गरीब कल्याण रोज़गार अभियान | 19 Jun 2020
प्रीलिम्स के लिये:गरीब कल्याण रोज़गार अभियान मेन्स के लिये:गरीब कल्याण रोज़गार अभियान का रोज़गार एवं प्रवासी मज़दूरों के संदर्भ में महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
COVID -19 महामारी के चलते प्रवासी मज़दूरों के समक्ष उत्पन्न रोज़गार की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून, 2020 को ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ (Garib Kalyan Rojgar Abhiyan- GKRA) की शुरुआत की जाएगी ।
प्रमुख बिंदु:
- इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिहार के खगड़िया ज़िले के ग्राम तेलिहार से की जाएगी।
- ‘गरीब कल्याण रोज़गार अभियान’ के अंतर्गत सरकार द्वारा लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा।
- यह 125 दिनों का अभियान होगा, जिसे मिशन मोड रूप में संचालित किया जाएगा।
- इस अभियान में छ: राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड तथा ओडिशा को शामिल किया गया है।
- छ: ज़िलों के 25,000 से अधिक प्रवासी श्रमिकों के साथ कुल 116 ज़िलों को इस अभियान के लिये चुना गया है, जिसमें 27 आकांक्षी ज़िले (aspirational districts) भी शामिल हैं।
- इस कार्यक्रम में शामिल छ: राज्यों के 116 ज़िलों के गाँव कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Centres) तथा ‘कृषि विज्ञान केंद्रों’ (Krishi Vigyan Kendras) के माध्यम से शामिल होंगे, जो कोरोना के कारण लागू शारीरिक दूरी के मानदंडों को भी ध्यान में रखेंगे ।
- इस अभियान में 12 विभिन्न मंत्रालयों को समनवित किया जाएगा, जिसमें पंचायती राज, ग्रामीण विकास, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सीमा सड़कें, दूरसंचार तथा कृषि मंत्रालय शामिल हैं।
अभियान का महत्त्व:
- इस अभियान को ऐसे समय में शुरू किया जा रहा है जब COVID-19 के प्रकोप के कारण लाखों प्रवासी मज़दूर गाँवों की तरफ लौट रहे हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार की समस्या उत्पन्न हो रही है।
- मनरेगा के तहत काम करने वाले परिवारों की संख्या भी मई 2020 में एक स्तर पर पहुँच गई है।
- यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में ही प्रवासी श्रमिकों को रोज़गार प्रदान करने के साथ-साथ गाँवों के टिकाऊ बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने में सहायक होगा।
- यह अभियान प्रवासी श्रमिकों तथा ग्रामीण नागरिकों के सशक्तीकरण तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा अर्थात् गाँवों में ही आजीविका के अवसरों को इस अभियान के माध्यम से विकसित किया जाएगा।