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भारतीय अर्थव्यवस्था

बजट 2022 में आयात शुल्क में बदलाव

  • 03 Feb 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एक स्टेशन एक उत्पाद, एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP) योजना, आयात शुल्क।

मेन्स के लिये:

बजट 2022-23 में उत्पादों के आयात शुल्क में बदलाव का प्रभाव और इसका महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

वित्तमंत्री ने वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में कई मदों पर सीमा शुल्क में बदलाव पेश किये हैं।

  • इसका अर्थ यह है कि सीमा शुल्क में बदलाव के आधार पर आयात अधिक महँगा या सस्ता हो जाता है।

आयात शुल्क परिवर्तन:

  • ‘छाते’ पर सीमा शुल्क को दोगुना बढ़ाकर 20% कर दिया गया, जबकि छतरियों के पुर्जों के आयात पर दी गई छूट को वापस ले लिया गया।
  • इसी तरह सिंगल या मल्टीपल लाउडस्पीकरों पर सीमा शुल्क को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
  • कटे और पॉलिश किये गए हीरे, हींग, कोको बीन्स, मिथाइल अल्कोहल तथा एसिटिक एसिड पर आयात शुल्क कम किया गया है।
  • पूंजीगत वस्तुओं और परियोजना आयात पर शुल्क की रियायती दरों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर और 7.5% का एक मध्यम टैरिफ लागू करके युक्तिसंगत बनाया गया।
    • प्रोजेक्ट आयात योजना के तहत एक कंपनी द्वारा आयात किये गए सामान को सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 में एक ही टैरिफ के तहत रखा जाता है, ताकि माल के तेज़ी से मूल्यांकन और निकासी की सुविधा सुनिश्चित हो सके।
    • वित्त विधेयक 2022-23 के अनुसार, टैरिफ परिवर्तन 1 मई, 2022 से प्रभावी होंगे।

आयात शुल्क बढ़ाने के पीछे कारण:

  • घरेलू उद्योगों की सुरक्षा हेतु:
    • छतरियों जैसी वस्तुओं के लिये आयात शुल्क में वृद्धि पिछले वर्ष खिलौनों पर आयात शुल्क में वृद्धि के अनुरूप है।
    • बढ़ोतरी उन उद्योगों के लिये की जा रही है, जो किसी भी बड़ी तकनीक से निर्मित वस्तुओं का निर्माण नहीं करते हैं।
      • उदाहरण के लिये छतरियों का निर्माण 10-12 ज़िलों में फैली छोटी इकाइयों में किया जाता है, जिसमें केरल प्रमुख विनिर्माण राज्य है।
    • सरकार ऐसे उद्योगों को संरक्षण देने के पक्ष में है।
  • ‘एक स्टेशन-एक उत्पाद’ को लोकप्रिय बनाना: 
    • यह बजट 2022 में घोषित स्थानीय व्यवसायों और आपूर्ति शृंखलाओं को लोकप्रिय बनाने के लिये एक स्टेशन-एक उत्पाद को बढ़ावा देने के अनुरूप है।
      • एक अवधारणा के रूप में एक स्टेशन-एक उत्पाद का उद्देश्य उस क्षेत्र के रेलवे स्टेशन को उत्पाद हेतु प्रचार और बिक्री केंद्र बनाकर भारतीय रेलवे के प्रत्येक स्टॉप  से एक स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देना है।
      • 'एक स्टेशन-एक उत्पाद' की अवधारणा एक ज़िला एक उत्पाद योजना’ पर आधारित है। एक ज़िले की क्षमताओं के आधार पर ओडीओपी एक ज़िले की वास्तविक क्षमता को साकार करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, रोज़गार उत्पन्न  करने और ग्रामीण उद्यमिता की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम रहा है।

हाल के वर्षों में आयात शुल्क में बदलाव:

  • वर्ष 2021 में स्टील स्क्रैप उद्योग को सीमा शुल्क में छूट प्रदान की गई जिसे अब एक और वर्ष  के लिये  बढ़ा दिया गया है।
    • इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के द्वितीयक इस्पात उत्पादकों को राहत मिलने की संभावना है।
  • पिछले पाँच वर्षों में कई अवसरों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। घरेलू उद्योग के विकास तथा पोषण के उद्देश्य से सेलफोन के पुर्जों एवं सौर पैनलों जैसी अन्य वस्तुओं में सबसे नियमित बढ़ोतरी देखी गई है।
  • गैर-कृषि उत्पादों पर भारत का सीमा शुल्क बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी से पहले वर्ष 1991-92 में सामान्य दरों से 150%, वर्ष 1997-98 में 40%, वर्ष 2004-05 में 20% तथा 2007-08 में 10% तक कम हो गया था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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