भारत-विश्व
ब्रिक्स देशों के बीच पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता
- 29 Oct 2018
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने ब्रिक्स देशों के बीच पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग के लिये समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से मंज़ूरी दे दी है। इस समझौता ज्ञापन पर जुलाई 2018 में दक्षिण अफ्रीका के जोहन्सबर्ग में आयोजित 10वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गए थे।
प्रमुख बिंदु
इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया गया है :
- वायु की गुणवत्ता
- जल
- जैव विविधता
- जलवायु परिवर्तन
- कचरा प्रबंधन
- सतत् विकास और सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये 2030 का एजेंडा लागू करना।
- प्रतिभागियों द्वारा आम सहमति वाले अन्य क्षेत्रों में सहयोग।
लाभ :
- समझौता ज्ञापन के माध्यम से ब्रिक्स देशों के बीच हिस्सेदारी, परस्पर आदान-प्रदान व समान हितों के आधार पर पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिये दीर्घावधि सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- परस्पर सहयोग की इस व्यवस्था में संबंधित देशों में लागू कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखा जाएगा।
- पर्यावरण को लेकर चिंता सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिये गंभीर चुनौती उत्पन्न कर रही है। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे पाँच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले ब्रिक्स देशों ने पर्यावरण को बचाने, उसे संरक्षित करने और उसके टिकाऊपन के लिये अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इन देशों में दुनिया की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है।
- इससे ब्रिक्स देशों के सरकारी और निजी क्षेत्र को सतत् विकास तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में परस्पर अपने बेहतरीन अनुभवों, तकनीकी ज्ञान और काम करने के तौर-तरीकों को साझा करने का अवसर मिलेगा।