इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इनसाइट लैंडर मिशन

  • 29 Feb 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

इनसाइट लैंडर मिशन, नासा का डिस्कवरी प्रोग्राम

मेन्स के लिये:

मंगल ग्रह को लेकर नासा के मिशन और उनसे संबंधित प्रमुख मुद्दे

चर्चा में क्यों?

नासा के इनसाइट लैंडर मिशन (InSight Lander Mission) को मंगल ग्रह की सतह पर एक वर्ष से भी अधिक समय बीत चुका है। इनसाइट लैंडर द्वारा मंगल ग्रह के संदर्भ में प्रदान की गई सूचनाओं को लेकर नासा ने 6 पत्रों का एक संग्रह प्रकाशित किया है।

इनसाइट लैंडर मिशन

  • इनसाइट का पूरा नाम ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (Interior Exploration Using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport- InSight) है।
  • इनसाइट लैंडर मिशन मंगल ग्रह की सतह के नीचे विस्तृत अध्ययन के लिये समर्पित पहला मिशन है।
  • मंगल ग्रह के अध्ययन के लिये भेजा गया इनसाइट लैंडर 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था।
  • इस मिशन के दौरान विस्तृत अध्ययन करने हेतु भूकंपमापी यंत्र (Seismometer), हवा के दबाव को मापने के लिये सेंसर, मैग्नेटोमीटर (Magnetometer) और ग्रह के तापमान का अध्ययन करने के लिये एक ताप प्रवाह यंत्र मौजूद है।
  • इनसाइट मिशन नासा के डिस्कवरी प्रोग्राम-1992 (Discovery Program-1992) का हिस्सा है।

इनसाइट लैंडर का अध्ययन

Insight

  • इनसाइट लैंडर द्वारा किये गए अध्ययन के अनुसार, मंगल ग्रह पर उम्मीद से अधिक कंपन होती है, किंतु यह कंपन काफी हल्की होती है। यह निष्कर्ष अति-संवेदनशील भूकंपमापी यंत्र द्वारा किये गए अध्ययन से सामने आया है।
    • यह उपकरण वैज्ञानिकों को सैकड़ों से हज़ारों मील दूर तक कंपन की घटनाओं को ‘जानने’ में सक्षम बनाता है।
  • मंगल के पास पृथ्वी की तरह टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plates) नहीं हैं, किंतु इसमें ज्वालामुखी सक्रिय क्षेत्र हैं जो कंपन का कारण हो सकते हैं।
  • भूकंपमापी यंत्र ने अब तक 450 से अधिक कंपन के संकेत प्राप्त किये हैं और वैज्ञानिकों के अनुसार, इनमें से अधिकांश भूकंप के संकेतक हैं। इसके अलावा कई संकेतक मंगल ग्रह के पर्यावरणीय कारकों जैसे- हवा से भी उत्पन्न हुए हैं।
  • अध्ययन के अनुसार, अरबों वर्ष पूर्व मंगल ग्रह पर एक चुंबकीय क्षेत्र मौजूद था, यद्यपि यह अब मौजूद नहीं है, किंतु इसके कारण ग्रह की सतह के नीचे कुछ चुंबकीय चट्टानें बची हुई हैं। इनसाइट के मैग्नेटोमीटर ने इन चुंबकीय चट्टानों के संकेतकों का पता लगाया है।
  • अब वैज्ञानिक इन सूचनाओं और पहले से ज्ञात तथ्यों का उपयोग कर मंगल ग्रह की सतह के नीचे मौजूद चुंबकीय परतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

ग्रह के कोर से संबंधित सूचना

  • इनसाइट लैंडर में दो रेडियो हैं जिसमें से पहला नियमित रूप से डेटा भेजने और प्राप्त करने का कार्य कर रहा है। इनसाइट लैंडर का दूसरे रेडियो, जो कि अधिक शक्तिशाली है, को ग्रह की घूर्णन गति और आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • यह रेडियो यह बताने में सक्षम है कि ग्रह का कोर ठोस है या तरल। ठोस कोर वाले ग्रह की घूर्णन गति में एक तरल कोर वाले ग्रह की तुलना में कम अनियमितताएँ होंगी।

आगे की राह

  • नासा ने कहा है कि मंगल ग्रह को लेकर इनसाइट लैंडर से प्राप्त अब तक की सूचना इस मंगल के विस्तृत अध्ययन को लेकर एक नए दौर की शुरुआत है।
  • ज्ञात हो कि मंगल ग्रह का एक वर्ष पृथ्वी के दो वर्षों के सामान होता है। नासा का मानना है कि मंगल ग्रह का एक पूरा वर्ष वैज्ञानिकों को ग्रह की गति और तापमान से संबंधित विभिन्न पहलुओं को जानने का अवसर प्रदान करेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2