विद्युत मंत्रालय की वार्षिक समीक्षा (भाग एक) | 10 Jan 2018
चर्चा में क्यों?
भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 तक देश भर में 24x7 बिजली प्रदान करने के लिये बड़े पैमाने पर कार्यक्रम शुरू किया गया है। ग्रामीण विद्युतीकरण पर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana - DDUGJY), शहरी विद्युतीकरण पर एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (Integrated Power Development Scheme - IPDS) तथा मार्च 2019 तक सौभाग्य योजना (SAUBHAGYA scheme) के तहत अलग-अलग घरेलू विद्युतीकरण उपायों पर बल दिया जा रहा है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- वर्ष भर भारत सरकार द्वारा थर्मल विद्युत उत्पादन (thermal power generation), पनबिजली और सबसे महत्त्वपूर्ण सौर, पवन और अन्य हरित ऊर्जा से संबंधित कई ऐतिहासिक निर्णय लिये गए हैं, इसके साथ ही प्रेषण और वितरण को सुदृढ़ बनाने, फीडर को अलग करने और उपभोक्ताओं के लिये बिजली के मीटर व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- इसके तहत न सिर्फ क्षमता बढ़ाने की उपलब्धियाँ शामिल हैं, बल्कि वर्तमान बुनियादी ढाँचे में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने हेतु महत्त्वपूर्ण सुधारों को भी शामिल किया गया है।
- साथ ही, इसके अंतर्गत विद्युत के नुकसान को कम करने एवं उत्तरदायित्व और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये कई मोबाइल एप्लिकेशन तथा वेबसाइटों जैसे- ऊर्जा एप, सौभाग्य पोर्टल, केन्द्रीय विद्युत पोर्टल, मेरिट पोर्टल की भी शुरूआत की गई।
मुख्य उपलब्धियाँ
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana - DDUGJY)
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत 32 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में कुल 42,565 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
देश में ग्रामीण विद्युतीकरण की स्थिति
- संचयी रूप से (30 नवंबर, 2017 तक), 1,24,219 गाँवों में विद्युतीकरण और 4,68,827 गाँवों में गहन विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है।
- तकरीबन 277.20 लाख बीपीएल परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन जारी किये गए हैं।
- देश में 18,452 जनगणना गाँवों (2011 की जनगणना के अनुसार 5,97,644 के कुल ग्रामीण बस्तियों में से) में 1 अप्रैल, 2015 तक राज्यों द्वारा विद्युतीकृत नहीं किये गए थे।
- 30 नवंबर, 2017 तक, 15,183 गाँवों में विद्युतीकरण पूरा हो गया है। बचे हुए 2217 गाँवों में 1 मई, 2017 तक विद्युतीकरण होने की उम्मीद है।
सौभाग्य योजना (SAuBHaGYa : Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana)
- भारत सरकार द्वारा सितंबर 2017 में देश में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल करने के लिये "प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)" नामक एक योजना की शुरूआत की गई,
- इस योजना की कुल लागत 16,320 करोड़ रुपए है, जिसमें 12,320 करोड़ रुपए का सकल बजटीय समर्थन शामिल है।
- इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी परिवारों को जोड़ना एवं बिजली कनेक्शन प्रदान करना है।
- ग्रामीण इलाकों में एसईसीसी आँकड़ों के आधार पर और शहरी इलाकों में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के आधार पर कम-से-कम वंचित रहने वाले सभी गैर-विद्युतीकृत परिवारों को मुफ्त बिजली के कनेक्शन दिये जाएंगें।
- इसके अलावा, दूसरे परिवारों से बिल के साथ दस समान किश्तों में प्रति परिवार 500 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
- दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित घरों को सौर फोटोवोल्टाइक (एसपीवी) आधारित स्टैंडअलोन पद्धति के साथ एलईडी लाइट, पंखे, पावर प्लग इत्यादि प्रदान किये जाएंगे।
- वर्ष 2011 के एसईसीसी आँकड़ों को आधार मानते हुए सामाजिक आर्थिक स्थितियों के अनुसार लाभार्थियों की पहचान की जाएगी।
- इस योजना के तहत 31 मार्च, 2019 तक सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (Integrated Power Development Scheme - IPDS)
