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गोदावरी-कावेरी लिंक परियोजना

  • 12 Feb 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

गोदावरी-कावेरी नदी जोड़ो परियोजना

मेन्स के लिये:

भारत में नदियों से संबंधित मामले

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गोदावरी-कावेरी लिंक परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (Detailed Project Report-DPR) तैयार करने का कार्य पूरा किया गया ताकि परियोजना से संबंधित राज्य अपना पक्ष रख सकें।

मुख्य बिंदु:

  • DPR का कार्य राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (National Water Development Agency- NWDA) द्वारा पूरा किया गया है।

राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी:

  • NWDA जल शक्ति मंत्रालय में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1982 में की गई थी।
  • इसकी स्थापना का उद्देश्य केंद्रीय जल आयोग द्वारा तैयार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National perspective plan) के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देना है ।
  • यह प्रायद्वीपीय घटक के संबंध में विस्तृत अध्ययन, सर्वेक्षण और जाँच करता।
  • यह अंतर-बेसिन जल अंतरण अर्थात नदी जोड़ो योजना को व्यावहारिक बनता है।

परियोजना से संबंधित मुख्य बिंदु:

  • गोदावरी (इनचम्पल्ली / जनमपेट) - कावेरी (ग्रैंड एनीकट) लिंक परियोजना में 3 लिंक शामिल हैं:
    1. गोदावरी (इंचमपल्ली/जनमपेट) - कृष्णा (नागार्जुनसागर)
    2. कृष्णा (नागार्जुनसागर) - पेन्नार (सोमाशिला Somasila)
    3. पेनार (सोमाशिला) - कावेरी
  • प्रारूप के अनुसार, लगभग 247 TMC (Thousand Million Cubic Feet) पानी को गोदावरी नदी से नागार्जुनसागर बाँध (लिफ्टिंग के माध्यम से) और आगे दक्षिण में भेजा जाएगा जो कृष्णा, पेन्नार और कावेरी बेसिनों की जल आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
  • यह परियोजना आंध्र प्रदेश के प्रकाशम, नेल्लोर, कृष्णा, गुंटूर और चित्तूर ज़िलों के 3.45 से 5.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी।
  • परियोजना की अनुमानित लागत वर्ष 2018-19 में 6361 करोड़ रुपए थी।
  • संबंधित राज्यों की सर्वसम्मति से DPR तैयार कर आवश्यक वैधानिक मंज़ूरी प्राप्त होने के बाद ही इस परियोजना के कार्यान्वयन का चरण पूरा हो पाएगा।

परियोजना से जुड़ी नदियों का विवरण:

  • गोदावरी नदी
    • उद्गम स्थल: यह महाराष्ट्र में नासिक के पास त्रयंबकेश्वर से निकलती है।
    • अपवाह बेसिन: इस नदी बेसिन का विस्तार महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पुद्दुचेरी के कुछ क्षेत्रों में है। इसकी कुल लंबाई लगभग 1465 किमी. है।
    • सहायक नदियाँ: प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, वर्धा, प्राणहिता (वैनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
  • कृष्णा नदी
    • उद्गम स्थल: इसका उद्गम स्थल महाराष्ट्र में महाबलेश्वर (सतारा) के पास होता है।
    • अपवाह बेसिन: यह नदी चार राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। नागार्जुनसागर बाँध इसी नदी पर स्थित है।
    • सहायक नदियाँ: तुंगभद्रा, मालप्रभा, कोयना, भीमा, घाटप्रभा, यरला, वर्ना, बिंदी, मूसी और दूधगंगा।
  • पेन्नार नदी
    • उद्गम स्थल: कर्नाटक के चिकबल्लापुर ज़िले में नंदी पहाड़ से।
    • अपवाह बेसिन: यह कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
    • सहायक नदियाँ: जयमंगली, कुंदरू, सागरलेरू, चित्रावती, पापाघनी और चीयरू।
  • कावेरी नदी
    • उद्गम स्थल: यह कर्नाटक में पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरी पहाड़ से निकलती है।
    • अपवाह बेसिन: यह कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। यह नदी एक विशाल डेल्टा का निर्माण करती है, जिसे ‘दक्षिण भारत का बगीचा’ (Garden of Southern India) कहा जाता है।
    • सहायक नदियाँ: अर्कवती, हेमवती, लक्ष्मणतीर्थ, शिमसा, काबिनी, भवानी, हरंगी आदि।

स्रोत: PIB

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