इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


जैव विविधता और पर्यावरण

भारत-स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला

  • 27 Jan 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भारत-स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला 

मेन्स के लिये:

भारत-स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला परियोजना की स्थापना से उत्पन्न सामाजिक तनाव की स्थिति के कारण

चर्चा में क्यों?

गणतंत्र दिवस के अवसर पर तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीणों द्वारा हाइड्रोकार्बन अन्वेषण और भारत-स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (India-based Neutrino Observatory- INO) परियोजनाओं जैसी पहलों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिये ग्राम सभा की बैठकें आयोजित की गईं।

मुख्य बिंदु:

  • ग्रामीणों के अनुसार, ये परियोजनाएँ अपने संबंधित क्षेत्रों के लिये पर्यावरणीय रूप से घातक सिद्ध होंगी।

हाइड्रोकार्बन अन्वेषण परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव:

  • ग्रामीणों के अनुसार, केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के पुदुकोट्टई (Pudukottai) ज़िले के नेदुवासल किझक्कू पंचायत (Neduvasal Kizhakku panchayat) में एक हाइड्रोकार्बन अन्वेषण परियोजना की पर्यावरण मंज़ूरी प्राप्त करने के लिये सार्वजनिक सलाह नहीं ली।
  • ग्रामीणों के अनुसार, यह परियोजना संबंधित क्षेत्र की उपजाऊ भूमि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगी।
  • इस परियोजना के विरोध में लगभग 300 से 400 ग्रामीणों ने स्वयं के हस्ताक्षर वाली एक याचिका पंचायत को सौंपी।
  • ग्रामीणों के अनुसार, इस परियोजना को पुदुकोट्टई ज़िले के उपजाऊ क्षेत्रों में क्रियान्वित नहीं किया जाना चाहिये।
  • किसी भी परियोजना को लागू करने से पहले ग्रामीणों से भी राय ली जानी चाहिये क्योंकि ऐसी परियोजनाओं से उनकी आजीविका प्रभावित हो सकती है।
  • यह परियोजना कृषि पर निर्भर समुदाय, खेत मज़दूरों और अन्य संबंधित व्यक्तियों को प्रभावित करेगी।
  • इस परियोजना के क्रियान्वयन से कृषि में संलग्न व्यक्ति रोज़गार की तलाश हेतु कस्बों और शहरों में प्रवास करने के लिये विवश होंगे। 

INO के खिलाफ प्रस्ताव:

  • थेनी (Theni) ज़िले के पोट्टीपुरम पंचायत के ग्रामीणों ने INO के विरोध में भी एक प्रस्ताव पारित किया।
  • ग्रामीणों के अनुसार, इस परियोजना का क्रियान्वयन पर्यावरण और पश्चिमी घाट के लिये हानिकारक सिद्ध होगा।

अन्य कारण:

  • रामनाथपुरम ज़िले की ‘कडलूर’ (Kadalur) ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने 2x800 मेगावाट की ‘उप्पुर सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट’ (Uppur Supercritical Thermal Power Plant) परियोजना के क्रियान्वयन के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया।
  • वर्ष 2016 में इसकी आधारशिला रखे जाने के बाद से इसे ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

कडलूर पंचायत में पर्यावरणीय क्षति:

  • यह क्षेत्र महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र के अंतर्गत आता है क्योंकि यहाँ मैंग्रोव और आर्द्रभूमि स्थित हैं।
  • इस पंचायत में लगभग 5000 व्यक्ति रहते हैं जिनमे से कुछ मछली पकड़ने के व्यवसाय पर आश्रित हैं परंतु संयंत्र के निर्माण कार्य से उत्पन्न मलबे को समुद्र में फेंका जा रहा है, जो मछली पकड़ने के व्यवसाय को प्रभावित कर रहा है।
  • ग्रामीणों के अनुसार, इस संयंत्र के क्रियान्वयन से किसानों को लगभग 300 एकड़ कृषि योग्य भूमि से वंचित कर दिया जाएगा।

भारत-स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला:

  • भारत स्थित न्यूट्रिनो वेधशाला (INO) एक बड़ी वैज्ञानिक परियोजना है।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2015 में तमिलनाडु के थेनी ज़िले में एक न्यूट्रिनो वेधशाला की स्थापना संबंधी परियोजना को मंज़ूरी दी गई थी।
  • इसका उद्देश्य न्यूट्रिनो कणों का अध्ययन करना है। न्यूट्रिनो मूल कण होते हैं जिनका सूर्य, तारों एवं वायुमंडल में प्राकृतिक रुप से निर्माण होता है।
  • INO की योजना न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में प्रयोगों के लिये छात्रों को विश्व स्तरीय अनुसंधान सुविधा प्रदान करने की है।

विदित हो कि सूर्य से आने वाला न्यूट्रिनो हो या वायुमंडल में पहले से ही मौजूद न्यूट्रिनो, यह किसी भी प्रकार से हमारे वातावरण को क्षति पहुँचाने वाला नहीं है, क्योंकि यह बहुत ही कमजोर कण है जो अन्य कणों से अंतःक्रिया करने में लगभग असमर्थ है, जिसे हम बिना किसी वेधशाला की मदद के देख या महसूस तक नहीं कर सकते हैं। अतः इस वेधशाला के प्रति व्यक्त चिंताएँ निर्मूल हैं और लोगों को यह समझना होगा। 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2