आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम | 20 Jun 2022
प्रिलिम्स के लिये:आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम, एसडीजी, नीति आयोग मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम को ब्लॉक और शहर के स्तर तक विस्तारित करने की इच्छा व्यक्त की है।
आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम:
- परिचय:
- इसे जनवरी 2018 में 'आकांक्षी ज़िलों का परिवर्तन' कार्यक्रम (Transformation of Aspirational Districts’ Programme- TADP) के रूप में लॉन्च किया गया था।
- आकांक्षी ज़िले भारत के वे ज़िले हैं जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं।
- कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा:
- अभिसरण (केंद्र और राज्य की योजनाओं का)
- सहयोग (केंद्रीय, राज्य स्तरीय 'प्रभारी' अधिकारियों और ज़िला कलेक्टरों का),
- मासिक डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से ज़िलों के बीच प्रतिस्पर्द्धा।
- आकांक्षी ज़िलों की डेल्टा रैंकिंग, व्यावहारिक प्रशासन के साथ डेटा के अभिनव उपयोग को जोड़ती है, जिससे ज़िले को समावेशी विकास के केंद्र में रखा जाता है।
- उद्देश्य:
- यह प्रत्येक ज़िले की क्षमता पर ध्यान केंद्रित करता है, एवं तत्काल सुधार के लिये प्रभावी कारकों की पहचान करता है और मासिक आधार पर ज़िलों की रैंकिंग करके प्रगति को मापता है।
- ज़िलों को अपने राज्य में सबसे अच्छे ज़िले के समान स्थिति में पहुँचने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में प्रतिसपर्द्धी तथा सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्द्धा करके और दूसरों से सीखकर देश के सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिये प्रेरित किया जाता है।i
- "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" (Sabka Saath Sabka Vikas aur Sabka Vishwas) के अपने नारे के साथ सरकार अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सभी के लिये समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है ।
- ADP अनिवार्य रूप से सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानिक बनाने के उद्देश्य से है, जिससे राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
- रैंकिंग के लिये पैरामीटर:
- रैंकिंग 5 व्यापक सामाजिक-आर्थिक विषयों के तहत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPIs) में की गई वृद्धिशील प्रगति पर आधारित है -
- स्वास्थ्य और पोषण (30%)
- शिक्षा (30%)
- कृषि और जल संसाधन (20%)
- वित्तीय समावेशन और कौशल विकास (10%)
- अवसंरचना (10%)
- रैंकिंग 5 व्यापक सामाजिक-आर्थिक विषयों के तहत 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPIs) में की गई वृद्धिशील प्रगति पर आधारित है -
- विभिन्न कार्यक्रम:
- विभिन्न कार्यक्रम जैसे - सक्षम बिटिया अभियान, एनीमिया मुक्त भारत और सुरक्षित हम सुरक्षित तुम, कुछ प्रमुख पहल हैं जो इस संबंध में नीति आयोग द्वारा शुरू की गई हैं।
- ADP से जुड़ी चुनौतियाँ:
- अपर्याप्त बजटीय संसाधन:
- अपर्याप्त बजटीय संसाधनों से संबंधित मुद्दे से ADP प्रभावित होता है।
- समन्वय की कमी:
- ADP को कई मंत्रालयों द्वारा लागू किया जाता है जिससे समन्वय की कमी होती है।
- डेटा उच्च गुणवत्ता वाला प्रशासनिक डेटा:
- स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम कार्यान्वयन और डिज़ाइन में सुधार के लिये उच्च गुणवत्ता वाला प्रशासनिक डेटा महत्त्वपूर्ण है।
- रैंकिंग विधि:
- डेल्टा रैंकिंग स्वयं काफी हद तक गुणवत्ता के बजाय मात्रा (यानी, पहुंँच का कवरेज) का आकलन करने पर केंद्रित है।
- शिक्षा की गुणवत्ता:
- इसके अलावा, भारत में शिक्षा की गुणवत्ता एक निराशाजनक स्थिति में है, जैसा कि ASER रिपोर्ट द्वारा पता चलता है।
- अपर्याप्त बजटीय संसाधन:
आगे की राह
- एक अधिक सरलीकृत सूचकांक की आवश्यकता है, जिसमें विभिन्न परिणाम संकेतकों को सावधानीपूर्वक चुना गया हो ताकि राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों को अधिक स्पष्ट रूप से दर्शाया जा सके।
- स्थानीय प्रशासन को और अधिक वित्तीय स्वायत्तता दी जानी चाहिये।
- स्वतंत्र सर्वेक्षणों का उपयोग प्रशासनिक डेटा को मान्य करने के लिये किया जा सकता है, यह डेटा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।
- प्रशासनिक डेटा में सुधार के लिये प्रत्येक ज़िले की आंतरिक क्षमता में बढ़ोतरी की जानी चाहिये, और डेटा उपयोग की संस्कृति को बढ़ावा देना, ADP के लिये प्राथमिकता बनाई जा सकती है।
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अतः विकल्प (c) सही है। |