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डेली न्यूज़


आंतरिक सुरक्षा

चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास

  • 06 Jun 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम 

मेन्स के लिये:

चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘गृह मंत्रालय’ (Ministry of Home Affairs- MHA) ने ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ (Border Area Development Programme- BADP) के तहत चीन से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों को सुदृढ़ करने हेतु नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं।  

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ हेतु 784 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। 
  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की लंबाई और जनसंख्या जैसे विभिन्न मानदंडों के तहत इस धनराशि को वितरित किया जाएगा।
  • भारत और चीन के बीच हालिया घटनाक्रम के मद्देनज़र सीमावर्ती क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन के लिये बुनियादी ढाँचे का निर्माण एक रणनीतिक कदम है।
  • ध्यातव्य है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ हेतु 825 करोड़ रुपए आवंटित किये गए थे।

सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम 

(Border Area Development Programme-BADP)

  • ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की शुरुआत सातवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 1985–90) के दौरान की गई थी।
  • वर्तमान में इस कार्यक्रम के तहत 17 राज्यों के 111 सीमावर्ती ज़िलों के 394 सीमा खंड शामिल हैं।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र में रह रहे लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक खुशहाली और उन्हें कनेक्टिविटी संबंधी सुविधाएँ, स्वच्छ पेयजल, विद्यालय, अस्पताल तथा अन्य सुविधाएँ सुलभ कराना।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश:

  • नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की 10%  (कुल धनराशि में से 78.4 करोड़ रुपए) धनराशि लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी। साथ ही चीन से लगने वाली 3488 किलोमीटर सीमावर्ती क्षेत्रों को भी सुदृढ़ किया जाएगा।ये दिशा-निर्देश 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी हैं।
  • इन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गांवों और कस्बों को सीमा सुरक्षा बलों द्वारा चिह्नित कर परियोजनाओं पर खर्च किया जाना है।

extra-attention

  • ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की 10% धनराशि बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों के लिये प्रोत्साहन के रूप में आरक्षित किया जाएगा।
  • ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ की शेष 80% धनराशि में से 255.28 करोड़ रुपए पूर्वोत्तर राज्यों जैसे- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में खर्च की जाएगी।
  • बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लगभग 382.9 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की जाएगी।
  • ‘सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ कोष से सीमावर्ती क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के भीतर सड़क, पुल, पुलिया, प्राथमिक विद्यालय, स्वास्थ्य ढाँचा, खेल के मैदान, सिंचाई कार्य, मिनी-स्टेडियम, बास्केटबॉल के लिये इनडोर कोर्ट, बैडमिंटन और टेबल टेनिस का निर्माण किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • अवसंरचना विकास संबंधी यह परियोजना सीमावर्ती क्षेत्रों को आंतरिक क्षेत्रों से जोड़ने में सहायक होगा।
  • देश की सुरक्षा को लेकर लोगों के बीच एक सकारात्मक धारणा बनेगी।
  • लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने के लिये प्रोत्साहित करना।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों तथा सैन्य उपकरणों को शीघ्रता से पहुँचाना।

स्रोत: द हिंदू

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