मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लिनिक स्थापित करेगा एम्स | 31 May 2019
चर्चा में क्यों?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के बेहतर निदान और उपचार के लिये एम्स पहला मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) क्लिनिक खोलने की योजना बना रहा है।
प्रमूख बिंदु
- हालाँकि यह बीमारी पश्चिम के देशों में अधिक प्रचलित रही है, लेकिन हाल के दिनों में भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं।
- 20-40 वर्ष आयु वर्ग के वयस्क, विशेष रूप से महिलाएँ मल्टीपल स्क्लेरोसिस की चपेट में आती हैं।
- भारत में जागरूकता बढ़ाने, बड़े पैमाने पर इस महामारी के संबंध में अध्ययन करने, समर्पित मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लीनिक खोलने, इष्टतम पुनर्वास आदि जैसी अन्य सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple sclerosis)
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऐसा रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही माइलिन (वसायुक्त पदार्थ जो तंत्रिका तंतुओं के चारों और स्थित होता है तथा आवरण के रूप में काम करता है), तंत्रिका तंतुओं तथा शरीर में माइलिन का निर्माण करने वाली विशेष कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाती है।
- यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और दृष्टि से संबंधित नसों को प्रभावित करती है।
लक्षण: चूँकि इसके लक्षण सामान्य होते हैं, इसलिये लोग अक्सर इस बीमारी को जल्दी पहचान नहीं पाते हैं। इस बीमारी के निदान में कई साल लग जाते हैं।
- मांसपेशियों की कमज़ोरी और अकड़न।
- मूत्राशय की समस्याएँ: मरीज़ को मूत्राशय में समस्या महसूस होती है, बार-बार या अचानक पेशाब करने की आवश्यकता होती है।
- मूत्राशय पर नियंत्रण का खत्म हो जाना इस बीमारी का प्रारंभिक संकेत है।
- आंत्र संबंधी समस्याएँ
- थकान, चक्कर आना
- रीढ़ की हड्डी में क्षतिग्रस्त तंत्रिका तंतु
- धुंधली या दोहरी दृष्टि की समस्या
- भावनात्मक परिवर्तन और अवसाद, संज्ञानात्मक (निर्णय लेने में समस्या) नुकसान
कारण: बीमारी का सटीक कारण अज्ञात है। निम्नलिखित कारक यह बीमारी पैदा कर सकते हैं:
- आनुवंशिक कारक
- धूम्रपान और तनाव
- विटामिन D और B12 की कमी
निदान: रक्त परीक्षण और एमआरआई के साथ इसका निदान किया जा सकता है।
उपचार: एमएस को किसी भी सर्जिकल उपचार की आवश्यकता नहीं होती है और इसे दवाओं के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।