शासन व्यवस्था
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
- 17 Apr 2021
- 7 min read
चर्चा में क्यों:
हाल ही में, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दीन दयाल उपाध्याय कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत देश भर में पूर्व छात्रों की बैठकें आयोजित की गईं।
प्रमुख बिंदु:
- ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने वर्ष 2014 में अंत्योदय दिवस पर इसकी घोषणा की।
- यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत मांग-संचालित नियोजन से जुड़ी कौशल प्रशिक्षण पहल है।
- यह श्रम रोज़गार में कौशल प्रशिक्षण और नियोजन का उपयोग आय में विविधता लाने और गरीबी से बाहर निकलने में सक्षम करने के लिये एक उपकरण के रूप में करता है।
लाभार्थी:
- DDU-GKY गरीब परिवारों के 15 से 35 वर्ष के बीच के ग्रामीण युवाओं पर विशिष्ट रूप से केंद्रित है।
उद्देश्य:
- ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में विविधता लाना।
- रोज़गार के अवसर की तलाश करने वाले ग्रामीण युवाओं को जुटाना।
पूर्व छात्र बैठकें:
- पूर्व छात्र बैठकें योजना का एक महत्त्वपूर्ण घटक हैं।
- यह कार्यक्रम पूर्व छात्रों को पूर्व प्रशिक्षुओं द्वारा प्लेसमेंट, करियर गोल, प्रशिक्षण लेने से पहले रोज़गार खोजने में आने वाली चुनौतियों और उनके बाद मिलने वाले लाभों के संबंध में अनुभव साझा करने के लिये स्वस्थ वातावरण प्रदान करता है।
- पूर्व प्रशिक्षुओं में से कुछ को उनके कार्यस्थलों पर अनुकरणीय प्रदर्शन के लिये आयोजनों में सम्मानित किया जाता है।
कवरेज:
- यह कार्यक्रम वर्तमान में 27 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है और 1822 परियोजनाओं में 2198 प्रशिक्षण केंद्र हैं, जिसमें 839 परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियाँ हैं, जो 56 क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित कर रही हैं और 600 से अधिक भूमिकाओं में कार्यान्वित हैं।
उपलब्धियाँ:
- योजना की शुरुआत के बाद से कुल 10.81 लाख उम्मीदवारों को 56 क्षेत्रों और 600 ट्रेडस में प्रशिक्षित किया गया तथा 6.92 लाख उम्मीदवारों को रोज़गार प्रदान किया गया।
महत्त्व:
- देश भर में ग्रामीण विकास के लिये DDU-GKY और एकीकृत कृषि पहल ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करने और उन्हें सफल बनाने के लिये महत्वपूर्ण हैं।
- DDU-GKY ने कौशल निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- कौशल भारत अभियान के एक भाग के रूप में यह सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों के समर्थन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कौशल विकास से संबंधित कुछ अन्य पहलें:
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0:
- इसे वर्ष 2021 में भारत के युवाओं को रोज़गारपरक कौशल प्रदान करने के साथ सशक्त बनाने के लिये 300 कौशल पाठ्यक्रमों को उपलब्ध कराने हेतु शुरू किया गया था।
- इसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा लॉन्च किया गया था।
- आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी नियोक्ता मानचित्रण (ASEEM):
- वर्ष 2020 में इसे MSDE द्वारा लॉन्च किया गया, यह कुशल लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद करने के लिये लॉन्च किया गया एक पोर्टल है।
- प्रशिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिये योजना (SHREYAS):
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (National Apprenticeship Promotional Scheme-NAPS) के माध्यम से आगामी सत्र के सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता अवसर प्रदान करने के लिये उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं के लिये प्रशिक्षण और कौशल (SHREYAS) योजना शुरू की गई है।
कौशल आचार्य पुरस्कार:
- कौशल प्रशिक्षकों द्वारा दिये गए योगदान को मान्यता देने और कौशल भारत मिशन में अधिक प्रशिक्षकों को शामिल होने के लिये प्रेरित करने हेतु MSDE द्वारा लॉन्च किया गया।
प्रधानमंत्री युवा योजना (युवा उद्यमिता विकास अभियान):
- इसे वर्ष 2016 में MSDE द्वारा लॉन्च किया गया था, इसका उद्देश्य उद्यमिता शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमिता विकास के लिये एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, समावेशी विकास के लिये उद्यमशीलता संबंधी नेटवर्क और सामाजिक उद्यमों को बढ़ावा देने के लिये वकालत और आसान पहुँच स्थापित करना है।
अंत्योदय दिवस:
- हर वर्ष 25 सितंबर को देश के राष्ट्रवादी आंदोलन के महान विचारकों और दार्शनिकों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को चिह्नित करने के लिये अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारत सरकार ने वर्ष 2014 में पहली बार दीनदयाल अंत्योदय योजना के साथ इसकी घोषणा की।
- अंत्योदय का अर्थ है "गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान" और इस दिन का उद्देश्य अंतिम पायदान पर स्थित व्यक्ति तक पहुँच स्थापित करना है।