शासन व्यवस्था
DMF/PMKKKY पर पहली राष्ट्रस्तरीय कार्यशाला
- 19 Jan 2019
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चर्चा में क्यों?
18 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में खान मंत्रालय (Ministry of Mines) ने ज़िला खनिज फाउंडेशन (District Mineral Foundation-DMF)/प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (Pradhan Mantri Khanij Kshetra Kalyan Yojna-PMKKKY) पर प्रथम राष्ट्रस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।
- इसमें ज़िला कलेक्टरों/ज़िला मजिस्ट्रेट/ज़िला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य खनन विभागों के अधिकारियों, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास मंत्रालयों सहित अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों आदि ने इस कार्यशाला में भाग लिया।
- इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य DMF के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने और DMF के कार्यान्वयन में चुनौतियों के समाधान के लिये कार्यनीतियाँ विकसित करने, लेखा-परीक्षा एवं समायोजन, PMKKKY दिशा-निर्देशों को बेहतर बनाने, प्रभावित लोगों और क्षेत्रों की पहचान करने के मानदंड आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना था।
- DMF/PMKKKY पर अपनी तरह की इस पहली कार्यशाला खनन से प्रभावित क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में खनन क्षेत्र को पूर्ण योगदान देने तथा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में मंत्रालय के प्रयासों को सशक्त करने में बहुत लाभप्रद सिद्ध होगी।
- यह प्रयास देश के सभी क्षेत्रों में बेहतर परिपाटियों को बढ़ावा देने के लिये नीतिगत परिवेश में और अधिक सुधार की दिशा में केंद्र सरकार को सहायता प्रदान करेंगे।
पृष्ठभूमि
वर्षों से खदानों का लाभ खनन कंपनियों, निजी खनिकों तथा सरकारों को लाभ मिलता रहा न कि वहाँ रहने वाले समुदायों को। खनन के कारण स्थानीय लोगों को न केवल अपनी ज़मीन से विस्थापित होना पड़ता है बल्कि समाज का विखंडन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे नकारात्मक प्रभावों का भी सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सबके बदले स्थानीय समुदायों को उचित मुआवज़ा भी नहीं मिलता है जिसके चलते खनन प्रभावित ज़िले की सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति दयनीय है।
खनन प्रभावित क्षेत्रों के समुदायों/व्यक्तियों को लाभ सुनिश्चित करने के लिये ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF) की स्थापना की गई है।
ज़िला खनिज फाउंडेशन (DMF)
- DMF एक गैर-लाभकारी स्वायत्त ट्रस्ट है, जो खनन संबंधी संचालन से प्रभावित प्रत्येक ज़िले के समुदायों के हितों की रक्षा करता है और उन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को लाभ पहुँचाने का कार्य करता है।
- DMF को केंद्रित खनन कानून, खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम (MMDR) 1957, जिसमें वर्ष 2015 में संशोधन किया गया था, के तहत मान्यता प्राप्त है।
- DMF के उद्देश्य और कार्य भी संवैधानिक प्रावधानों द्वारा निर्देशित किया गए हैं क्योंकि यह आदिवासी क्षेत्रों के लिये लागू पाँचवी और छठी अनुसूचियों, पंचायतों के लिये प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम (PESA) 1996 और अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वनवासी अधिनियम, 2006 (वन अधिकारों की मान्यता), वन अधिकार अधिनियम (FRA) से संबंधित है।
PMKKKY (Pradhan Mantri Khanij Kshetra Kalyan Yojna-PMKKKY)
- सितंबर 2015 में खान मंत्रालय ने DMF की निधियों के उपयोग के लिये दिशा-निर्देश जारी किये थे। इस योजना को प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना कहा जाता है और यह सभी राज्य सरकारों पर लागू होती है।
- यह योजना 12 जनवरी, 2015 से प्रभावी है।
- विकास, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति और दीर्घकालिक संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तीन लक्ष्य हैं-
- खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी परियोजनाओं/ कार्यक्रमों का कार्यान्व्यन जो राज्य एवं केंद्र सरकार के मौजूदा योजनाओं/ परियोजनाओं के अनुरूप हों।
- पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं खनन मिलों में लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को समाप्त करना।
- खनन क्षेत्र के प्रभावित लोगों के लिये दीर्घकालीन टिकाऊ, आजीविका सुनिश्चित करना।
- योजना के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 60 फीसदी और अन्य प्राथमिक क्षेत्रों में 40 फीसदी निधि खर्च की जाएगी।
उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र | अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र |
पेयजल आपूर्ति | भौतिक संरक्षण |
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय | सिंचाई |
स्वास्थ्य सेवा | ऊर्जा एवं आमूल विकास |
शिक्षा | खनन ज़िलों की गुणवत्ता बढ़ाने के अन्य उपाय |
महिला एवं बाल कल्याण | |
वृद्धजनों एवं नि:शक्तजनों का कल्याण | |
कौशल विकास | |
स्वच्छता |