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जैव विविधता और पर्यावरण

राइन नदी के जल स्तर में कमी

  • 10 Jun 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

राइन नदी के बारे में

मेन्स के लिये: 

नदी जल स्तर में कमी तथा इसका औद्योगिक गतिविधियों पर प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जर्मनी की राइन नदी शुष्क ग्रीष्मकाल के शरुआती दिनों में ही पिछले दो दशकों की तुलना में अपने न्यूनतम जल स्तर पर पहुँच गई है। इसके चलते यूरोप के सबसे महत्त्वपूर्ण अंतर्देशीय जलमार्ग पर शिपिंग में व्यवधान की आशंका व्यक्त की जा रही है।

Rhine-Water

प्रमुख बिंदु:

  • जर्मनी की अंतर्देशीय जलमार्ग एजेंसी के अनुसार, बसंत ऋतु में पर्याप्त वर्षा न होने के कारण फ्रैंकफर्ट के पास काब (Kaub) नामक एक प्रमुख चोकपॉइंट में राइन नदी का जल स्तर 3 जून को लगभग 1 मीटर तक नीचे पहुँच गया है जो पिछले दो दशकों का सबसे निम्नतम स्तर है।
  •  एजेंसी के आँकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अप्रैल की शुरुआत में ही राइन नदी में जल स्तर 40% तक गिर गया था।
  • वर्ष 2018 में इस आशंका को व्यक्त किया गया था क्योंकि तब भी जल स्तर इतना कम हो गया था कि नदी औद्योगिक जहाज़ों की आवाजाही के लिये सुगम्य नहीं रही थी।
  • इसके चलते उत्तरी सागर के बंदरगाहों पर स्थित कारखानों में कच्चे माल की आपूर्ति बाधित हो गई थी ।

राइन नदी:

  • खनिज संपदा से भरपूर औद्योगिक क्षेत्र में बहने के कारण इस नदी का महत्त्व व्यापारिक मार्ग के रूप में अधिक है।
  • राइन नदी स्विस आल्प्स में उच्च स्रोत से निकलने के साथ, उत्तरी सागर के मुहाने पर स्थित रॉटरडम बंदरगाह तक लगभग 800 मील (1,300 किलोमीटर) से अधिक की दूरी तय करती है। 
  • उत्तरी सागर में गिरने से पहले यह यूरोप के महत्त्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों को बंदरगाहों के माध्यम से सामान की आपूर्ति करती है।
  • इस नदी में जल की आपूर्ति वर्षा के पानी तथा हिमनदों के पिघलन (ग्लेशियल रन-ऑफ) से होती है।

नदी के जल स्तर में कमी के कारण:

  • पिछले कुछ वर्षों से ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियरों पर बर्फ का निर्माण कम हो रहा है।  
  • वर्तमान में यूरोप द्वारा अत्यधिक शुष्क गर्मी का सामना किया जा रहा है।
  • मध्य यूरोप में सामान्य से कम वर्षा के साथ-साथ, शुष्क बसंत मौसम का होना।
  • वर्ष 2019 की हीट वेव के कारण भू-जल स्तर भी कम हो गया है। जल स्तर की इस कमी ने मिट्टी तथा वनस्पति की आर्द्रता को भी प्रभावित किया है।
  • जर्मनी की अंतर्देशीय जलमार्ग एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष जल के सभी सामान्य स्रोतों में कमी देखी गई है।

आर्थिक गतिविधयों पर प्रभाव:

  • राइन नदी में जल स्तर की कमी के चलते डीज़ल ईंधन आधारित नावों को यदि  काब से आगे जाना है तो वे अपनी कुल क्षमता का 40% ही लोड कर पा रही हैं।
  • यूरोप के कारखानों द्वारा डुइसबर्ग (Duisburg) में वैकल्पिक माल परिवहन को बुक किया गया है, ताकि कारखानों में कच्चे माल की आपूर्ति बाधित न हो।
  • अगर पानी का स्तर लगातार इसी प्रकार कम बना रहा तो राइन नदी का उपयोग करने वाली रिफाइनरियों को वर्ष 2018 की तुलना में तेल का कम उत्पादन करना पड़ेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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