संघीय बजट 2020-21 की प्रमुख विशेषताएँ | 03 Feb 2020
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को केंद्रीय बजट (वर्ष 2020-21) संसद में पेश किया।
बजट संबंधी प्रमुख बिंदु:
- व्यय: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में 30.42 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव किया है, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 के संशोधित अनुमान से 12.7 प्रतिशत अधिक है।
- प्राप्ति: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र सरकार ने 22.46 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति अनुमानित की, जो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से 16.3 प्रतिशत अधिक है।
- GDP वृद्धि: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में नॉमिनल GDP में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर अनुमानित है।
- घाटा: आगामी वित्त वर्ष के लिये राजस्व घाटा कुल GDP का 2.7 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जो कि जो वित्त वर्ष 2019-20 में 2.4 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से अधिक है। राजकोषीय घाटा कुल GDP का 3.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 में 3.8 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से कम है।
कर संबंधी प्रावधान
प्रत्यक्ष कर
- आयकर
केंद्र सरकार ने आयकरदाताओं को राहत प्रदान करने और आयकर संबंधी कानूनों को सरल बनाने के उद्देश्य से एक नई और सरलीकृत आयकर व्यवस्था स्थापित करने प्रस्ताव किया ह। ध्यातव्य है कि नई व्यवस्था वैकल्पिक होगी अर्थात् करदाताओं को पुरानी व्यवस्था और नई व्यवस्था के मध्य चुनाव का विकल्प दिया जाएगा।
आयकर स्लैब (रुपए) | मौजूदा दरें (%) | नई दरें (%) |
0 से 2.5 लाख | छूट | छूट |
2.5 से 5 लाख | 5 | छूट |
5 से 7.5 लाख | 20 | 10 |
7.5 से 10 लाख | 20 | 15 |
10 से 12.5 लाख | 30 | 20 |
12.5 से 15 लाख | 30 | 25 |
15 लाख से ऊपर | 30 | 30 |
- लाभांश वितरण कर (DDT)
वर्तमान में कंपनियों को अपने शेयरधारकों को दिये गए लाभांश पर लागू अधिभार और उपकर सहित 15 प्रतिशत से अधिक लाभांश वितरण कर (DDT) देना पड़ता है, जो कि कंपनी द्वारा अपने लाभों पर दिये जाने वाले कर के अतिरिक्त होता है। निवेशकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ने DDT को समाप्त कर दिया है और अब नई व्यवस्था के तहत लाभांश पर कर का दायित्व प्राप्तकर्त्ता पर होगा। - स्टार्ट अप
मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, 25 करोड़ रुपए तक के कुल कारोबार करने वाले स्टार्टअप को अपने प्रारंभिक 7 वर्षों में से लगातार 3 निर्धारित वर्षों के लिये लाभ की 100 प्रतिशत कटौती की अनुमति गई है, वित्त मंत्रालय ने यह सीमा 25 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही प्रारंभिक वर्षों की सीमा को भी 7 से बढ़ाकर 10 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त स्टार्ट अप को ई-सॉप्स पर कर भुगतान से भी राहत प्रदान की गई है। - सहकारी संस्थाएं
सरकार ने केंद्रीय बजट के माध्यम से सहकारी संस्थाओं और कॉर्पोरेट क्षेत्र के बीच समानता लाने का प्रयास किया है। बजट के अंतर्गत वित्त मंत्रालय ने सहकारी संस्थाओं पर छूट/कटौती के बिना 10 प्रतिशत अधिभार और 4 प्रतिशत उपकर के साथ 22 प्रतिशत कर भुगतान के विकल्प का प्रस्ताव किया है। - विदेशी निवेश के लिये कर रियायत
प्राथमिताओं वाले क्षेत्र में विदेशी सरकारों के सॉवरिन धन कोष (Sovereign Wealth Fund) द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये उनके द्वारा 31 मार्च, 2024 से पहले और न्यूनतम तीन वर्षों की लॉक-इन अवधि के साथ अवसंरचना और अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में किये गए निवेश के संबंध में उनके ब्याज, लाभांश और पूंजीगत लाभों को 100 प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। - सस्ते मकान
बीते वर्ष के बजट में वित्त मंत्रालय ने सभी के लिये सस्ते मकान की खरीदारी हेतु लिये गये ऋण के भुगतान के ब्याज में 1,50,000 रुपए तक की अतिरिक्त कटौती की घोषणा की थी। इस अतिरिक्त कटौती का लाभ उठाने के लिये ऋण की तिथि को 31 मार्च, 2020 से एक वर्ष और आगे बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
'विवाद से विश्वास' योजना
'विवाद से विश्वास' योजना के तहत करदाता को केवल विवादित करों की राशि का दान करने की आवश्यकता होगी और उसे ब्याज तथा दंड से पूरी तरह छूट मिलेगी। हालाँकि यह आवश्यक है कि करदाता देय कर-राशि का भुगतान 31 मार्च, 2020 से पहले कर दे। 31 मार्च, 2020 के बाद जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहेंगे, उन्हें कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेगी।
अप्रत्यक्ष कर
- वस्तु एवं सेवा कर (GST)
