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डेली न्यूज़


भारतीय अर्थव्यवस्था

मुद्रा विनिमय सुविधा

  • 29 May 2021
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बांग्लादेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये श्रीलंका के साथ 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु

परिचय

  • करेंसी स्वैप अथवा मुद्रा विनिमय का आशय दो देशों के बीच पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के साथ मुद्राओं के आदान-प्रदान हेतु किये गए समझौते या अनुबंध से है।
  • वर्तमान संदर्भ में मुद्रा स्वैप को प्रभावी रूप से ऋण के रूप में देखा जा सकता है, जो बांग्लादेश द्वारा श्रीलंका को डॉलर के रूप में दिया जाएगा, साथ ही इसमें यह समझौता भी शामिल है कि ऋण और उसके साथ ब्याज का भुगतान श्रीलंकाई रुपए में किया जाएगा।
  • केंद्रीय बैंक और संबंधित देश की सरकारों द्वारा अल्पकालिक विदेशी मुद्रा तरलता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये या भुगतान संतुलन (BoP) संकट से बचने के लिये पर्याप्त विदेशी मुद्रा सुनिश्चित करने हेतु विदेशी समकक्षों के साथ मुद्रा स्वैप समझौता किया जाता है।
    • यह समझौता श्रीलंका के लिये बाज़ार से उधार लेने की तुलना में काफी सस्ता है, और काफी महत्त्वपूर्ण भी है, क्योंकि श्रीलंका विदेशी ऋणों के साथ-साथ पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखने के लिये संघर्ष कर रहा है।
  • इन विनिमय समझौतों में विनिमय दर या अन्य बाज़ार संबंधी जोखिमों का कोई खतरा नहीं रहता है, क्योंकि लेनदेन की शर्तें अग्रिम रूप से निर्धारित होती हैं।
    • विनिमय दर जोखिम, जिसे मुद्रा जोखिम के रूप में भी जाना जाता है, का आशय विदेशी मुद्रा के विरुद्ध आधार मुद्रा के मूल्य में उतार-चढ़ाव से उत्पन्न होने वाले वित्तीय जोखिम से है।

बांग्लादेश की असामान्य स्थिति

  • बांग्लादेश को अब तक अन्य देशों के लिये वित्तीय सहायता प्रदाता के रूप में नहीं देखा जाता था, यह दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक रहा है और अभी भी अन्य देशों से अरबों डॉलर की वित्तीय सहायता प्राप्त करता है।
  • लेकिन पिछले दो दशकों में बांग्लादेश अपनी अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण सुधार करने में कामयाब रहा है और वर्ष 2020 में दक्षिण एशिया में सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में सामने आया है।
    • बांग्लादेश ने देश के लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में सफलता हासिल की है। इसने प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है।
  • यह पहली बार है कि बांग्लादेश किसी दूसरे देश की मदद के लिये सामने आया है, इसलिये इस घटना को एक प्रकार से ऐतिहासिक माना जा सकता है।

भारत के लिये श्रीलंका का दृष्टिकोण

  • वर्ष 2020 में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के क्रेडिट स्वैप का अनुरोध किया था, साथ ही उन ऋणों पर स्थगन की भी मांग की थी, जो श्रीलंका को भारत को चुकाना है।
  • लेकिन कोलंबो बंदरगाह पर एक महत्त्वपूर्ण कंटेनर टर्मिनल परियोजना को रद्द करने के कोलंबो के फैसले पर भारत-श्रीलंका संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, जिससे भारत ने क्रेडिट स्वैप के निर्णय को टाल दिया है।
  • इससे पूर्व जुलाई 2020 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने श्रीलंका को 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट स्वैप सुविधा प्रदान की थी और इस सौदे को सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका ने फरवरी माह में निपटा दिया था। इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाया गया।

सार्क के लिये स्वैप सुविधाओं हेतु रिज़र्व बैंक की रूपरेखा

  • सार्क मुद्रा विनिमय सुविधा 15 नवंबर, 2012 को लागू हुई थी।
  • संशोधित रूपरेखा 14 नवंबर, 2019 से 13 नवंबर, 2022 तक वैध है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समग्र कोष के भीतर एक स्वैप व्यवस्था की पेशकश करता है।
  • स्वैप व्यवस्था का उपयोग अमेरिकी डॉलर, यूरो या भारतीय रुपए में किया जा सकता है। यह रूपरेखा भारतीय रुपए में स्वैप निकासी के लिये कुछ रियायत भी प्रदान करती है।
  • यह सुविधा सभी सार्क सदस्य देशों के लिये उपलब्ध होगी, बशर्ते उन्हें द्विपक्षीय स्वैप समझौतों पर हस्ताक्षर करना होगा।
  • अनुमान यह था कि क्षेत्रीय समूह की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में केवल भारत ही ऐसा कर सकता है। हालाँकि बांग्लादेश-श्रीलंका व्यवस्था दर्शाती है कि अब स्थितियाँ परिवर्तित हो चुकी हैं।

भुगतान संतुलन

परिभाषा

  • किसी देश के भुगतान संतुलन (BoP) को आमतौर पर एक वर्ष की विशिष्ट अवधि के दौरान शेष विश्व के साथ किसी देश के सभी आर्थिक लेनदेन के व्यवस्थित विवरण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
  • समग्र तौर BoP खाता अधिशेष या घाटा हो सकता है।
    • यदि घाटा होता है तो उसे विदेशी मुद्रा खाते से पैसे लेकर निपटाया जा सकता है।
    • यदि विदेशी मुद्रा खाते का भंडार कम हो रहा है तो इस परिदृश्य को BoP संकट के रूप में जाना जाता है।

भुगतान संतुलन के घटक

  • चालू खाता: यह दृश्य एवं अदृश्य वस्तुओं (वस्तुओं और सेवाओं) के निर्यात और आयात को दर्शाता है।
  • पूंजी खाता: यह एक देश के पूंजीगत व्यय और आय को दर्शाता है। यह एक अर्थव्यवस्था में निजी और सार्वजनिक निवेश दोनों के शुद्ध प्रवाह का सारांश देता है।
  • त्रुटि एवं चूक: कभी-कभी भुगतान संतुलन संतुलित नहीं होता है। इस असंतुलन को भुगतान संतुलन में त्रुटियों और चूक के रूप में दिखाया जाता है।

विदेशी मुद्रा भंडार

  • विदेशी मुद्रा भंडार एक विदेशी मुद्रा में निहित संपत्ति है, जो एक केंद्रीय बैंक के पास होती है।
  • इनमें विदेशी मुद्राएँ, बाॅॅण्ड, ट्रेज़री बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियाँ शामिल हो सकती हैं।
  • इन भंडारों का उपयोग देनदारियों को वापस करने और मौद्रिक नीति को प्रभावित करने के लिये किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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