विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
राडार इमेजिंग उपग्रह RISAT-2B
- 20 May 2019
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
भारत 22 मई को श्रीहरिकोटा से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-कोर अलोन (Polar Sattelite Launch Vehicle-Core Alone-PSLV-CA) वैरिएंट का उपयोग करते हुए राडार इमेजिंग अर्थ आब्जर्वेशन उपग्रह, RISAT-2B लॉन्च करेगा।
RISAT-2B
- RISAT-2B, RISAT-2BR1, 2BR2, RISAT-1A, 1B, 2A के बाद लॉन्च किया जाना है।
- इसरो के मुताबिक RISAT-2B को धरती की लगभग 500 किमी ऊँचाई वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। अपनी कक्षा में यह 37 डिग्री के कोण पर झुका होगा।
- इस उपग्रह के अंतरिक्ष में स्थापित होने से देश की टोही एवं निगरानी क्षमता बढ़ेगी।
- यह एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार (SAR) युक्त उपग्रह है जिसका उपयोग धरती पर नज़र रखने के लिये किया जाएगा।
- बादलों के आच्छादित रहने पर भी इस उपग्रह की मदद से धरती पर नज़र रखी जा सकेगी। इससे सीमाओं पर किसी भी गतिविधि का पता लगाया जा सकेगा।
- RISAT-2B उपग्रह भी एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह है जो देश की इमेजिंग और टोही क्षमता को बढ़ाएगा।
- इसमें सभी मौसम में निगरानी करने की क्षमता है जो सुरक्षा बलों और आपदा राहत एजेंसियों के लिये विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है।
RISAT सीरीज़ के बारे में
- राडार इमेजिंग सैटेलाइट (RISAT) ISRO द्वारा निर्मित भारतीय राडार इमेजिंग टोही उपग्रहों की एक श्रृंखला है।
- RISAT श्रृंखला इसरो का पहला ऑल-वेदर अर्थ ऑब्जर्वेशन उपग्रह है।
- पिछले भारतीय आब्जर्वेशन उपग्रह मुख्य रूप से ऑप्टिकल और स्पेक्ट्रल सेंसर पर आधारित थे जो आसमान में बादल होने पर ठीक से काम नहीं कर पाते थे।
- दरअसल, वर्ष 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद इसरो ने अप्रैल 2009 को RISAT-2 उपग्रह लॉन्च किया था जिससे सशस्त्र बलों को काफी मदद मिली।
- हालाँकि तब इसरो की योजना स्वदेशी तकनीक से विकसित ‘सी बैंड’ सिंथेटिक अपर्चर राडार उपग्रह RISAT-1 लॉन्च करने की थी, लेकिन यह भारतीय उपग्रह तैयार नहीं था।
- भारत ने इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ से एक्स बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार लिया जिसे RISAT-2 में इंटीग्रेट कर छोड़ा गया।
- इस तरह RISAT-2 देश का पहला सिंथेटिक अपर्चर राडार युक्त उपग्रह बना, जिससे दिन या रात, हर मौसम में (24 घंटे) देश की सीमाओं की निगरानी करने की क्षमता बढ़ी।
- 2012 में इसरो ने RISAT-1 लॉन्च किया जिसे भारत का पहला स्वदेशी ऑल-वेदर राडार इमेजिंग उपग्रह के नाम से जाना जाता है।
सिंथेटिक अपर्चर राडार (Synthetic Aperture Radar-SAR)
- सिंथेटिक अपर्चर राडार (SAR) इमेजिंग में माइक्रोवेव स्पंदन (Pulses) को एक एंटीना के माध्यम से पृथ्वी की सतह की ओर प्रेषित किया जाता है।
- अंतरिक्षयान में फैली माइक्रोवेव ऊर्जा को मापा जाता है। SAR राडार सिद्धांत का उपयोग करता है ताकि बैकस्कैटर (Backscattered) सिग्नल के समय देरी का उपयोग करके एक छवि (Image) बनाई जा सके।
इसरो (ISRO)
- वर्ष 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की स्थापना हुई। यह भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी है। इसका मुख्यालय बंगलुरू में है।
- इसे अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से स्थापित किया गया।
- इसे भारत सरकार के ‘स्पेस डिपार्टमेंट’ द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने विभिन्न केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है।