01 अप्रैल, 2020 से GST रिटर्न दाखिल करने की सरलीकृत प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया अपनी विभिन्न विशेषताओं जैसे- शून्य विवरणी के लिये SMS आधारित फाइलिंग और बेहतर इनपुट कर क्रेडिट प्रवाह आदि के माध्यम से GST रिटर्न दाखिल करना आसान बनाएगी। उपभोक्ता इनवॉयस के लिये इसमें डॉयनमिक क्यूआर कोड (Dynamic QR-code) का प्रस्ताव किया गया है जिसके द्वारा खरीदारी के समय QR कोड के माध्यम से GST मानकों का विवरण तत्काल हासिल कर लिया जाएगा।
सीमा शुल्क
वित्त मंत्रालय ने सीमा शुल्क को फुटवियर पर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने और फर्नीचर वस्तुओं पर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा वाहनों के कलपूर्जों और रसायन जैसी कुछ वस्तुएँ जिनका घरेलू उत्पादन भी होता है, पर सीमा शुल्क में वृद्धि की गई है। न्यूज़ प्रिंट और हल्के कोटेड पेपर के आयात पर बुनियादी आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।
सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है, जबकि बीडी पर शुल्क दरों में कोई बदलाव नहीं है।
नीतिगत विशेषताएँ
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास:
कृषि ऋण
- केंद्रीय बजट में 15 लाख करोड़ रुपए कृषि ऋण प्रदान करने का लक्ष्य।
- पीएम-किसान लाभार्थियों को KCC योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
- नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्तार देना।
नीली अर्थव्यवस्था
- वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपए तक पहुँचाना।
- वर्ष 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
किसान रेल
- दूध, मांस और मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिये बाधा रहित राष्ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति शृंखला प्रदान करने के लिये सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है, इन एक्सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतक डिब्बे लगाए जाएंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना की शुरुआत करना
- पूर्वोत्तर ओर जनजातीय क्षेत्रों के ज़िलों को कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर सेवा का संचालन करना।
बागवानी क्षेत्र में विपणन और निर्यात को बेहतर बनाने के लिये 'एक उत्पाद, एक ज़िला' की नीत
- इस योजना के तहत सभी तरह के पारंपरिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित प्रयोग करके जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा दिया जाएगा तथा जैविक उत्पादों के ऑनलाइन राष्ट्रीय बाज़ारों को मज़बूत बनाया जाएगा।
पीएम-कुसुम योजना का विस्तार
- इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में तथा 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में सहायता की जाएगी।
ग्राम भंडारण योजना
- इस योजना के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारों, कोल्ड स्टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्शा बनाया जाएगा तथा उनकी जीओ टैगिंग की जाएगी तथा किसानों के लिये स्वयं-सहायता समूहों द्वारा भंडारण व्यवस्था संचालित की जाएगी ताकि उत्पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके।
पशुधन
- दूध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन टन से दोगुना कर 108 मिलियन टन के स्तर पर पहुँचाया जाएगा तथा कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
दीनदयाल अंत्योदय योजना
- गरीबी उन्मूलन के लिये 58 लाख स्वयं सहायता समूहों के साथ 50 लाख परिवारों को जोड़ा गया।
वेलनेस, जल एवं स्वच्छता
- सार्वजनिक निजी भागीदारी व्यवस्था के तहत अस्पतालों के निर्माण के लिये कम पड़ रही राशि की पूर्ति के लिये वायबिलिटी गैप फंडिंग अथवा प्रकोष्ठ बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- ऐसे ज़िले जहाँ आयुष्मान योजना से जुड़े पैनल में कोई भी अस्पताल नहीं है, उन आकांक्षी ज़िलों को पहले चरण में कवर किया जाएगा।
जन औषधि केंद्र योजना
- इस योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी ज़िलों में 2000 प्रकार की दवाओं और 300 शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की सुविधा दी जाएगी।
‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ अभियान
- वर्ष 2025 तक तपेदिक को समाप्त करने की प्रतिबद्धता।
जल जीवन मिशन
- स्थानीय जल स्रोतों की संख्या बढ़ाना, मौजूदा जल स्रोतों का पुनर्भरण और जल संचय तथा खारेपन को दूर करने को प्रोत्साहन दिया जाएगा तथा 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों को चालू वित्त वर्ष के दौरान ही इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन
- ODF से जुड़ी प्रवृत्ति को बनाए रखने हेतु ‘ODF+’ के लिये प्रतिबद्धता दिखाते हुए द्रव एवं धूसर जल के प्रबंधन पर विशेष बल देना तथा ठोस अपशिष्ट को स्रोत पर ही अलग-अलग करते हुए प्रोसेसिंग पर भी फोकस करना।
शिक्षा एवं कौशल
- इस बजट के तहत एक नई शिक्षा नीति की घोषणा का प्रावधान किया गया है।
- पुलिस संबंधी विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, साइबर-फॉरेंसिक, इत्यादि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया है।
- राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के अंतर्गत आने वाले शीर्ष 100 संस्थानों द्वारा डिग्री स्तर का पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी व्यवस्था के तहत एक मेडिकल कॉलेज को एक मौजूदा ज़िला अस्पताल से संबद्ध करने का प्रस्ताव किया गया है।
- ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम
- इस कार्यक्रम के तहत इंड-सैट को एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में शुरू करने का प्रस्ताव है।
आर्थिक विकास
- उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश
- निवेश मंज़ूरी प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- पाँच नवीन ‘स्मार्ट सिटी’ को विकसित करने का प्रस्ताव है।
- वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की चार वर्षीय कार्यान्वयन अवधि के साथ 1480 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय के साथ राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन प्रारंभ किया जाएगा।
- ज़्यादा निर्यात ऋणों का वितरण सुनिश्चित करने के लिये नई योजना ‘निर्विक’ प्रारंभ की जाएगी।
- गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँचाने का प्रस्ताव किया गया है।
- प्रधानमंत्री के ज़ीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट विनिर्माण विज़न के अनुरूप सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक जारी करेंगे।
- अवसंरचना:
- विकास के चरण और आकार के आधार पर 6500 से अधिक परियोजनाओं का वर्गीकरण किया जाएगा।
- 103 लाख करोड़ रुपए की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन परियोजना की घोषणा की गई जिसके अंतर्गत IIFCL तथा NIIF जैसी अवसंरचना वित्त कंपनियों की सहायता के लिये 22000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को जल्द ही जारी किया जाएगा।
- एकल खिड़की की सुविधा आधारित लॉजिस्टिक बाज़ार की स्थापना की जाएगी।
- वर्ष 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव।
- राजमार्ग-
- राजमार्गों के तेज़ी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं-
- पहुँच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर
- आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर
- तटीय और भूमि पत्तन सड़कें- 2000 किलोमीटर
- रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर
- चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होगी।
- 6000 किलोमीटर से अधिक की लंबाई वाले 12 नए राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।
- राजमार्गों के तेज़ी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं-
- भारतीय रेलः
- रेल पटरियाँ के किनारे सौर ऊर्जा की उच्च क्षमता स्थापित की जाएगी।
- 148 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना के लिये 18,600 करोड़ रुपए, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा। केंद्र सरकार 20 प्रतिशत का लागत वहन करेगी और परियोजना लागत का 60 प्रतिशत बाहरी सहायता से उपलब्ध कराने की सुविधा देगी।
- भारतीय रेल की उपलब्धियाँ
- 550 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा।
- कोई मानवरहित क्रॉसिंग नहीं।
- 27000 किलोमीटर की रेल लाईन का विद्युतीकरण।
- पत्तन और जलमार्ग
- कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सेंज में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री की अर्थ गंगा संकल्पना के अनुरूप नदी के तटों पर आर्थिक गतिविधियों को तेज़ किया जाएगा।
- हवाई अड्डा
- उड़ान योजना के तहत 100 और हवाई अड्डों को 2024 तक पुनर्विकसित किया जाएगा।
- इस अवधि के दौरान हवाई जहाज़ों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 हो जाने की उम्मीद की गई है।
- विद्युतः
- स्मार्ट मीटर को बढ़ावा।
- बिजली वितरण कंपनियों में सुधार के लिये विभिन्न उपाय।
- ऊर्जा:
- राष्ट्रीय गैस-ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर के विस्तार का प्रस्ताव।
- पारदर्शी मूल्य और लेन-देन में आसानी की सुविधा के लिये और सुधार किया जाएगा।
- नई अर्थव्यवस्था
- भारतनेट के माध्यम से इस वर्ष 1 लाख ग्राम पंचायतों को फाइबर-टू-द-होम से जोड़ा जाएगा।
- वर्ष 2020-21 में भारतनेट कार्यक्रम के लिये 6000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव।
- नए और उभरते क्षेत्रों समेत विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ज्ञान अनुवाद क्लस्टर स्थापित किये जाएंगे।
- भारत के जेनेटिक लैंडस्केप की मैपिंग के लिये एक व्यापक डाटाबेस के सृजन के लिये दो नवीन राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा।
- क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय अभियान के लिये 5 वर्ष की अवधि हेतु 8,000 करोड़ रुपए के परिव्यय प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया।
संस्कृति और पर्यटन
- संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है।
