बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम | 08 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (Flood Management and Border Areas Programme-FMBAP) को मंज़ूरी दी है। गौरतलब है कि यह कार्यक्रम बाढ़ प्रबंधन कार्यों और सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित नदी प्रबंधन गतिविधियों तथा कार्यों हेतु पूरे देश में लागू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- FMBAP योजना प्रभावी बाढ़ प्रबंधन, भू-क्षरण पर नियंत्रण के साथ-साथ समुद्र तटीय क्षेत्रों के क्षरण के रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
- यह प्रस्ताव देश में बाढ़ और भू-क्षरण से शहरों, गाँवों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, संचार नेटवर्क, कृषि क्षेत्रों, बुनियादी ढाँचों आदि को बचाने में मदद करेगा।
- जलग्रहण उपचार कार्यों से नदियों में गाद कम करने में सहायता मिलेगी।
- बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (FMP) तथा नदी प्रबंधन गतिविधियों और सीमावर्ती क्षेत्रों से संबंधित कार्य (River Management Activities and Works related to Border Areas-RMBA) नामक दो स्कीमों के घटकों को आपस में विलय करके FMBAP योजना तैयार की गई है।
- इस योजना के तहत पड़ोसी देशों के साथ साझा नदियों पर जल संसाधन परियोजनाओं जैसे- नेपाल में पंचेश्वर तथा सप्तकोसी-सनकोसी परियोजनाओं का सर्वेक्षण और जाँच-पड़ताल एवं डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि तैयार करना भी शामिल है।
वित्तपोषण:
- इस कार्यक्रम की अनुमानित लागत 3342 करोड़ रुपए है।
- सामान्य श्रेणी के राज्यों में किये जाने वाले कार्यों के लिये वित्त प्रबंधन केंद्र और राज्य हेतु 50-50 प्रतिशत के अनुपात में रहेगा, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण पद्धति 70 प्रतिशत (केंद्र) और 30 प्रतिशत (राज्य) के अनुपात में रहेगी।
स्रोत- पीआईबी