बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीक | 20 Oct 2020
प्रिलिम्स के लिये:नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी मेन्स के लिये:जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संदर्भ में बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीक का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (National Institute of Ocean Technology- NIOT), चेन्नई द्वारा समुद्री रोगाणुओं तथा गेहूँ के चोकर के कंसोर्टिया (दो या दो से अधिक प्रजातियों के समूह) का उपयोग करके इमोबिलाइज़्ड (रोगाणुओं पर नियंत्रण में गिरावट) एग्रो-अवशेष बैक्टीरियल कोशिकाओं पर एक पर्यावरण-अनुकूल कच्चे तेल बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीक (Eco-friendly Crude Oil Bioremediation Mechanism Technology) को विकसित किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- गेहूँ का चोकर गेहूँ के दाने की बाहरी कठोर परत है, जिसे मिलिंग प्रक्रिया (Milling Process) द्वारा हटाया जाता है।
पर्यावरण अनुकूल कच्चे तेल बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीक:
- बायोरेमेडिएशन: इसे उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो सूक्ष्मजीवों या उनके एंजाइमों का उपयोग पर्यावरण में मौजूद दूषित पदार्थों को उनकी मूल स्थिति से हटाने एवं बेअसर करने के लिये प्रयोग की जाती है।
- समुद्री पारिस्थितिक तंत्र में गहरे समुद्र में हाइड्रोकार्बनोक्लास्टिक माइक्रोबियल कंसोर्टियम(Hydrocarbonoclastic Microbial Consortium) समुद्री जल पर फैली तेल की परत को तोड़ने में मदद करता है।
- माइक्रोबियल समुदाय (Microbial Community) विभिन्न एल्डिहाइडस(Aldehydes), किटोन्स (Ketone) और अम्लीय उपापचयों(Acidic Metabolites) में पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन के जटिल मिश्रण के ऊर्जावान प्राथमिक अपघटक (Primary Degraders) के रूप में कार्य करता है।
- ये हाइड्रोकार्बन अपघटक बैक्टीरिया( Hydrocarbon Degrading Bacteria) जीवित रहने के लिये हाइड्रोकार्बन पर निर्भर नहीं रहते , परंतु एक चयापचय तंत्र के रूप में ये कार्बन और ऊर्जा स्रोत के रूप में पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग करते हैं तथा इस प्रकार ये फैले तेल को साफ करने में मदद करते हैं।
- कच्चे तेल को पूर्ण रूप से विघटित करने के लिये समुद्री रोगाणुओं तथा गेहूँ के चोकर के कंसोर्टिया (जो कम लागत वाले गैर-विषैले कृषि अवशेष हैं) का उपयोग पर्यावरणीय दृष्टिकोण से स्थायी रूप से करने योग्य है।
- कच्चे तेल को पर्यावरण अनुकूल तरीके से समुद्री रोगाणुओं तथा गेहूँ के चोकर के कंसोर्टिया का उपयोग करके पूर्ण रूप से विखंडित किया जा सकता है।
स्थिर अवस्था (Immobilized State) के लाभ:
- समुद्री रोगाणुओं तथा गेहूँ के चोकर के कंसोर्टिया तेल के फैलने को कम करने में मुक्त बैक्टीरिया कोशिकाओं की तुलना में अपनी स्थिर अवस्था में अधिक प्रभावी होते हैं।
- इनके द्वारा 10 दिनों के भीतर 84% तेल सतह से हटाया जा सकता है। मुक्त जीवाणु कोशिकाओं ने अनुकूलित परिस्थितियों में कच्चे तेल के अधिकतम 60% रिसाव को साफ किया है।
- ये प्रतिकूल परिस्थितियों के लिये अधिक प्रतिरोधी हैं।
- गैर-विषैली सफाई तकनीक समुद्री वातावरण से तेल के आकस्मिक निर्वहन को उपचारित करने में अधिक प्रभावी है।
तेल का रिसाव/फैलना:
- यह कच्चे तेल, गैसोलीन, ईंधन या पर्यावरण में अन्य तेल उत्पादों का एक आकस्मिक/ अनियंत्रित रिसाव है। तेल रिसाव की घटना भूमि, वायु या पानी को प्रदूषित कर सकती है, हालाँकि इसका उपयोग सामान्य तौर पर समुद्री तेल के फैलाव के संदर्भ में किया जाता है।
- वर्ष 2020 में मॉरीशस में एमवी वकाशियो (MV Wakashio) नामक जापानी जहाज़ के कोरल रीफ से टकरा जाने के बाद दुर्लभ वन्यजीव अभयारण्य में 1,000 टन तेल का रिसाव हो गया।
- कारण: गहन पेट्रोलियम अन्वेषण, उत्पादन तथा जहाज़ों में बड़ी मात्रा में तेलों के परिवहन के परिणामस्वरूप तेल रिसाव एक प्रमुख पर्यावरणीय समस्या बन गई है, मुख्य रूप से महाद्वीपीय क्षेत्रों के पास।
- उपाय: समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुँचाए बिना महासागरों में फैले तेल को साफ करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
- कंटेनमेंट बूम्स (Containment Booms): फ्लोटिंग बैरियर्स, जिन्हें बूम कहा जाता है, का उपयोग तेल के प्रसार को प्रतिबंधित करने, हटाने के लिये किया जाता है।
- स्किमर्स (Skimmers): वे उपकरण जिनका उपयोग पानी की सतह से तेल को भौतिक रूप से अलग करने के लिये किया जाता है।
- सॉर्बेंट्स(Sorbents:): विभिन्न सॉर्बेंट्स (जैसे- पुआल, ज्वालामुखीय राख और पॉलिएस्टर-व्युत्पन्न प्लास्टिक की छीलन) का उपयोग जल से तेल को अवशोषित करने में किया जाता है।
- फैलाने वाले एजेंट(Dispersing agents): ये ऐसे रसायन होते हैं जिनमें सर्फैक्टेंट विद्यमान होते हैं, या ये ऐसे यौगिक होते हैं जो तरल पदार्थों जैसे- तेल की छोटी बूँदों को तोड़ने का काम करते हैं। साथ ही समुद्र में इसके प्राकृतिक फैलाव को तेज करते हैं।