केंद्रीय सड़क निधि (संशोधन) विधेयक, 2017 | 01 Jan 2018
चर्चा में क्यों ?
लोकसभा द्वारा केन्द्रीय सड़क निधि (संशोधन) विधेयक, 2017 को पारित कर दिया गया है। इस विधेयक को केन्द्रीय सड़क निधि अधिनियम, 2000 में संशोधन करने के लिये लाया गया था, जिसके माध्यम से उच्च गति वाले पेट्रोल और डीज़ल पर लगाया गए उपकर को ग्रामीण सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे, राज्य सड़कों और सीमा क्षेत्र सड़कों के विकास के लिये वितरित करने संबंधी प्रावधान किया गया है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएँ
अंतर्देशीय जलमार्ग का समावेशन:
- इस विधेयक के अंतर्गत उन सभी जलमार्गों को जिन्हें राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम (National Waterways Act), 2016 के तहत 'राष्ट्रीय जलमार्ग' के रूप में घोषित किया गया है, को परिभाषित किया गया है।
- वर्तमान में इस अधिनियम के तहत 111 जलमार्गों को निर्दिष्ट किया गया हैं।
निधि का उपयोग:
- 2000 अधिनियम के तहत, इस निधि का उपयोग निम्नलिखित सड़क परियोजनाओं के लिये किया जा सकता हैं –
⇒ राष्ट्रीय राजमार्ग।
⇒ अंतर-राज्य सड़कों और आर्थिक महत्त्व की सडकों सहित राज्यों की सड़कों।
⇒ ग्रामीण सड़कों। - इस विधेयक में प्रदत्त जानकारी के अनुसार, उपरोक्त के अलावा राष्ट्रीय जलमार्ग के विकास और रखरखाव के लिये भी इस निधि का इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्र सरकार की शक्तियाँ :
- इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को निधि का संचालन करने की शक्ति प्रदान की गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा निम्नानुसार निर्णय लिये जाएंगे-
⇒ राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर निवेश।
⇒ राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों के विकास और रखरखाव के लिये धन जुटाना।
⇒ राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य सड़कों और ग्रामीण सड़कों के लिये धन का वितरण। - इस अधिनियम के तहत उच्च गति वाले डीज़ल तेल और पेट्रोल पर लगने वाले उपकर को विभिन्न प्रकार की सड़कों के लिये आवंटित करने का प्रावधान किया गया है।
सेंट्रल रोड फंड (Central Road Fund) के विषय में
- राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों के विकास तथा रखरखाव हेतु निधि बनाने के लिये केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम (Central road fund act) 2000 के तहत केंद्र सरकार द्वारा एक केंद्रीय सड़क निधि की स्थापना की गई है।
- इसके तहत फंड को जुटाने के लिये सेंट्रल रोड फंड एक्ट, 2000 के अंतर्गत पेट्रोल और हाई स्पीड डीज़ल तेल पर उपकर, आबकारी और सीमा शुल्क के रूप में लेवी जमा करने का प्रस्ताव रखा गया था।
- इस निधि का उपयोग मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर सड़क ओवरब्रिज और अंडर ब्रिज (overbridges/under bridges) का निर्माण करने तथा अन्य सुरक्षा सुविधाओं के लिये किये जाने का प्रावधान किया गया है।
भारतमाला सड़क परियोजना क्या है?
- भारत में परिवहन परिदृश्य बहुत तेजी से बदल रहा है और देश के विकास में यह बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में है। इस काम में भारतमाला सड़क परियोजना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है।
- यही कारण है कि इसके तहत 44 आर्थिक कॉरीडोरों की पहचान की गई है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के बाद भारतमाला दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना में लगभग 50,000 किमी. सड़कों का विकास हुआ, जिसमें स्वर्णिम चतुर्भुज भी शामिल है, जो श्रीनगर से कन्याकुमारी और पोरबंदर को सिलचर से जोड़ता है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत अभी और 10 हज़ार किमी. सड़कों का निर्माण पूरा होना है।
- भारतमाला के तहत बड़े पैमाने पर सड़क निर्माण कार्य किया जा रहाहै, जिसमें सीमा क्षेत्रों में सड़कों का नेटवर्क बिछाया जाना भी शामिल है।
- इसके अलावा सभी ज़िला मुख्यालयों को सड़कों के साथ जोड़ने की योजना है।
- आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज़ के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।
- भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का एक विशाल नेटवर्क है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 70,548 कि.मी. है। यह भारत के कुल सड़क संजाल का केवल 2% है तथा कुल यातायात का लगभग 40% वहन करता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
- भारत के संपूर्ण राजमार्ग संजाल को भारतीय ‘राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण’ (National Highways Authority of India- NHAI) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो राजमार्गों के विकास तथा रख-रखाव के लिये ज़िम्मेदार है।