अंतर्राष्ट्रीय संबंध
लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट
- 11 Dec 2019
- 4 min read
प्रीलिम्स के लिये:
भारत-ऑस्ट्रेलिया म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट
मेन्स के लिये:
भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नई दिल्ली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा एवं विदेश सचिवों की बैठक का आयोजन किया गया, इसके चलते दोंनों देश पारस्परिक ‘लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट’ (Logistics Support Agreement- LSA) को क्रियान्वित करने के और करीब आ गए हैं।
मुख्य बिंदु:
- इस समझौते से संबंधित आगे की वार्ता ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की आगामी भारत यात्रा (13-16 जनवरी) के दौरान होगी। इस दौरे के अंतर्गत वह मुंबई, नई दिल्ली तथा बंगलुरु शहर का भ्रमण करेंगे।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस प्रकार की पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता का आयोजन वर्ष 2017 में हुआ था।
- इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने अपने रणनीतिक सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की।
‘लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट’
(Logistics Support Agreement):
- यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के सैन्य रसद के उपयोग की अनुमति देगा, जिसके अंतर्गत दोंनों देशों के सैनिक आपस में भोजन, पानी और पेट्रोलियम जैसी सुविधाओं का आदान-प्रदान कर सकेंगे।
- यह समझौता चीन के सैन्य विस्तार और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए दोनों देशों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा।
भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंध
(India-Australia Defence Relations):
- रक्षा क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया की एक साझा चिंता चीन को लेकर है। जहाँ ऑस्ट्रेलिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की उपस्थिति से चिंतित है, तो वहीं भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से चिंतित है।
- वर्ष 2019 के प्रारंभ में ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय नौसेनाओं ने दो सप्ताह तक चलने वाले द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास AUSINDEX में भाग लिया था।
- इस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का आयोजन भारतीय नौसेना तथा रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (Royal Australian Navy-RAN) के बीच आपसी सहयोग एवं पारस्परिकता को बढ़ाने के लिये तथा कर्मचारियों को आपस में अपने पेशेवर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करने के लिये किया गया था।
- वर्ष 2016-18 तक दोंनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त सैन्याभ्यास ‘ऑस्ट्रा-हिंद’ (AUSTRA-HIND) संचालित किया था।
- यह महत्त्वपूर्ण है कि वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलियाई विदेश नीति के श्वेत-पत्र में भारत को अमेरिका, जापान, इंडोनेशिया, चीन के साथ अग्रिम पंक्ति के अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के रूप में पहचाना गया।
- चीन को प्रतिसंतुलित करने के लिये ‘क्वाड’ (QUAD) की संकल्पना वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे द्वारा की गई थी।