अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार | 09 Oct 2018
चर्चा में क्यों?
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिये इस साल अमेरिका के दो अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार के लिये चुना गया है।
प्रमुख बिंदु
- रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ इकोनॉमिक्स ने इस पुरस्कार के लिये विलियम नॉर्डहॉस और पॉल रोमर के नाम का एलान किया है। इन दोनों अर्थशास्त्रियों को यह सम्मान जलवायु परिवर्तन और अर्थशास्त्र के लिये तकनीकी नवाचार की खोज हेतु दिया गया है।
- येल अर्थशास्त्री विलियम डी. नॉर्डहॉस ने जलवायु परिवर्तन की समस्या को दूर करने के लिये कार्बन उत्सर्जन पर कर लगाने हेतु सरकारों को मनाने के लिये चार दशकों से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- 77 वर्षीय नॉर्डहॉस, 1970 के दशक से पर्यावरण अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के पूर्वानुमान के लिये आर्थिक विश्लेषण लागू करने में उनके काम को मान्यता मिली है।
- उल्लेखनीय है कि अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से पहले शांति, मेडिसिन, भौतिकी और रसायन शास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कार का एलान किया जा चुका है।
- इसमें यजीदी कार्यकर्त्ता नादिया मुराद को 2018 के नोबेल शांति पुरस्कार और मेडिसिन के लिये संयुक्त रूप से जेम्स पी. एलिसन और तासुकू होंजो को चुना गया।
- वहीं भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के लिये अमेरिका के आर्थर अश्किन, फ्राँस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड के नाम की घोषणा की जा चुकी है।
- इसके अलावा, रसायन शास्त्र के लिये फ्राँसेस एच. एरनॉल्ड, जॉर्ज पी. स्मिथ और सर ग्रेग्रॉरी पी. विंटर को नोबेल पुरस्कार के लिये चुना गया है।
नहीं दिया जाएगा साहित्य का नोबेल पुरस्कार
- उल्लेखनीय है कि साहित्य के नोबेल पुरस्कार को इस साल स्थगित कर दिया गया है।
- पुरस्कार के 117 साल के इतिहास में इसे दूसरी बार रोका गया है। इससे पहले इसे 1943 में द्वितीय विश्वयुद्ध को लेकर स्थगित किया गया था।
- नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था एक सेक्स स्कैंडल में फँस गई है। यह अकादमी 1901 से ही साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन कर रही है।
- भारत को अभी तक सिर्फ एक बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है। 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजलि के लिये यह पुरस्कार दिया गया था।
- एकेडमी ने फैसला किया है कि इस साल यह पुरस्कार प्रदान नहीं किया जाएगा, क्योंकि एकेडमी के कुछ सदस्य पुरस्कार प्रदान करने को लेकर चिंतित हैं और वे इसके लिये स्थिति को अनुकूल नहीं बता रहे हैं।
पिछले साल नवंबर में 18 महिलाओं ने ‘मी टू’ अभियान के जरिये अरनॉल्ट पर यौन हमला व उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। हालाँकि अरनॉल्ट ने सभी आरोपों से इनकार किया है।