अनामय : आदिवासी स्वास्थ्य सहयोग | 09 Apr 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आदिवासी स्वास्थ्य सहयोगात्मक (THC) कार्यक्रम 'अनामय' (Anamaya) का शुभारंभ किया है।
- वर्ष 2018 में एक विशेषज्ञ समिति ने जनजातीय स्वास्थ्य से संबंधी मुद्दों और चिंताओं पर एक व्यापक रिपोर्ट जारी की थी।
प्रमुख बिंदु:
परिचय:
- यह भारत के आदिवासी समुदायों के बीच सभी रोकथाम की जाने वाली मौतों को दूर करने के लिये सरकारी, परोपकारी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय, गैर-सरकारी संगठनों (NGO)/ समुदाय आधारित संगठनों (CBO) को एक साथ लाने की अनूठी पहल है।
- यह भारत के जनजातीय समुदायों में स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति को बेहतर करने के लिये विभिन्न सरकारी एजेंसियों और संगठनों के प्रयासों को एकीकृत करेगी।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य भारत की जनजातीय आबादी की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों की समाधान के लिये एक स्थायी, उच्च प्रदर्शन वाली स्वास्थ्य परिवेश का निर्माण करना है।
हितधारक:
- यह जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक बहु-हितधारक पहल है जिसे मुख्य रूप से पीरामल फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (BMGF) का समर्थन प्राप्त है।
- पीरामल फाउंडेशन पीरामल ग्रुप की परोपकारी शाखा है। यह फाउंडेशन चार व्यापक क्षेत्रों (स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आजीविका निर्माण और युवा सशक्तीकरण) में परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है।
संचालन:
- यह उच्च जनजातीय आबादी वाले 6 राज्यों के 50 आदिवासी आकांक्षी ज़िलों (20% से अधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले) के साथ परिचालन शुरू करेगा।
- अगले 10 साल के दौरान THC के काम का विस्तार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 177 आदिवासी ज़िलों तक किया जाएगा।
जनजातीय समुदायों से संबंधित अन्य पहले:
- स्थानीय स्व-निकायों में अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण के लिये कार्यक्रम:
- इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं में जनजातीय प्रतिनिधियों के निर्णय लेने की क्षमताओं में सुधार करके उनको सशक्त बनाना है।
- 1000 स्प्रिंग इनिशिएटिव्स:
- 1000 स्प्रिंग इनिशिएटिव्स का उद्देश्य ग्रामीण भारत के कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे जनजातीय लोगों के लिये सुरक्षित एवं पर्याप्त जलापूर्ति में सुधार करना है।
- यह पहल बारहमासी स्प्रिंग्स के जल का उपयोग करने में सहायता करेगी जिसका उपयोग जनजातीय क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करने के लिये किया जाएगा।
- जनजातीय स्वास्थ्य प्रकोष्ठ :
- जनजातीय कार्य मंत्रालय में एक जनजातीय स्वास्थ्य प्रकोष्ठ (Tribal Health Cell) की स्थापना की जा रही है।
- यह केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को सुविधाजनक बनाने और मज़बूत करने तथा आदिवासी स्वास्थ्य अनुसंधान में निवेश करने में मदद करेगा ।