- स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप में पाँच पुरातत्व स्थलों का विकास किया जाएगा- राखीगढ़ी (हरियाणा), हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धौलावीरा (गुजरात) और अदिचनल्लूर (तमिलनाडु)।
- कोलकाता में ऐतिहासिक टकसाल भवन में मुद्रा-विषयक और व्यापार पर एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।
- झारखंड के रांची में एक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
- अहमदाबाद के निकट हड़प्पा युग के नौवहन स्थल लोथल में पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा एक पोत संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
- अत्यधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले विद्युत संयंत्रों के लिये निर्धारित मानकों के अनुरूप चलाने तथा खाली भूमि के वैकल्पिक उपयोग का प्रावधान।
- 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले बड़े नगरों में स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिये राज्यों के द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को कार्यान्वित करते हुए प्रोत्साहन देना।
- प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली सचिवालय के साथ आपदा उन्मोचन अवसंरचना सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर सहयोग के प्रारंभ के बाद यह दूसरी अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
अभिशासन
- कर शासन में निष्पक्षता और कुशलता लाने के लिये करदाता चार्टर का गठन किया जाएगा।
- विधानों में कार्यों के लिये सिविल प्रकृति की आपराधिक ज़िम्मेदारी को ठीक करने के लिये कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
- एक स्वतंत्र, पेशेवर, विशेषज्ञ संगठन के रूप में एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना का प्रस्ताव किया गया। यह एजेंसी अराजपत्रित पदों की भर्ती के लिये कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन सामान्य पात्रता परीक्षा का आयोजन करेगी। प्रत्येक ज़िले विशेष रूप से आकांक्षी ज़िलों में एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- अनुबंध अधिनियम को मज़बूत बनाया जाएगा।
- आधिकारिक सांख्यिकीय पर नवीन राष्ट्रीय नीति बनाई जाएगी।
- भारत में 2022 में आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता के लिये तैयारियाँ शुरू करने हेतु कुल 100 करोड़ रुपए आवंटित किये जाएंगे।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के विकास के लिये विशेष आर्थिक प्रावधान किये जाएंगे।
- केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिये 5958 करोड़ रुपए का प्रावधान।
वित्तीय क्षेत्र
- 10 बैंकों को 4 बैंकों के तौर पर विलय को मंज़ूरी दी जा चुकी है।
- 3,50,000 करोड़ रुपए की पूंजी प्रदान की गई है।
- जमा बीमा तथा क्रेडिट गारंटी निगम ने जमा बीमा दायरे को प्रति जमाकर्त्ता 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की अनुमति दी।
- बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन द्वारा सहकारी बैंकों का सशक्तीकरण किया जाएगा।
- ऋण वसूली के लिये NBFC की पात्रता सीमा घटाई गई।
- सरकार स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से IDBI बैंक में अपनी शेष हिस्सेदारी को निजी, खुदरा तथा संस्थागत निवेशकों को बेचेगी।
- MSME के लिये एप आधारित इनवायस फाइनांसिंग लॉन प्रोडक्ट की शुरुआत।
- वित्तीय बाज़ार
- कुछ विनिर्दिष्ट सरकारी प्रतिभूतियों की श्रेणियों को गैर निवासी निवेशकों के लिये भी पूरी तरह खोला जाएगा।
- कारपोरेट बांडों में FPI की सीमा को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया।
- IFSC गिफ्ट सिटी: इनमें अंतर्राष्ट्रीय वित्त तथा सर्वोत्तम डेटा प्रोसेसिंग का केंद्र बनने की क्षमता है।
- विनियामक के अनुमोदन से वैश्विक बाजार भागीदारों द्वारा व्यापार के लिये अतिरिक्त विकल्प के रूप में एक अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी।
- विनिवेश
- सरकार द्वारा आरंभिक सार्वजनिक पेशकश द्वारा LIC में अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव लाया गया है।
राजकोषीय प्रबंधन
- 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
- GST क्षतिपूर्ति निधि:
- वर्ष 2016-17 और 2017-18 के GST संग्रहण में से देय बकाया राशि दो किस्तों में हस्तांतरित की जानी है।
- इसके बाद इस निधि में स्थानांतरित GST क्षतिपूर्ति उपकर द्वारा संग्रहण तक ही सीमित होगा।
- वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में 3.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटा का अनुमान लगाया गया था और वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में में 3.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटा का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिये सुधारों का एक बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिये चला जाएगा जो 21 प्रतिशत से भी अधिक हो गया है।