- आईपीडीएस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में गुणवत्ता और विश्वसनीय 24X7 निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करना है। अभी तक, निगरानी समिति (Monitoring Committee) द्वारा 3,616 शहरों के लिये कुल 26,910 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है। राज्यों से संबंधित संस्थाओं को 23,448 करोड़ रुपए मूल्य का कार्य दिया गया है।
- इस योजना में आईटी और तकनीकी सहायता के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में 24X7 बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा, लेकिन बिलिंग और संग्रहण दक्षता में भी सुधार करने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप तकनीकी और वाणिज्यिक (Aggregate Technical and Commercial - AT&C) नुकसान में भी कमी आएगी।
- अभी तक, आर-एपीडीआरपी (R-APDRP) के तहत 1363 शहरों को "गो-लाइव" (Go-Live) घोषित किया गया है, 52 शहरों में स्काडा नियंत्रण प्रणाली (SCADA control systems) की स्थापना की गई है, 20 स्काडा शहरों में कार्य पूरा कर लिया गया है
- इस योजना के भाग-1 के तहत 21 डेटा केंद्रों में से 20 अधिकृत हो चुके हैं तथा 970 शहरों में भाग-बी परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।
- भारत में 45/57 डिस्कॉम (निजी सहित) में उपभोक्ताओं के लिये ऑल इंडिया शॉर्ट कोड '1912' की शुरुआत हो चुकी है।
उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (Ujwal Discom Assurance Yojana - UDAY)
- 20.11.2015 को भारत सरकार द्वारा बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय और परिचालन को घाटे से उबार कर लाभ में लाने के लिये उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) को आरंभ किया गया।
- इस योजना का उद्देश्य लगभग 4.3 लाख करोड़ रुपयों के लंबे समय से कर्ज और भविष्य में संभावित नुकसान का स्थायी समाधान करना है।
- इस योजना में सभी क्षेत्रों - उत्पादन, प्रेषण, वितरण, कोयला और ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने हेतु उपायों की परिकल्पना भी की गई है। योजना की वैधता अवधि दिनांक 31-03-2017 को समाप्त हो गई है।
- उदय के अंतर्गत प्रतिभागी राज्यों के कार्य-प्रदर्शन की गहन निगरानी सुनिश्चित करने हेतु एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी समिति कार्यप्रणाली (inter-ministerial Monitoring Committee Mechanism) स्थापित की गई है।
- अभी तक उदय योजना के अंतर्गत 27 राज्य और 4 संघ राज्य क्षेत्र शामिल हो चुके हैं।
प्रेषण (Transmission)
- "राष्ट्रीय विद्युत योजना [National Electricity Plan (Transmission)]" पर तैयार प्रारूप दस्तावेज़ 2021-22 की समय-सीमा में 226गीगावॉट परियोजना की अधिकतम मांग को पूरा करने हेतु 2017-22 की योजनागत अवधि के लिये अंतर-क्षेत्रीय पारेषण लिंक सहित पारेषण प्रणाली (पारेषण लाइनों और संबद्ध सबस्टेशनों) को कवर करता है।
- सीबीटीई को सुविधाजनक बनाने हेतु पड़ोसी देशों को विशेष रूप से बिजली आपूर्ति के लिये उनकी पारेषण प्रणाली को भारतीय उत्पादक केंद्रों से जोड़ा जा रहा है
- इस कार्य के लिये स्वतंत्र पारेषण प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता है, जिसके अनुमोदन के लिये सक्षम प्राधिकरण (Competent Authority) संबंधी आचरण व्यापार नियम (Conduct Business Rules - CBR) जारी किये गए हैं।
थर्मल (Thermal)
- पराली जलाने के कारण उत्पन्न प्रदूषण को कम करने के लिये, ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चूर्णित कोयले की आग से चालित बॉयलरों में को-फायरिंग के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिये बायोमास उपयोग हेतु एक नीति जारी की गई है।
हाइड्रो पावर परियोजनाएँ (Hydro power projects)
- हाइड्रो पावर सेक्टर में, 1305 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता वाली 11 हाइड्रो पावर परियोजनाओं के वर्ष 2017-18 में चालू होने की संभावना है। इन परियोजनाओं में से, 465 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाली 7 परियोजनाओं को 30.11.2017 तक पहले ही चालू कर दिया गया है और शेष को मार्च 2018 तक चालू करने की संभावना है।
- इसके अतिरिक्त 2880 मेगावाट की दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना (Dibang Multipurpose project) की डीपीआर को सीईए द्वारा वर्ष 2017 में मंज़ूरी प्रदान की गई है।