इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

  • 13 Dec 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, एक्सोप्लैनेट

मेन्स के लिये:  

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का अंतरिक्ष विज्ञान में महत्त्व

चर्चा में क्यों? 

वर्ष 2021 के अंत तक जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) को कक्षा में प्रक्षेपित किया जाना है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (NASA) का सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है।
    • इसे हबल टेलीस्कोप का उत्तराधिकारी भी माना जाता है और यह अपनी खोजों का विस्तार करेगा।
      • इसे वर्ष 1990 में पृथ्वी की निम्न कक्षा में लॉन्च किया गया, हबल स्पेस टेलीस्कोप ने 1.4 मिलियन से अधिक अवलोकन किये हैं, जिसमें ‘इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट्स’ पर नज़र रखना, बृहस्पति से टकराने वाले धूमकेतु को कैप्चर करना और प्लूटो के चारों ओर उपग्रहों की खोज करना शामिल है।
      • हबल ने आकाशगंगाओं के विलय को कैप्चर किया, साथ ही सुपरमैसिव ब्लैक होल की जाँच की है और हमें हमारे ब्रह्मांड के इतिहास को समझने में मदद की है।
    • यह नासा (NASA), यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency-ESA) और कनाडाई स्पेस एजेंसी (Canadian Space Agency-CSA) के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय मिशन है।
    • जेम्स वेब नवीन और अप्रत्याशित खोजों को उजागर करेगा तथा मानव की ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा उसमें मानव के स्थान को समझने में मदद करेगा।
    • टेलीस्कोप एक्सोप्लैनेट/बहिर्ग्रह (Exoplanet) के एक विस्तृत विविधतापूर्ण वायुमंडल का अध्ययन करेगा। 
    • यह पृथ्वी के समान वायुमंडल की भी खोज करेगा और जीवन के निर्माण खंडों को खोजने की उम्मीद में, मीथेन, जल, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जटिल कार्बनिक अणुओं जैसे प्रमुख पदार्थों से संबंधित खोज करेगा।

James Webb_Space_Telescope_drishti_ias_hindi

  • प्रक्षेपण:
    • इसे दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना से एरियन 5 ESA रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
      • एरियन 5 को सबसे विश्वसनीय लॉन्च व्हीकल्स में से एक माना जाता है।
  • लक्ष्य:
    • बिग बैंग के बाद बनने वाली पहली आकाशगंगा की खोज करना।
    • यह निर्धारित करने के लिये कि आकाशगंगाएँ अपने के गठन से अब तक कैसे विकसित हुईं।
    • प्रथम चरण से लेकर ग्रह प्रणालियों के निर्माण तक तारों के निर्माण का निरीक्षण करना।
    • ग्रह प्रणालियों के भौतिक और रासायनिक गुणों को मापने तथा ऐसी प्रणालियों में जीवन की संभावना की जाँच करने के लिये।
  • जेम्स वेब बनाम हबल स्पेस टेलीस्कोप :
    • तरंगदैर्ध्य:
      • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जिसे JWST या वेब भी कहा जाता है) मुख्य रूप से इन्फ्रारेड रेंज में निरीक्षण के साथ 0.6 से 28 माइक्रोन तक कवरेज प्रदान करेगा। 
      • हबल के उपकरण मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी और दृश्य भाग में देखते हैं। यह इन्फ्रारेड में 0.8 से 2.5 माइक्रोन तक केवल एक छोटी सी सीमा का निरीक्षण कर सकता है।
        • विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम का अवरक्त क्षेत्र लगभग 0.7 से लेकर 100 माइक्रोन तक की तरंगदैर्ध्य को कवर करता है।
    • आकार:
      • वेब के प्राथमिक दर्पण का व्यास 6.5 मीटर है जबकि हबल के दर्पण का व्यास 2.4 मीटर है जो वेब की तुलना में बहुत छोटा है।
        • इसलिये हबल के कैमरे की तुलना में वेब का दृश्य क्षेत्र अधिक होगा।
      • वेब में एक बड़ा सन शील्ड भी लगा होता है।
    • दूरी:
      • वेब के निकट और मध्य-अवरक्त उपकरण पहली गठित आकाशगंगाओं, एक्सोप्लैनेट तथा सितारों के जन्म का अध्ययन करने में मदद करेंगे।
        • हबल "टोड्लर गैलेक्सी" के बराबर देख सकता है जबकि वेब टेलीस्कोप "बेबी गैलेक्सी " को देखने में सक्षम होगा।
  • अन्य प्रमुख इन्फ्रारेड टेलीस्कोप:
    • हर्शेल स्पेस ऑब्जर्वेटरी टेलीस्कोप: यह एक इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है जिसे वर्ष 2009 में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा लॉन्च किया गया था। 
      • यह वेब की तरह सूर्य की परिक्रमा भी करता है वेब और हर्शेल के बीच  प्राथमिक तरंगदैर्ध्य रेंज का अंतर है। वेब 0.6 से 28 माइक्रोन जबकि हर्शेल 60 से 500 माइक्रोन को कवर करता है।
      • हर्शल का दर्पण वेब के दर्पण से छोटा होता है। इसका व्यास 3.5 मीटर है जबकि वेब के प्राथमिक दर्पण का व्यास 6.5 मीटर है।

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2