प्रौद्योगिकी
हेपेटाइटिस सी के मरीज़ों को मुफ्त एंटीवायरल देगी सरकार
- 27 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा इस सप्ताह के अंत में वायरल हेपेटाइटिस को नियंत्रित करने के लिये एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत हेपेटाइटिस-सी के संक्रमण को रोकने के लिये एक महँगी एंटीवायरल सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम 28 जुलाई को विज्ञान भवन में लॉन्च किया जाएगा। इस दिन को विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।
- कार्यक्रम का लक्ष्य हेपेटाइटिस की रोकथाम और उपचार प्रदान करना है जो यकृत कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है जिसमें लीवर सिरोसिस और एक्यूट लीवर फेलियर प्रमुख हैं।
- जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंड प्रायोगिक हेपेटोलॉजी में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में पुरुषों में लीवर कैंसर की दर 0.7 से 7.5 तक है तथा महिलाओं में यह दर 0.2 से 2.2 (प्रति वर्षप्रति 100,000 आबादी पर) है।
- भारत में लीवर कैंसर का पुरुष महिला अनुपात 4:1 है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के हिस्से के रूप में यह कार्यक्रम मुख्य रूप से हेपेटाइटिस बी और सी के निदान तथा उपचार के लिये सुविधाओं की स्थापना और उन्नयन करेगा।
- नामित उपचार केंद्र हेपेटाइटिस-सी के रोगियों को एंटी-वायरल प्रदान करेंगे। वे 24 घंटे के भीतर वायरस से संक्रमित माताओं से पैदा होने वाले बच्चों को हेपेटाइटिस-बी टीका भी लगाएंगे।
- सोफोसबुवीर (sofosbuvir), हेपेटाइटिस-सी के लिये एंटी-वायरल के पूर्ण कोर्स के लिये यूएस और यूरोप में क्रमशः 63,000 से 94,000 डॉलर खर्च किया जाता है।
- सामान्य जनसंख्या में एंटी-हेपेटाइटिस सी-वायरस (HCV) एंटीबॉडी का प्रसार 0.09 से 15 प्रतिशत के बीच होने का अनुमान है। कुछ क्षेत्रीय स्तर पर किये गए अध्ययनों के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि भारत में हेपेटाइटिस-सी से 6-12 मिलियन लोग पीड़ित हैं।
- क्रोनिक एचसीवी संक्रमण हेपेटोसेल्युलर कार्सिनोमा (HCC) के 12 से 32 प्रतिशत तथा सिरोसिस मामलों में 12-20 प्रतिशत होता है।
- कार्यक्रम का लक्ष्य तीन साल की अवधि में कम-से-कम 3 लाख हेपेटाइटिस सी के मामलों का इलाज करना है। हेपेटाइटिस-ए और ई वायरस एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस और एक्यूट लीवर फेलियर (ALF) के प्रमुख कारक हैं।
- भारत में हेपेटाइटिस-ए वायरस एक्यूट हेपेटाइटिस के 10-30 प्रतिशत और एक्यूट लीवर फेलियर मामलों के 5-15 प्रतिशत के लिये ज़िम्मेदार है।
- हेपेटाइटिस-ई वायरस को एक्यूट हेपेटाइटिस के 10-40 प्रतिशत और एक्यूट लीवर फेलियर मामलों के 15-45 प्रतिशत के लिये ज़िम्मेदार माना जाता है।
- हेपेटाइटिस-ए और ई क्रोनिक नहीं हैं इसलिये कार्यक्रम का ध्यान हेपेटाइटिस-बी और सी पर होगा।