेणी के अपराध के लिये 10 वर्ष तक का कारावास तथा 100 मिलियन श्रीलंकाई रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है ।
- अपराध की दूसरी श्रेणी- इसमें बिना उचित कारण के जाँचकर्त्ताओं के सामने पेश होने में असफल होना, जाँचकर्त्ताओं द्वारा किये गए किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार करना या असफल होना, जानबूझकर गलत या भ्रामक बयान देना, तथ्यों को छिपाना, झूठ बोलना,जाँच के प्रासंगिक सबूतों को नष्ट करना, भ्रष्टाचार की सूचना न देना आदि कृत्य आते हैं । इस श्रेणी के अपराध के लिये अधिकतम 3 वर्ष का कारावास और 2 लाख श्रीलंकाई रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है ।
- अपराध की तीसरी श्रेणी- इसमें कोई भी सेवा प्रदाता या व्यक्ति जो किसी जाँच से संबंधित जानकारी या डेटा प्रदान करने में विफल रहता है । इस श्रेणी के अपराध के लिये अधिकतम 10 वर्ष तक के कारावास तथा 5 लाख श्रीलंकाई रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है ।
खेल विधेयक लाने का कारण
- पिछले दो वर्षों से श्रीलंकाई क्रिकेट (Srilankan Cricket-SLC) भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग के कई मामलों में उलझा हुआ है।
- पूर्व श्रीलंकाई बल्लेबाज सनथ जयसूर्या पर आईसीसी कोड के तहत आरोप लगने के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड आईसीसी की भ्रष्टाचार-रोधी इकाई के दायरे में आ गया है । जयसूर्या पर मैच फिक्सिंग की जाँच में एजेंसी के साथ सहयोग करने में विफल रहने पर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया था।
- इसके बाद पूर्व तेज़ गेंदबाज़ नुवान जोयसा को मैच फिक्सिंग में कथित संलिप्तता के कारण निलंबित कर दिया गया था।
- वर्ष 2018 में तेज़ गेंदबाज़ दिलहारा लोकुहेटगे को 2017 में एक टी -10 लीग मैच में भ्रष्टाचार के कारण निलंबित कर दिया गया था ।