भारतीय समाज
भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या रिपोर्ट 2020: एनसीआरबी
- 30 Oct 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या रिपोर्ट 2020, NCRB मेन्स के लिये:जनसंख्या और संबद्ध मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने भारत में दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और आत्महत्याओं की रिपोर्ट 2020 जारी की।
प्रमुख बिंदु
- आत्महत्या श्रेणियाँ:
- रिपोर्ट में आत्महत्याओं को नौ श्रेणियों में विभाजित किया गया है- दैनिक मज़दूर, गृहिणियों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग, 'पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों', 'छात्रों', 'स्व-नियोजित व्यक्तियों', 'सेवानिवृत्त व्यक्तियों' के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- NCRB ने 2014 में ही 'दुर्घटनाग्रस्त मौतों और आत्महत्याओं' के अपने आँकड़ों में दैनिक ग्रामीणों को वर्गीकृत करना शुरू कर दिया था।
- रिपोर्ट में आत्महत्याओं को नौ श्रेणियों में विभाजित किया गया है- दैनिक मज़दूर, गृहिणियों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोग, 'पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों', 'छात्रों', 'स्व-नियोजित व्यक्तियों', 'सेवानिवृत्त व्यक्तियों' के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- आत्महत्याओं की संख्या:
- भारत में आत्महत्याएँ वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में 10% बढ़कर 1,53,052 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गईं।
- वर्ष 2014 और वर्ष 2020 के बीच आत्महत्या से मरने वालों में दैनिक वेतन भोगियों की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है, इसके बाद 'गृहिणियों', स्व-नियोजित व्यक्तियों, किसानों और सेवानिवृत्त व्यक्तियों का नंबर आता है।
- पेशेवर/वेतनभोगी व्यक्तियों के समूह ने आत्महत्याओं में वृद्धि दर्ज की।
- बेरोज़गार व्यक्तियों के समूह में आत्महत्याओं में वृद्धि देखी गई और उनका अनुपात वर्ष 2019 से थोड़ा बढ़ गया।
- वर्ष 2019 से दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी आई है और यह संख्या वर्ष 2010 के बाद सबसे कम है।
- कुल आत्महत्याओं में छात्रों की हिस्सेदारी पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रही है और अब वर्ष 1995 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है।
- राज्यवार विश्लेषण:
- राज्यों में सबसे खराब स्थिति महाराष्ट्र की है, जहाँ कृषि क्षेत्र में 4,006 आत्महत्याएँ हुई हैं, जिसमें कृषि श्रमिकों की आत्महत्याओं में 15% की वृद्धि शामिल है।
- खराब रिकॉर्ड वाले अन्य राज्यों में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
- कारण-वार विश्लेषण:
- आत्महत्या के कारणों में जो ऐसी मौतों का कम-से-कम एक प्रतिशत हैं:
- गरीबी और बेरोज़गारी में सबसे ज़्यादा वृद्धि दर्ज की गई।
- इसके बाद नशीली दवाओं का दुरुपयोग या शराब की लत, बीमारी और पारिवारिक समस्याएँ आती हैं।
- हालाँकि छात्रों की आत्महत्या से होने वाली मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है, यह परीक्षा की तुलना में अपेक्षाकृत लंबी अवधि की संभावनाओं (शायद शिक्षा जारी रखने में असमर्थता) से संबंधित थी।
- आत्महत्या के कारणों में जो ऐसी मौतों का कम-से-कम एक प्रतिशत हैं:
- संबंधित पहल:
- मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017: इसका उद्देश्य मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है।
- किरण: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने चिंता, तनाव, अवसाद, आत्महत्या के विचार व अन्य मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं का सामना कर रहे लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन शुरू की है।
- मनोदर्पण पहल: यह आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है। इसका उद्देश्य कोविड-19 के समय में छात्रों, परिवार के सदस्यों और शिक्षकों को उनके मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिये मनोसामाजिक सहायता प्रदान करना है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
- NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान करके समर्थ बनाया जा सके।
- यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
- NCRB देश भर में अपराध के वार्षिक व्यापक आँकड़े ('भारत में अपराध' रिपोर्ट) एकत्रित करता है।
- वर्ष 1953 से प्रकाशित होने के बाद यह रिपोर्ट देश भर में कानून और व्यवस्था की स्थिति को समझने में एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है।
- NCRB के दूसरे सीसीटीएनएस हैकथॉन और साइबर चैलेंज 2020-21 का उद्घाटन समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया।