जल शक्ति अभियान | 27 Jun 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (Department of Personnel and Training) ने पानी की कमी से जूझ रहे देश के 255 ज़िलों में वर्षा जल के संचयन और संरक्षण हेतु 1 जुलाई, 2019 से ‘जल शक्ति’ अभियान की शुरू करने की घोषणा की है।
- उल्लेखनीय है कि जल से संबंधित मुद्दे राज्य सरकार के अंतर्गत आते है लेकिन इस अभियान को केंद्र सरकार के संयुक्त या अतिरिक्त सचिव रैंक के 255 IAS अधिकारियों द्वारा समन्वित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इस अभियान में अंतरिक्ष, पेट्रोलियम एवं रक्षा क्षेत्रों से अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
- इस अभियान को दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जबकि उत्तर-पूर्व मानसून से वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 अक्तूबर से 30 नवंबर तक संचालित किया जाएगा।
- इसके अंतर्गत गंभीर रूप से जल स्तर की कमी वाले 313 ब्लॉक शामिल किये जाएंगे। 1,186 ऐसे ब्लॉक भी शामिल किये जाएंगे जहाँ भूजल का अत्यधिक दोहन हुआ है। साथ ही 94 ज़िले ऐसे हैं जहाँ भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है।
- जल शक्ति अभियान का उद्देश्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना और ग्रामीण विकास मंत्रालय के एकीकृत जलसंभरण प्रबंधन कार्यक्रम के साथ-साथ जल शक्ति और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही मौजूदा जल पुनर्भरण और वनीकरण योजनाओं के तहत जल संचयन, संरक्षण और पुनर्भरण गतिविधियों में तेज़ी लाना है।
- मोबाइल एप्लिकेशन के ज़रिये इस कार्यक्रम की रियल टाइम निगरानी की जा सकेगी तथा इसे indiawater.gov.in के डैशबोर्ड पर भी देखा जा सकेगा।
- इस योजना के तहत ब्लॉक और ज़िला स्तर पर जल संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया जाएगा।
- बेहतर फसल विकल्पों एवं सिंचाई के लिये जल के अधिक कुशल उपयोग को बढ़ावा देने हेतु किसान विज्ञान केंद्र द्वारा मेले का आयोजन किया जाएगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना
(Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee scheme- MGNREGs)
- भारत में लागू यह एक रोज़गार गारंटी योजना है।
- राष्ट्रीय रोज़गार गारंटी अधिनियम के रूप में इसकी शुरुआत 2 फरवरी, 2006 को आंध्रप्रदेश से की गई।
- 2 अक्तूबर, 2009 से इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) कर दिया गया।
- यह कानून किसी वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वैसे सभी वयस्क सदस्यों को, जो अकुशल श्रम के लिये तैयार हों, 100 दिन के रोज़गार (सूखा प्रभावित क्षेत्र और जनजाति क्षेत्रों में 150 दिनों का रोज़गार) की गारंटी प्रदान करता है।
- इस कानून के अनुसार, लाभार्थियों में कम-से-कम 33 प्रतिशत महिलाएँ अवश्य होनी चाहिये।
- इस योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है तथा लाभ प्राप्तकर्त्ता इकाई परिवार है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय
(Rural Development Ministry- RDM)
- अक्तूबर, 1974 के दौरान ग्रामीण विकास विभाग (Department of Rural Development) खाद्य और कृषि मंत्रालय (Ministry of Food and Agriculture) के अंग के रूप में अस्तित्व में आया। 18 अगस्त, 1979 को इसे ग्रामीण पुनर्गठन मंत्रालय (Ministry of Rural Reconstruction) नाम दिया गया।
- 23 जनवरी, 1982 को इस मंत्रालय का नाम ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) कर दिया गया।
- 2 जुलाई, 1992 को इस मंत्रालय के अधीन बंजर भूमि विकास विभाग (Department of Wasteland Development) के नाम से एक विभाग का गठन किया गया।
कार्य
- यह मंत्रालय व्यापक कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करके ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव लाने का कार्य करता आ रहा है।
- इन कार्यक्रमों का उद्देश्य गरीबी उन्मू्लन, रोज़गार सृजन, अवसंरचना विकास तथा सामाजिक सुरक्षा है।
- इसके दो विभाग हैं- ग्रामीण विकास विभाग (Department of Rural Development) तथा भूमि संसाधन विभाग (Department of Land Resources)।
जलशक्ति मंत्रालय
(Jalshakti Ministry)
- जलशक्ति मंत्रालय (Jalshakti Ministry) का सृजन दो मंत्रालयों का विलय करके किया गया है, ये दोनों मंत्रालय हैं:
- जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय (Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation)
- पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय (Ministry of Drinking Water and Sanitation)
- जल संबंधी सभी कार्य अब इस मंत्रालय के दायरे में आते हैं।
- इससे पहले कई केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा जल संबंधी कार्यों का निर्वहन अलग-अलग किया जाता था जैसे- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ के तहत अधिकांश नदियों के संरक्षण का कार्य किया जाता है, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय’ द्वारा शहरी जलापूर्ति की देख-रेख की जाती है तथा सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएँ कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं।