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रैनिटिडिन में कार्सिनोजेनिक पदार्थों की उपस्थिति

  • 27 Sep 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US Food and Drug Administration- US FDA) द्वारा रैनिटिडिन (Ranitidine) में कार्सिनोजेनिक पदार्थों (Carcinogenic Substances) की निम्नस्तरीय उपस्थिति को चिह्नित करने के बाद भारत की शीर्ष दवा नियामक संस्था केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation- CDSCO) ने जाँच का आदेश दिया है।

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन

(Central Drugs Standard Control Organisation- CDSCO):

  • CDSCO स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (National Regulatory Authority- NRA) है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • विज़न: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना।
  • मिशन: दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता तथा गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना।
  • औषध एवं प्रसाधन नियम, 1940 एवं नियम 1945 (The Drugs & Cosmetics Act,1940 and Rules1945) के तहत CDSCO दवाओं के अनुमोदन, चिकित्सीय परीक्षणों के संचालन, दवाओं के मानक तैयार करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता नियंत्रण और राज्य दवा नियंत्रण संगठनों को विशेषज्ञ सलाह प्रदान करके ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रवर्तन में एकरूपता लाने के लिये उत्तरदायी है।

प्रमुख बिंदु:

  • CDSCO ने राज्य के नियामकों को अपने क्षेत्राधिकार के तहत रेनिटिडिन निर्माताओं से संवाद करने का निर्देश दिया है, जिससे उत्पादों को सत्यापित किया जा सके तथा रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • कुछ रैनिटिडिन दवाओं में निम्न स्तर पर एन-नाइट्रोसोडाइमिथाइलएमीन (N-nitrosodimethylamine- NDMA) नामक नाइट्रोसामाइन (Nitrosamine) अशुद्धि होती है, इसको एक कैंसर कारक माना जाता है।
  • जाँच से पता चला है कि NDMA मानव को नुकसान पहुँचा सकता है। FDA ने प्रारंभिक जाँच में पाया कि सामान्य खाद्य पदार्थों में भी रेनिटिडिन काफी मात्रा में पाया जाता है।
  • CDSCO ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिये भी कहा है कि दवा केवल चिकित्सीय परामर्श के बाद ही बेची जाए क्योंकि यह अनुसूची एच (Schedule H) में शामिल दवा है।

अनुसूची एच (Schedule H):

‘अनुसूची एच’ औषध एवं प्रसाधन नियम, 1945 के अंतर्गत सूचीबद्ध औषधियों की एक श्रेणी है, इन औषधियों को बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं खरीदा जा सकता है।

कैंसरकारक पदार्थ (Carcinogenic Substances):

  • ये पदार्थ या विकिरण कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
  • ये जीनोम को नुकसान पहुँचाने या कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता रखते हैं।
  • गामा किरणें और अल्फा किरणें कार्सिनोजेनिक पदार्थों के उदाहरण हैं।
  • कार्सिनोजेनिक पदार्थों को अक्सर सिंथेटिक रसायनों के रूप में माना जाता है लेकिन वास्तव में वे प्राकृतिक या सिंथेटिक दोनों हो सकते हैं।

कैंसर (Cancer):

  • यह ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  • कैंसर रोगों का एक समूह है जो मानव शरीर के अन्य भागों में फैलने की क्षमता के साथ असामान्य कोशिका वृद्धि का कारण बनता है।

रैनिटिडिन (Ranitidine):

  • रैनिटिडिन, एसिडिटी और ऊपरी आँत के अल्सर में प्रयोग होने वाली सबसे पुरानी दवाओं में से एक है और इसे प्रोटॉन पंप ब्लॉकर्स (Proton Pump Blockers) जैसी अन्य दवाओं की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है।
  • रैनिटिडिन का प्रयोग आमतौर पर एंटी-एसिडिटी ड्रग के रूप में किया जाता है। यह टैबलेट, इंजेक्शन आदि के रूप में आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
  • यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 'स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक दवाओं’ (Model List of Essential Medicines) की सूची में भी शामिल है।
  • रैनिटिडिन का ज़िंटैक (Zintec), एज़टैक (Aztec) और रानटैक(Rantac) आदि ब्रांडों के नाम से देश में विपणन किया जाता है।

एन-नाइट्रोसोडाइमिथाइलएमीन (N-nitrosodimethylamine- NDMA):

  • NDMA को इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (International Agency For Research On Cancer) द्वारा मनुष्यों के लिये कैंसरकारक के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • यह पानी और खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला एक पर्यावरणीय प्रदूषक है।

स्रोत : द इंडियन एक्सप्रेस

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