क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2020: एनसीआरबी | 17 Sep 2021
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 मेन्स के लिये:क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2020 के महत्त्वपूर्ण बिंदु |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2020 जारी की गई है ।
- हालाँकि वर्ष 2020 में महामारी के कारण राष्ट्रीय तालाबंदी/लॉकडाउन (Lockdown के महीनों के रूप में चिह्नित एक वर्ष में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ पारंपरिक अपराधों में कमी देखी गई है, जबकि इसी बीच नागरिक संघर्षों (Civil Conflicts) में बड़ी वृद्धि देखी गई।
प्रमुख बिंदु
- दंगे (नागरिक संघर्ष):
- सांप्रदायिक दंगों में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2020 में 96% की वृद्धि दर्ज की गई।
- अकेले दिल्ली पुलिस ने पूरे वर्ष में सांप्रदायिक दंगों के सबसे अधिक अर्थात् 520 मामले दर्ज किये, जबकि वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश (यूपी) में सांप्रदायिक हिंसा का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया।
- जातिगत दंगों में करीब 50%, कृषि से जुड़े दंगों में 38% और 'आंदोलन/मोर्चा' के दौरान दंगों में 33% की वृद्धि देखी गई।
- सांप्रदायिक दंगों में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2020 में 96% की वृद्धि दर्ज की गई।
- पारंपरिक अपराध:
- महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध, चोरी, सेंधमारी, डकैती सहित अन्य दर्ज मामलों की संख्या में लगभग 2 लाख की गिरावट आई है।
- "हिंसक अपराधों" (Violent Crimes) की श्रेणी में शामिल अपराधों में 0.5% की कमी के बावजूद हत्या के मामलों में 1% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।
- दिल्ली महिलाओं के लिये सबसे असुरक्षित शहर है। राजधानी में वर्ष 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 10,093 से ज़्यादा मामले दर्ज किये गए।
- पर्यावरण संबंधी अपराध:
- वर्ष 2020 में देश में 'पर्यावरण से संबंधित अपराधों' ( Environment-Related Offences’ ) की श्रेणी के मामलों में 78.1% की वृद्धि हुई।
- साइबर अपराध:
- साइबर अपराध की दर (प्रति लाख जनसंख्या पर घटनाएंँ) भी वर्ष 2020 में बढ़कर 3.7% हो गई है जो वर्ष 2019 में 3.3% थी।
- राज्य के खिलाफ अपराध:
- वर्ष 2019 में 27% की गिरावट के साथ राज्य के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों में भी महत्त्वपूर्ण गिरावट देखी गई।
- हालाँकि उत्तर प्रदेश इस श्रेणी में वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र प्रमुख राज्य था, ज़्यादातर राज्यों द्वारा दर्ज 'सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान' के मामलों की बड़ी संख्या का कारण CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम), 2019 के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन था।
- राज्य के खिलाफ अपराधों में देशद्रोह और राष्ट्र के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित मामले शामिल हैं, जो गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के तहत आते हैं।
- राज्यवार डेटा:
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
- NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान करके समर्थ बनाया जा सके।
- यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
- NCRB देश भर में अपराध के वार्षिक व्यापक आँकड़े ('भारत में अपराध' रिपोर्ट) एकत्रित करता है।
- वर्ष 1953 से प्रकाशित होने के बाद यह रिपोर्ट देश भर में कानून और व्यवस्था की स्थिति को समझने में एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।
- NCRB के दूसरे सीसीटीएनएस हैकथॉन और साइबर चैलेंज 2020-21 का उद्घाटन समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया।