सूचना संलयन केंद्र - हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) | 09 Oct 2019
चर्चा में क्यों?
सूचना संलयन केंद्र - हिंद महासागर क्षेत्र (Information Fusion Centre – Indian Ocean Region, IFC-IOR) ने एक सहयोगी दृष्टिकोण के माध्यम से समुद्री सुरक्षा स्थितियों के लिये समुद्री डेटा और घटना प्रतिक्रियाओं का हवाला देते हुए (Cuing Incident Responses) सूचना साझाकरण हब के रूप में काम करना शुरू कर दिया है।
इस कदम के निहितार्थ:
- IOR विभिन्न द्वीपीय देशों एवं तटीय राज्यों से युक्त संगठन है जिनकी अपनी विशिष्ट आवश्यकताएँ, आकांक्षाएँ, रुचियाँ तथा मूल्य हैं अतः इन क्षेत्रों में समुद्री डकैती का मुकाबला करना आवश्यक है।
- IFC-IOR यह सुनिश्चित करेगा कि पूरे क्षेत्र को आपसी सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से लाभान्वित किया जा सके।
हिंद महासागर महत्त्वपूर्ण क्यों है?
- हिंद महासागर क्षेत्र अगले 20 वर्षों में नए वैश्विक विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण संसाधन बनने की क्षमता रखता है।
- यह उत्तरी अटलांटिक और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक व्यापार के स्तर पर एक विशिष्ट स्थान रखता है।
- हिंद महासागर प्राकृतिक संसाधनों से भी समृद्ध है। विश्व के 40% अपतटीय तेल (Offshore Oil) का उत्पादन हिंद महासागर के बेसिन में होता है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में विश्व के मत्स्य उत्पादन का लगभग 15% भाग का उत्पादन किया जाता है।
- यह क्षेत्र खनिज संसाधनों की दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ भारी मात्रा में मैंगनीज़, तांबा, लोहा, जस्ता, चांदी तथा सोने की उपलब्धता है।
- हिंद महासागर का तटीय क्षेत्र टाइटेनियम, ज़िरकोनियम, टिन, जस्ता और तांबे का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। इसके अतिरिक्त यहाँ विभिन्न दुर्लभ पृथ्वी तत्त्व भी पाए जाते हैं।