कृषि निर्यात नीति 2018 | 07 Dec 2018
संदर्भ
हाल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि निर्यात नीति को मंज़ूरी दे दी। गौरतलब है कि यह मंज़ूरी किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से दी गई है। यह नीति कृषि निर्यात के सभी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगी जिसमें आधारभूत संरचना का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमों को सुव्यवस्थित करना, कृषि संकट को बढ़ावा देने वाले फैसलों को कम करना और अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना भी शामिल है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- कृषि निर्यात नीति, 2018 का उद्देश्य वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को 60 अरब अमेरिकी डॉलर से भी अधिक करना है।
- ध्यातव्य हो कि यह फैसला 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के उद्देश्यों के तहत लिया गया है।
- कृषि निर्यात नीति से चाय, कॉफी और चावल जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ यह वैश्विक कृषि व्यापार में देश की हिस्सेदारी को बढ़ाएगी।
- इस नीति के तहत जैविक उत्पादों पर सभी प्रकार के निर्यात प्रतिबंधों को भी हटाने की कोशिश की जाएगी। एक अधिकारी के मुताबिक, इस नीति के कार्यान्वयन के लिये अनुमानित वित्त 1,400 करोड़ रुपए से अधिक का होगा।
कृषि निर्यात नीति के अवयव
- कृषि निर्यात नीति में की गईं सिफारिशों को दो श्रेणियों में व्यवस्थित किया गया है।
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सामरिक (Strategic)
सामरिक श्रेणी में तहत निम्नलिखित उपाय शामिल होंगे-
♦ नीतिगत उपाय
♦ अवसंरचना एवं रसद समर्थन
♦ निर्यात को बढ़ावा देने के लिये समग्र दृष्टिकोण
♦ कृषि निर्यात में राज्य सरकारों की बड़ी भागीदारी
♦ मूल्य वर्द्धित निर्यात को बढ़ावा देना
♦ ‘ब्रांड इंडिया’ का विपणन और प्रचार
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परिचालन (Operational)
परिचालन के तहत निम्नलिखित कार्य शामिल होंगे-
♦ उत्पादन और प्रसंस्करण में निजी निवेश को आकर्षित करना
♦ मज़बूत नियमों की स्थापना
♦ अनुसंधान एवं विकास
♦ विविध