डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष | 17 Sep 2018
चर्चा में क्यों
हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 10,881 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ “डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष” की शुरुआत की है। इस कोष की शुरुआत डेयरी किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से की गई है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- सरकार के अनुमान के मुताबिक डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष से 50 हज़ार गाँवों में 95 लाख दूध उत्पादक लाभान्वित होंगे।
- इस योजना से प्रतिदिन 126 लाख लीटर की अतिरिक्त दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता, 210 टन दूध को सुखाने की दैनिक क्षमता, प्रतिदिन 140 लाख लीटर दुग्ध अवशीतन की क्षमता का सृजन होगा।
- डेयरी किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिये तैयार किये गए डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष(डीआईडीएफ) के तहत एनडीडीबी को 440 करोड़ रुपए की पहली किस्त दी गई है।
- इस योजना के अंतर्गत सहकारी दुग्ध संस्थाओं को 8004 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता ऋण के रूप में 5% वार्षिक ब्याज दर पर प्रदान की जाएगी जिसकी भरपाई 10 वर्ष की अवधि में करनी होगी। इस ऋण पर भारत सरकार ने ब्याज सब्सिडी का प्रावधान भी रखा है।
- सरकार ने इस योजना का क्रियान्वयन 14 राज्यों से बढ़ाकर 18 राज्यों में कर दिया है।
- अब तक 1148 करोड़ रुपए की लागत वाली कुल 15 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
- इन स्वीकृत परियोजनाओं में कर्नाटक (776.39 करोड़ रुपए की 5 उप- परियोजनाएँ), पंजाब (318.01 करोड़ रुपए की 4 उप- परियोजनाएँ) और हरियाणा (54.21 करोड़ रुपए की 6 उप-परियोजनाएँ) शामिल हैं।