भारतीय अर्थव्यवस्था
विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक, 2021
- 30 Jul 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लियेउड़ान (UDAN) क्षेत्रीय संपर्क योजना, संसदीय स्थायी समिति,पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण मेन्स के लियेAERA संशोधन विधेयक, 2021 के प्रमुख प्रावधान एवं महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में लोकसभा ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (AERA) संशोधन विधेयक, 2021 को पारित किया।
- मार्च 2021 में इसे प्रथम बार पेश किया गया था तथा बाद में इसे परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर एक संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया, जिसने इसमें बिना किसी परिवर्तन के मंज़ूरी दे दी।
- यह विधेयक, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 2008 में संशोधन प्रस्तावित करता है।
प्रमुख बिंदु
प्रमुख प्रावधान:
- परिभाषा :
- यह हवाई अड्डों के एक समूह को शामिल करने के लिये प्रमुख हवाई अड्डे की परिभाषा में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
- 2008 के अधिनियम के अनुसार, एक हवाई अड्डे को प्रमुख हवाई अड्डे के रूप में नामित किया जाता है यदि इस हवाई अड्डे से कम-से-कम 35 लाख यात्री वार्षिक तौर पर आवागमन करते हैं।
- केंद्र सरकार अधिसूचना के ज़रिये किसी भी हवाई अड्डे को प्रमुख हवाई अड्डे के रूप में नामित कर सकती है।
- यह हवाई अड्डों के एक समूह को शामिल करने के लिये प्रमुख हवाई अड्डे की परिभाषा में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
- टैरिफ:
- यह AERA को न केवल 35 लाख से अधिक यात्रियों के वार्षिक यातायात वाले प्रमुख हवाई अड्डे के रूप में बल्कि हवाई अड्डों के एक समूह हेतु वैमानिकी सेवाओं के लिये टैरिफ तथा अन्य शुल्कों को विनियमित करने की अनुमति देगा।
- लाभदायक जुड़ाव:
- सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत निवेश हेतु एक व्यवहार्य संयोजन के लिये बोलीदाताओं को एक संयोजन / पैकेज के रूप में लाभदायक तथा गैर-लाभकारी हवाई अड्डों को जोड़ने में सक्षम होगी।
महत्त्व:
- यह अपेक्षाकृत दूरदराज़ के क्षेत्रों में हवाई संपर्क का विस्तार करने में मदद करेगा, परिणामस्वरूप उड़ान (UDAN) क्षेत्रीय संपर्क योजना को गति प्रदान करेगा।
- यह छोटे हवाई अड्डों के विकास को प्रोत्साहित करेगा।
चिंताएँ:
- 'हवाई अड्डों के समूह' की परिभाषा के तहत अर्हता प्राप्त करने के लिये कौन से हवाई अड्डों को एक साथ जोड़ा जाएगा, यह तय करने के मानदंड पर बिल में स्पष्टता का अभाव है , चाहे वह 35 लाख से अधिक यात्री यातायात हो या कुछ अन्य कारक हों।
भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण
पृष्ठभूमि:
- प्रारंभ में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा हवाई अड्डों का संचालन और प्रबंधन का कार्य किया जाता था। कुछ समय बाद नागरिक उड्डयन नीति में बदलाव किया गया क्योंकि कुछ निजी अभिकर्त्ताओं को भी हवाई अड्डे के संचालन का कार्य दिया गया था। इसके पीछे निहित उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतरीन सेवाएँ प्रदान करना था।
- आमतौर पर हवाई अड्डों पर एकाधिकार का जोखिम होता है क्योंकि पर शहरों में प्रायः एक नागरिक हवाई अड्डा होता है जो उस क्षेत्र में सभी वैमानिकी सेवाओं को नियंत्रित करता है।
- निजी हवाई अड्डा संचालक अपने एकाधिकार का दुरुपयोग न कर सके यह सुनिश्चित करने के लिये विमानपत्तन क्षेत्र में एक स्वतंत्र शुल्क नियामक की आवश्यकता महसूस की गई थी।।
परिचय:
- भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 2008 (AERA अधिनियम) पारित किया गया जिसने AERA को एक वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया।
- यह इस बात को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया था कि देश को एक ऐसे स्वतंत्र नियामक की आवश्यकता है जिसके पास पारदर्शी नियम हों और जो सेवा प्रदाताओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हितों का भी ध्यान रख सके।
कार्य:
- AERA प्रमुख हवाई अड्डों पर वैमानिकी सेवाओं (हवाई यातायात प्रबंधन, विमान की लैंडिंग एवं पार्किंग, ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएँ) के लिये टैरिफ और अन्य शुल्क (विकास शुल्क तथा यात्री सेवा शुल्क) नियंत्रित करता है।