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डेली न्यूज़


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

21वांँ SCO शिखर सम्मेलन

  • 18 Sep 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

शंघाई सहयोग संगठन, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, शंघाई फाइव, क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS)

मेन्स के लिये:

शंघाई सहयोग संगठन की वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में प्रासंगिकता

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद का 21वांँ शिखर सम्मेलन ताज़िकिस्तान के दुशांबे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया था।

  • इस बैठक में मुख्य रूप से अफगानिस्तान की वर्तमान परिस्थितयों और इसके वैश्विक नतीजों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
  • ईरान को संगठन के नौवें पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • भारत का रुख:
    • भारत द्वारा कट्टरपंथ और उग्रवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए एक संयुक्त दृष्टिकोण के साथ संगठन के सभी देशों को एक साथ आने और आतंक के वित्तपोषण तथा  सीमा पार आतंकवाद को रोकने हेतु एक आचार संहिता तैयार करने का आग्रह किया गया।
      • भारत द्वारा मध्य एशिया में उदारवादी इस्लाम के महत्त्व पर भी ज़ोर दिया गया।
    • वित्तीय और व्यापार प्रवाह में रुकावट के कारण अफगान लोगों की आर्थिक समस्याएंँ बढ़ रही हैं अत: इस बैठक में अफगानिस्तान के सामने आ रहे गंभीर मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की गई।
    • भारत ने इस बात को भी चिह्नित किया कि यदि अफगानिस्तान में विकास कार्य किये जाते है तो इससे ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का अनियंत्रित प्रवाह हो सकता है।
    • भारत, मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। भारत का मानना है कि सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिये।

शंघाई सहयोग संगठन:

  • परिचय:
    • यह एक अंतर सरकारी स्थायी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 2001 में की गई थी।
    • SCO चार्टर वर्ष 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था और इसे वर्ष 2003 में लागू किया गया था।
    • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना है।
    • इसे उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में से एक के रूप में उभरा है।
  • आधिकारिक भाषाएँ: 
    • रूसी और चीनी
  • स्थानीय निकाय: 
    • SCO सचिवालय बीजिंग में स्थित है।
    • क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (Regional Anti-Terrorist Structure- RATS) की कार्यकारी समिति, ताशकंद में स्थित है।
  • अध्यक्षता
    • इसकी अध्यक्षता सदस्य देशों द्वारा बारी-बारी से एक वर्ष के लिये की जाती है।
  • उत्पत्ति: 
    • वर्ष 2001 में SCO के गठन से पूर्व, कज़ाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस और ताज़िकिस्तान शंघाई फाइव (Shanghai Five) के सदस्य थे।
    • शंघाई फाइव (वर्ष 1996) की उत्पत्ति सीमा निर्धारण (सीमांकन) और विसैन्यीकरण पर वार्ताओं की एक शृंखला के बाद हुई। ये वार्ताएँ चार पूर्व सोवियत गणराज्यों द्वारा चीन के साथ सीमाओं पर स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थीं।
    • वर्ष 2001 में उज़्बेकिस्तान के संगठन में शामिल होने के बाद, शंघाई फाइव का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) कर दिया गया।
    • भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में इसके सदस्य बने। ईरान SCO का नौवाँ और सबसे नया सदस्य है।
      • वर्ष 2005 में भारत को SCO में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और इसने सामान्यतः समूह की मंत्रिस्तरीय बैठकों में भाग लिया है जो मुख्य रूप से यूरेशियाई क्षेत्र में सुरक्षा तथा आर्थिक सहयोग पर केंद्रित होती हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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