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भारतीय अर्थव्यवस्था

CBDT के नए निर्देश

  • 03 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes- CBDT) ने कहा कि पैन कार्ड न होने की स्थिति में आधार कार्ड के साथ आयकर जमा करने पर अब पैन कार्ड आवंटित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • आयकर विभाग स्वचालित रूप से उन करदाताओं को पैनकार्ड जारी करेगा जो आयकर जमा करते समय दो डेटाबेस को लिंक करने की नई व्यवस्था के लिये अपने आधार नंबर का उपयोग करेंगे।
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अधिसूचना के अनुसार आयकर, जमाकर्त्ताओं के पास पैन कार्ड न होने की स्थिति में आधार कार्ड का प्रयोग करने वाले आयकरदाता को पैन कार्ड आवंटित किया जाएगा। यह नियम 1 सितंबर, 2019 से लागू हो गया है।
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड पैन कार्ड बनाने हेतु आधार कार्ड की सूचनाओं का प्रयोग करेगा।
  • UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण-Unique Identification Authority of India) निवासियों को आधार कार्ड जारी करता है वहीं पैन एक 10 अक्षरांकीय (Alphanumeric) संख्या है जो कर विभाग द्वारा किसी व्यक्ति, कंपनी या इकाई को आवंटित की जाती है।
  • आधार कार्ड में किसी व्यक्ति की सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी जैसे- नाम, जन्म तिथि, लिंग, फोटो और पता, साथ ही बायोमेट्रिक्स शामिल हैं। नया पैन कार्ड प्राप्त करने के लिये सूचना के एक ही सेट की आवश्यकता होती है।
  • ऑँकड़ों के अनुसार देश भर में 120 करोड़ से अधिक आधार कार्ड और लगभग 41 करोड़ पैन कार्ड जारी किये जा चुके हैं। इनमें से 22 करोड़ से ज़्यादा पैन कार्ड और आधार कार्ड आपस में जोड़े गए हैं।
  • आयकर अधिनियम की धारा 139 AA (2) के अनुसार 1 जुलाई, 2017 तक आधार कार्ड प्राप्त प्रत्येक व्यक्ति अपना को पैन कार्ड आधार से जोड़ना होगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 139 AA को मान्यता दी गई थी।
  • उच्चतम न्यायालय ने पिछले सितंबर में घोषित किया था कि केंद्र की आधार योजना संवैधानिक रूप से मान्य है और आयकर जमा करते समय पैन के आवंटन के लिये बायोमेट्रिक पहचानपत्र अनिवार्य है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड

(Central Board of Direct Taxation)

  • वर्ष 1963 में केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम,1963 (Central Board of Revenue Act, 1963) के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन दो संस्थाओं का गठन किया गया था, जो निम्नलिखित हैं-
  1. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxation)
  2. केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs)
  • ये दोनों ही संस्थाएँ सांविधिक निकाय (Statutory Body) हैं।
  • इनमें से CBDT प्रत्यक्ष करों से संबंधित नीतियों एवं योजनाओं के संबंध में महत्त्वपूर्ण इनपुट प्रदान करने के साथ-साथ आयकर विभाग की सहायता से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों को प्रशासित करता है। वहीं CBEC भारत में सीमा शुल्क (Custom Duty), केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty), सेवा कर (Service Tax) तथा नारकोटिक्स (Narcotics) के प्रशासन के लिये उत्तरदायी नोडल एजेंसी है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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